दीपावली का पर्व रोशनी और उमंग का त्यौहार है।

 घर घर में कई प्रकार के पक वान बनाए जाते हैं। दीपावली पर्व  के दौरान मावे की खासी मांग क्षेत्र में बढ़ जाती है। और इसी मांग को देखते हुए अधिक से अधिक मुनाफा कमाने के लिए, मिलावट खोरों द्वारा बड़ी मात्रा में नकली और अमानक मावे की सप्लाई भी धड़ल्ले से की जाती है।
इस बार भी त्यौहार ज्यों ज्यों नजदीक आते ही गए, त्यो त्यो शहर में मावे की सप्लाई बढ़ती गई है लेकिन अभी तक उसकी जांच या निरी क्षण के लिए प्रशासन ने कोई कार्रवाई शुरू नहीं की है। ऐसे में संभावना बनी हुई है कि क्षेत्र के लोगों को अमानक और दूषित मावे के उपयोग के कारण अपने स्वास्थ्य से खिलवाड़ करना पड़ रहा है। नगर व ग्रामीण अंचलों में  दिपावली का त्यौहार नजदीक आते ही नकली मावा व मिठा इयाँ बनाने का काम तेजी से फल फूल रहा है। कही नकली घी बनने की खबर निकलकर सामने आ रही है तो कही रंग बिरंगी मिलावटी मिठाइयाँ भी खुले आम बिक रही है। दिपावली का त्योहार आते ही कम समय में अधिक धन लाभ अर्जित करने के लिए मिलावट खोर सक्रिय हो जाते हैं। ऐसे में मिलावट खोर रंग बिरंगी कई मिठाइयों को दुकानों पर सजाने लगते हैं जो की स्वास्थ्य के लिए हानि कारक साबित हो सकता है,  इन रंग बिरंगी मिठाइयों की जो गुणवत्ता होनी चाहिए वह दूर दूर तक कही नजर नहीं आती है, स्वाद में खोए के समान लगती है,लेकिन इन मिठाइयों में एक प्रतिशत भी खोए की मात्रा नहीं होती है। साटन रोड गुरु दयाल डीह, हासिम पारा महुवा धनी रोड पर इन दिनों मिठाइयों का मिलावटी कारोबारों बड़ी तेजी से खूब चल रहा है कई जगह तो ऐसा देखा जा है जहां खुले में मिठाइयां रखी हुई है। जिससे सड़कों से उड़ने वाले धूल के कण इनमें समा होने से  जिससे बीमारियां फैलने का खतरा बना रहता है। ऐसी मिठाई खाकर लोगों का स्वास्थ्य भी खराब हो सकता है। बाजार में तरह तरह की मिलावटी मिठाइयाँ उपलब्ध है ग्राहकों से शुद्धता के नाम पर ज्यादा पैसे वसूल किये जा रहे हैं। लेकिन सामग्री सही नहीं मिलती।छापे के डर से मिठाई का कारोबारी दिन की बजाय रात में भी मिठाइयाँ तैयार कर रहे है। रात में मिठाइयाँ तैयार करने के बाद उन्ही मिलावटी मिठाइ यों को दिन में दुकानों पर सजा दिया जाता है। दिपावली पर्व के दौरान सिर्फ नकली मावे और मिठाइयों की ही समस्या नहीं है, बल्कि मिठाइयों को तरह-तरह के पक वान बनाने के लिए अमानक रंगों और कई प्रकार के हानि कारक केमिकल का उपयोग भी खुले आम किया जा रहा है। खाद्य सामग्रियों को आकर्षक बनाने के लिए कई तरह के केमि कल का उपयोग होता है, जो स्वास्थ्य के लिए जहरीला साबित होता है।जिम्मेदार विभाग के द्वारा कोई कार्रवाई न होने के कारण मिलावट खोरों का कार्य निरन्तर बढ़ता जा रहा है।होटलों में मिठाइयां सहित कई तरह की खाद्य सामग्रियों में मिलावट देखी जा सकती है,जो खाने से स्वाद में बदलाव व समय पूर्व ही खराब हो जाते हैं।खाद्य विभाग द्वारा भी केवल त्योहारी सीजन में ही सैंपल लिए जाते हैं। सैंपल की रिपोर्ट आने तक लोग खाद्य पदार्थों का सेवन भी कर चुके होते हैं। रिपोर्ट अमानक आने पर कार्रवाई के नाम पर खाना पूर्ति की जाती है।

        हिन्दी संवाद न्यूज से
       असगर अली की रिपोर्ट
        उतरौला बलरामपुर। 

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