मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिल निर्देशक सनोज मिश्रा ने अपने ऊपर हुए हमले को लेकर गुहार लगाई तो दो सिक्योरिटी गार्ड लगे सुरक्षा में ।
पिछले दिनों एक सत्य घटनाओं पर आधारित फिल्म आई थी द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल। इस फ़िल्म के ट्रेलर रीलीजिंग के समय से ही जो बवाल शुरू हुआ था वो अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस फ़िल्म के निर्देशक सनोज मिश्रा के ऊपर जानलेवा हमला तक हो गया था जिसमें इनकी जान किसी तरह बच गई और वे कुछ दिनों तक इस फ़िल्म को लेकर मानसिक अवसाद में भी चले गए थे । इसी फिल्म और उससे हुए विवाद को लेकर दिनांक 9 अक्टूबर को फिल्म निर्देशक सनोज मिश्र ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में भेट कर अपनी फिल्म " द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल" से जुड़ी सभी घटनाओं के बारे में विस्तार से चर्चा की । उन्होंने जिन विषम परिस्थितियों और पश्चिम बंगाल की सरकार के निशाने पर रहकर पुलिस और असामाजिक तत्वों के की प्रताड़ना के बाद भी फिल्म को पूरा कर देश और समाज के बीच लाने का जो दुस्साहस किया उसके बारे में अपने अनुभव योगी जी से साझा किए और अपनी व्यथा को खुलकर उनके सामने रखा । सनोज मिश्रा के साथ पूर्व एम एल सी और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य श्री राजा राकेश प्रताप सिंह भी मौक़े पर मौजूद थे जो सनोज मिश्र के गृह जनपद रायबरेली शिवगढ़ के रहने वाले हैं जहां से सनोज ने अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी की थी । सनोज मिश्रा ने मुख्यमंत्री से अपनी फिल्मी यात्रा के साथ इस फिल्म के सभी पहलुओं पर गहन चर्चा की और बताया की किस तरह से उन्होंने इस फिल्म के लिए कई साल तक रिसर्च किया और उसके बाद उन्होंने फ़िल्म निर्माता वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को इस फिल्म प्लॉट सुनाया क्योंकि उन्होंने वसीम का एक ऐसा वीडियो देखा था जिसमें वो रोकर लोगों से मदद की अपील कर रहा था उसका कोई साथ नहीं दे रहा था क्योंकि उसने सनातन धर्म में अपनी घर वापसी कर जितेंद्र नारायण बन गया था , सनोज ने उसके साथ औपचारिक करारनामा करने के बाद उसको फिल्म का निर्माता बनाया लेकिन उस वसीम रिज़वी ने खुद को प्रसिद्धि दिलाने के लिए पश्चिम बंगाल में उनको मरवा कर खुद फिल्म का सर्वेसर्वा घोषित करने का प्रयास किया ,लेकिन किसी तरह से सनोज वहां से बच निकले और वसीम रिज़वी का यह षड्यंत्र नाक़ामयाब हो गया ।
इस दौरान सनोज ने कई दिन गुमशुदी में काशी के अस्सी घाट पर बिताए थे जहां योगी जी की उत्तर प्रदेश पुलिस और अभिनेत्री सांसद कंगना रनौत की मदद से उनको बरामद कर लखनऊ लाकर अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा । वसीम रिज़वी के बारे में सनोज ने अभी तक मीडिया में कभी इसलिए भी जुबान नही खोली थी क्योंकि उनको वसीम रिज़वी से अपने परिवार और जान माल का खतरा था, आज योगी जी के आश्वासन के बाद उन्होंने अपनी पीड़ा उनके सामने खुलकर बताई की किस प्रकार से वसीम रिजवी खुद को प्रसिद्ध कर सरकार को खुश करना चाहता था, ताकि उसको कहीं से सिम्पैथी के नाम पर राज्य सभा सांसद बना दिया जाय .! लेकिन फिल्म के प्रदर्शन के बाद भी जब उसको किसी ने भाव नहीं दिया तो वो विपक्षी दलों से मिलकर एक जन आंदोलन बन रही फिल्म को सिनेमाघरों से उतरवा दिया और सनोज मिश्रा को बदनाम करने के लिए कई अनर्गल झूठे आरोप लगाकर कई झूठी शिकायतें देश के अलग अलग हिस्से लखनऊ, अयोध्या, मुंबई और बंगाल में दर्ज करा दिया ।
।इस मसले पर आगे सनोज मिश्रा ने बताया कि वो इन बातों से हतोत्साहित नही हुए है लेकिन उनको दुख है की बांग्लादेश के सताए हुए हिंदुओं और पश्चिम बंगाल की तुष्टिकरण की राजनीति को लोगों तक आने से पहले ही वसीम रिजवी जैसे छद्म वेशधारी ने अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए खत्म कर दिया तथा सनोज मिश्रा को ही फिल्म से दूर कर दिया जो कि अनुबंध की शर्तों के विरुद्ध है । अब सनोज मिश्रा ने ऐसे अपराधिक छवि वाले ढोंगियों के खिलाफ उचित कार्यवाही की मांग की है । साथ ही उन्होंने बताया की फिल्म द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल एक सिनेमा नही बल्कि पूरे देश के लिए एक आंदोलन है जिसमें बहुत से चौकाने वाले तथ्य है जिनसे जनता अनजान है, सनोज ने इस फिल्म के लिए अथक परिश्रम किया था और सभी साक्ष्य के साथ फिल्म को सेंसर बोर्ड से लेकर कोलकाता हाई कोर्ट तक से बाहर निकालने में वो कामयाब हुए, फ़िल्म रीलीजिंग के बाद जहां जहां भी दर्शकों तक उपलब्ध हुई सबने इसकी तारीफ की और सबक भी सीखा, सनोज ने वो बातें भी साझा की जब वांटेड होते हुए भी उन्होंने पश्चिम बंगाल में ही फिल्म की शूटिंग पूरी की । लखनऊ में हुए इस मुलाकात के बाद माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने उनको पूरा संरक्षण देने और उनको न्याय तक साथ देने का आश्वासन दिया है । निर्देशक सनोज मिश्रा अब मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी से मिलने के बाद काफी आश्वस्त दिखे और कहा कि हमें योगी जी की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है और अब वे मुलाकात के बाद काफी निश्चिंत हो गए हैं ।
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