अहिंसा के माध्यम से हम जियो और जीने दो के सिद्धांत का पालन कर सकते हैं-भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता अपर जिला जज


अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क) राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती एवं भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर मीटिंग हाल जनपद न्यायालय अम्बेडकरनगर में श्री राम सुलीन सिंह, माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष महोदय, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बेडकरनगर द्वारा महात्मा गांधी एवं श्री लाल बहादुर शास्त्री की तस्वीरों पर माल्यापर्ण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई एवं जनपद न्यायालय अम्बेडकरनगर के समस्त सम्मानित न्यायिक अधिकारीगण द्वारा भी इस अवसर पर महापुरुषों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई, इस अवसर पर जनपद न्यायालय अम्बेडकरनगर के कर्मचारीगण, बार एसोसिएशन के सम्मानित सदस्यगण उपस्थित रहे।

उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लान आफ एक्शन 2024-25 के अनुपालन में श्री राम सुलीन सिंह, माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के आदेशानुसार एवं श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार आज दिनांक 02 अक्टूबर को विश्व अहिंसा दिवस (महात्मा गांधी जयंती) के अवसर पर जनपद अम्बेडकरनगर की समस्त तहसीलों में मध्यस्थता प्रक्रिया का महत्व एवं ए०डी०आर० मैकेनिज़्म के सम्बन्ध में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन पराविधिक स्वंय सेवकों के सहयोग से किया गया।

   इस अवसर पर श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर ने विश्व अहिंसा दिवस (महात्मा गांधी जयंती) के अवसर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद किया तथा बताया कि 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें विश्व से यह आग्रह किया गया कि वह शांति एवं अहिंसा के विचार पर अमल करे और महात्मा गांधी के जन्म दिवस को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनायें। अहिंसा का शाब्दिक अर्थ है बिना हिंसा की प्रवृत्ति यह शब्द सुनने में आसान होगा, लेकिन जीवन की कठिनाईयों से जूझते हुये इसका पालन करना अत्यंत कठिन है। इसका व्यापक अर्थ है किसी भी प्राणी को तन, मन, कर्म, वचन, और वाणी से नुकसान न पंहुचाना। अहिंसा के माध्यम से हम जियो और जीने दो के सिद्धांत का पालन कर सकते हैं। अहिंसा की सबसे मुख्य विशेषता यह है कि हम अपने हित के लिये भी सोच सकते हैं और उससे अन्य लोगों का अहित भी नहीं होगा। उन्होने बताया कि गांधीजी ने अहिंसा के सिद्धांत का पालन करते हुये न सिर्फ अपने अधिकारों के लिये लड़ाई लड़ी बल्कि देश को आजाद भी करवाया।
इसी कम में अपर जिला जज / सचिव महोदय द्वारा बताया गया कि उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के सहयोग से जनपद में ब्लाक स्तर पर विधान से समाधान कार्यक्रम के अंतर्गत दिनांक 09.10.2024 को विकासखण्ड-अकबरपुर, अम्बेडकरनगर में महिलाओं के हितार्थ विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा इस कार्यक्रम में महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अपराध के विषय में, महिलाओं के अधिकार, महिला सशक्तीकरण, महिलाओं के हितार्थ सरकार द्वारा चलायी जा रही कल्याणकारी योजनाओं एवं महिला के हित में निर्मित कानूनों तथा महिलाओं की शिकायतों के समाधान में राष्ट्रीय महिला आयोग एवं राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की भूमिका के सम्बन्ध में विस्तारपूर्वक चर्चा की जायेगी। इसके अतिरिक्त जनपद की समस्त तहसीलों में मध्यस्थता प्रक्रिया का महत्व एवं ए०डी०आर० मैकेनिज्म के सम्बन्ध में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया इन विधिक साक्षरता शिविरों के माध्यम से जनपद के आमजन के मध्य मध्यस्थता प्रक्रिया के महत्व के विषय में जानकारी प्रदान की गई।

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