मथुरा। सिर में बुखार चढ़ने से 10 वर्षीय बालक नरेन्द्र के हालत इतनी बिगड़ी की वह बेहोश होकर कोमा में चला गया। डाक्टरों ने उसे बचाने की उम्मीद खो दी। ऐसे में संजीवन बूटी बनकर सामने आए केएम हॉस्पिटल के बाल रोग विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डाक्टर सौरभ सिंह ताल्यान ने बालक का इलाज करते हुए पांच दिन में कोमा से बाहर निकालकर उसे स्वस्थ कर दिया है। बैड पर आया बालक, अपने पैरों से चलकर आज अपने घर चला गया है। औलाद को नई जिंदगी मिलने पर बालक के परिजनों ने केएमयू के कुलाधिपति किशन चौधरी सहित केएम परिवार के चिकित्सक और सदस्यों का आभार जताया है। उन्होंने सभी से आग्रह किया है कि जिंदगी का दूसरा नाम केएम हॉस्पिटल है यहां के चिकित्सक भगवान से कम नहीं है।
विदित रहे कि छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश के मूलनिवासी टीकेश्वर व उनकी पत्नी वृंदावन में ठाकुरजी की पोशाक की ढकेल लगाते है, उनका 10 वर्षीय पुत्र नरेन्द्र को 7 सितम्बर को बुखार आया, नार्मल दवा ली लेकिन बुखार सिर पर चढ़ने लगा और वह कोमा में चला गया। उसके परिजन वृंदावन, मथुरा, आगरा के कई अस्पतालों में दिखाने पहुंचे, लेकिन कोई भी डाक्टर उसे कोमा से बाहर नहीं निकाल सका। बेहोशी की हालत में बैड पर पड़े़ बालक को देखकर टीकेश्वर उसकी पत्नी अपना धैर्य खोते जा रहे थे। इसी बीच टीकेश्वर के पड़ौसी ने केएम अस्पताल ले जाने की सलाह दी। मरीज के परिजन केएम अस्पताल पहुंचे और उन्होंने पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट के डा. सौरभ सिंह ताल्यान से मिले। डा. ताल्यान ने जांच के बाद इलाज शुरू कर दिया जिसमें मेडीसन, न्यूरो विभाग के चिकित्सक, पीजी डाक्टर, नर्सिंग स्टाफ अन्य के अथक प्रयासों से मरीज की तबियत में सुधार हुआ वह मात्र पांच दिन के अंदर कोमा से बाहर आ गया। आज वह खाना खा रहा है बोल रहा है और वह स्वस्थ है। स्वस्थ हुए बालक नरेन्द्र ने बताया कि वह वृंदावन के बांकेबिहारी सनातनी स्कूल का छात्र है, उसे बुखार आया था उसके बाद मुझे कुछ भी याद नहीं है, क्या हुआ था मेरे साथ। आज मैं ठीक हूं।
बाल रोग विशेषज्ञ डा. सौरभ सिंह ताल्यान ने बताया कि बालक के सिर में बुखार चढ़ गया था, जिससे दिमाग की नस कमजोर और ब्लाक होने से मरीज कोमा में चला गया था, मरीज 25 दिन तीन हॉस्पिटलों में भर्ती रहा, लेकिन स्वस्थ न होने पर मां-बाप का धैर्य जबाव दे चुका था। यहां पहुंचने पर केएम परिवार की चिकित्सकीय टीम के अथक प्रयासों का परिणाम है कि नीरज स्वस्थ है। बेहोशी की हालत में भर्ती मरीज को खाना नली द्वारा दिया जाता था, अन्य प्रक्रिया भी नली द्वारा बच्चे को दी गई थी। आज उसको छुट्टी दे दी गई है। 10 वर्षीय बालक को स्वस्थ करने में केएम के अन्य चिकित्सकों में डा. मोनिका, डा. अर्चिता जैन, डा. रीतिका, डा. आस्था, डा. मिनाल, डा. निहारिका का विशेष सहयोग रहा। इस सफलता के लिए केएमयू के कुलाधिपति किशन चौधरी, विवि के वाइस चांसलर डा. डीडी गुप्ता, प्रो. वाइस चांसलर डा. शरद अग्रवाल, मेडीकल प्रचार्य डा. पीएन भिसे, एडीशनल मेडीकल सुप्रीडेंट डा. आरपी गुप्ता ने पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट सहित समस्त चिकित्सकों बधाई दी है।
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