मैज़ापुर रेलवे स्टेशन के सामने की पांच सौ मीटर सड़क जर्जर, आवागमन दुश्वार।
रेल विभाग की मनमानी के चलते लाखों की आबादी प्रभावित, जिम्मेदार मौन
गोण्डा। जिले के कटरा बाजार क्षेत्र अंतर्गत मैज़ापुर रेलवे स्टेशन के सामने की पांच सौ मीटर सड़क जीर्ण शीर्ण व जर्जर हालात में हैं,जिससे इस सड़क पर आए दिन दुर्घटना हो रही है। इस संबंध में कई बार रेलवे के उच्चाधिकारियों से शिकायत भी की गई है,लेकिन अभी तक इस सड़क की मरम्मत नही हो सकी है। मैज़ापुर चीनी मिल का मुख्य मार्ग होने से 30 हज़ार के आसपास किसानों का आवागमन है वहीं हज़ारों स्कूली बच्चों का आवागमन भी होता है। सैकड़ों प्रयास के बावजूद सड़क की मरम्मत नही हो पा रही है। ग्रामीणों ने स्थानीय अधिकारियों से लेकर जिला स्तरीय अधिकारियों से कई बार शिकायत की लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ। इस संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा रेलवे के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा गया था जिस पर उन्होंने आश्वासन भी दिया था,लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई है और उक्त जर्जर सड़क अपनी बदहाली बयां करते हुए मरम्मत की बाट जोह रही है। जिससे करीब एक लाख के आसपास की आबादी जर्जर सड़क पर चलने को मजबूर है। वहीं रेल विभाग की मनमानी के चलते लाखों की आबादी प्रभावित है।
आपको बता दें कि तहसील कर्नलगंज क्षेत्र के अन्तर्गत कटरा विधानसभा क्षेत्र के मंगुरही ग्राम पंचायत में एशिया का सबसे बड़ा एथेनॉल प्लांट लगा है। जब इस एथेनॉल प्लांट का शिलान्यास करने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आये हुए थे तो मंच से ही तत्कालीन कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने आसपास के सड़कों की हालत को बयां किया था और कहा था मैज़ापुर चीनी मिल के आसपास की सड़कें काफी जर्जर अवस्था मे हैं। हालांकि बाद में सड़कों का निर्माण हुआ भी लेकिन मैज़ापुर से एथेनॉल प्लांट को जाने वाली व दर्जनों मजरों को जोड़नी वाली सड़क मैज़ापुर स्टेशन के पास पूर्वी गुमटी से लेकर पश्चिमी गुमटी तक लगभग 500 मीटर सड़क अत्यंत जर्जर अवस्था में है। जिसके संबंध में कई बार रेलवे के उच्च अधिकारियों को शिकायत भी की गई है लेकिन अभी तक इस सड़क की मरम्मत नही हो सकी है। इस सड़क से हज़ारों स्कूली बच्चों का आवागमन है,वहीं मैज़ापुर चीनी मिल का मुख्य मार्ग होने से 30 हज़ार के आसपास किसानों का आवागमन होता है। उनके द्वारा इस जोखिम भरे रास्ते से ही गन्ने से लदी ट्रालियों को निकाला जाता है। जर्जर सड़क होने के चलते सीजन में कई ट्रॉलियां पलट भी जाती हैं जिससे आवागमन ठप हो जाता है और काफी परेशानी उठानी पड़ती है। इस संबंध में ग्राम प्रधान अश्विनी तिवारी का कहना है कि यदि रेल प्रशासन इजाजत दे तो हम ग्राम पंचायत स्तर पर ही जर्जर सड़क की सुधार करवा दें या पीडब्ल्यूडी विभाग करवा दे।
हिन्दी संवाद न्यूज से
एम पी मौर्या
गोंडा।
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