अब भी मैं तेरा इंतज़ार करता हूँ

आज पुरानी धुन में तेरी आवाज़ सुनी, जैसे किसी ख्वाब की छांव हो,


जो पल तेरे संग बिताए, अब भी दिल के करीब हैं,
तुझसे बिछड़ गया हूँ, फिर भी मिलने की उम्मीदें अजीज़ हैं।
तेरे बिना अब खुशियों की ओर बढ़ने से डरता हूँ,
निश्चित कुछ नहीं, फिर भी मैं तेरा इंतज़ार करता हूँ।

तेरी यादें दिल के ज़ख्मों पर मरहम का काम करती हैं,
तेरे बिना हर रोज़ ये विरह की अग्नि में जलती है।
जो सपने हमने संग देखे थे, अब अकेला ही वो सपने बुनता हूँ,
तेरे बिना हर सपना टूटा है, फिर भी मैं तेरा इंतज़ार करता हूँ।

होश आया तो जाना, तू कहीं दूर निकल गई है,
अब तेरी यादों से ही मेरी पूरी ज़िंदगी बंध गई है।
मन अब जैसे सूना, खाली सा हो गया है,
फिर भी तेरे एहसासों से इसे हर दिन भरता हूँ,
पूरी तरह बिखरा हूँ, फिर भी मैं तेरा इंतज़ार करता हूँ।

तेरे बिना हर दिन अधूरा सा गुजरता है,
फिर भी ये दिल तुझसे ही हर पल प्यार करता है।
शायद एक दिन तू लौटेगी, ये उम्मीद दिल में संजोए रखता हूँ,
तेरे बिना ये दिल टूटा है, फिर भी मैं तेरा इंतज़ार करता हूँ।

*प्रेम का इंतज़ार अपनी दिकु के लिए*

प्रेम ठक्कर "दिकुप्रेमी"
9023864367
सूरत, गुजरात

प्रेम

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