राजकुमार गुप्ता
मथुरा। वृंदावन छटीकरा मार्ग स्थित लगभग 35 एकड़ भूमि में अवैध पेड़ों के कटान के संबंध प्रकरण में मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष
द्वारा आदेश पारित किया गया है कि जब तक इस प्रकरण का एनजीटी से निस्तारण नहीं हो जाता तब तक मानचित्र स्वीकृति संबंधी कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एस बी सिंह का कहना है कि विकास प्राधिकरण का उद्देश्य है कि आम लोगों को आवासीय सुविधा उपलब्ध होने के साथ-साथ शहर का नियोजित तरीके से विकास किया जाना है इसके लिए प्राधिकरण द्वारा हनुमत बिहार तथा गोविंद विहार आवासीय परियोजना विकसित की जा रही है। वही छाता और फरह में भी आवासीय योजना प्रस्तावित है। दीपावली पश्चात हनुमत विहार के प्लॉटों का लॉटरी द्वारा आवंटन संभावित है। उन्होंने कहा है कि प्राधिकरण में मानचित्र स्वीकृति हेतु ओबी पास पोर्टल पर कोई भी व्यक्ति अपना मानचित्र वांछित अनापत्ति के साथ अपलोड कर सकता है। छटीकरा रोड पर कथित डालमिया बाग प्रकरण में पेड़ों की कटाई वाली 90,564 वर्ग मीटर भूमि का तपोवन के नाम से लेआउट आश्रम आवासीय उद्देश्य से 15 अगस्त 24 को पोर्टल पर स्वीकृति हेतु अपलोड किया गया है । उक्त मानचित्र अभी तक लखनऊ स्तर पर स्कूटनी सेल में विचाराधीन है। उक्त नक्शा एमबीडीए को प्राप्त नहीं हुआ । पोर्टल पर दर्ज अभिलेखों के अनुसार इस भूमि के स्वामी का नाम नारायण प्रसाद डालमिया अंकित है।

उपाध्यक्ष ने यह भी स्पष्ट किया कि चूकि उक्त भूमि पर स्थल पर कोई निर्माण, सड़क, बिजली, सीवर आदि विकसित नहीं किया गया है अतः यह अवैध विकास या अवैध कालोनी की परिभाषा में नहीं आया है । उक्त भूमि के संबंध में सब रजिस्ट्रार से पूछने पर उन्होंने अपने पत्र दिनांक 02 सितंबर 2024 में उक्त भूमि के संबंध में अक्तूबर 2017 के उपरांत किसी भूखंड का विक्रय न किया जाना बताया । यह विदित है कि उक्त भूमि के सम्बंध में वृक्षों के अवैध कटान का मामला हरित न्यायालय में विचाराधीन है । इस मामले की गंभीरता एवम् संवेदनशीलता को दृष्टिगत रखते हुए उपाध्यक्ष ने आदेश पारित किया कि जब तक माननीय हरित न्यायालय से उक्त प्रकरण का निस्तारण न हो जाए तब तक मानचित्र स्वीकृति संबंधी कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई जाएगी।
प्राधिकरण उपाध्यक्ष एस बी सिंह ने भ्रम दूर करते हुए अवगत कराया है कि इस संबंध में सोशल मीडिया आदि पर भूमि का मानचित्र स्वीकृति के संबंध में लोगों द्वारा विभिन्न विभिन्न जानकारी प्राप्त की जा रही है। इसलिए स्पष्ट कर दिया गया है कि प्राधिकरण स्तर पर इस भूमि से संबंधित कोई भी नक्शा स्वीकृति हेतु न तो विचाराधीन है न ही कोई मानचित्र स्वीकृत किया गया है।

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