दुग्ध उत्पादन 3.5 लाख किग्रा0 प्रतिदिन किया जाए
दुग्ध संघों के डेयरी प्लांट की उत्पादन क्षमता उपयोगिता को बढ़ाकर
50 प्रतिशत किया जाए
किसानों और पशुपालकों को उनके दुग्ध मूल्य का नियमित
रूप से भुगतान कराना प्राथमिकता
-श्री धर्मपाल सिंह
लखनऊ: 14 अक्टूबर, 2024
उत्तर प्रदेश के दुग्ध विकास मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि दुग्ध उत्पादन 3.5 लाख किग्रा0 प्रतिदिन किया जाए और तरल दुग्ध बिक्री 02 लाख ली0 प्रतिदिन किये जाने के प्रयास किये जाए। प्रत्येक दुग्ध संघ कम से कम 05 मिल्क बूथ बनाने का लक्ष्य निर्धारित कर उसे पूरा करे। दुग्ध संघों में कार्यरत डेयरी प्लांट की क्षमता उपयोगिता को बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जाए।
दुग्ध विकास मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने आज यहां विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में विभागीय कार्यों के गत् एक सप्ताह में क्रियान्वयन की समीक्षा की। श्री सिंह ने कहा कि दुग्ध विकास विभाग का लक्ष्य प्रदेश की जनता को शुद्ध दूध उपलब्ध कराना है और दुग्ध उत्पादन से जुड़े किसानों, पशुपालकों को उनके दुग्ध मूल्य का नियमित रूप से भुगतान कराना प्राथमिकता है। श्री सिंह ने विभागीय अधिकारियों को बंद पड़ी दुग्ध समितियों को पुनः चालू किये जाने और वर्तमान में संचालित समितियां किसी भी कारण से बंद न किये जाने पर विशेष बल दिया।
श्री सिंह ने कहा कि नन्द बाबा एवं गोकुल पुरस्कार के वित्तीय वर्ष 2023-24 के लाभार्थियांे की चयन सूची तैयार कर उन्हें पुरस्कृत करने की कार्यवाही शीघ्र पूरी की जाए। दुग्ध विकास मंत्री ने कानपुर, गोरखपुर और कन्नौज डेयरी प्लांट का संचालन एनडीडीबी को दिये जाने के संबंध में हुई प्रगति की भी समीक्षा की और कहा कि जो भी औपचारिकताएं शेष या अपूर्ण हैं, उन्हें शीघ्र पूरा किया जाए। प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए नई समितियों के गठन एवं पुनर्गठन का लक्ष्य निर्धारण किया गया है, उसे सुदृढ़ कार्ययोजना बनाकर शीघ्र पूरा किया जाए। श्री सिंह ने कहा कि पराग के उत्पादों की मार्केटिंग कर विशेष ध्यान दिया जाए।
श्री सिंह ने निर्देश दिये कि किसानों एवं पशुपालकांे को उनके दुग्ध मूल्य का भुगतान निर्धारित समयावधि में किया जाए और विलम्ब न होने पाये। वर्तमान भुगतान के साथ ही बकाया धनराशि का भी भुगतान कर भुगतान प्रक्रिया को नियमित किया जाए। अवगत कराया गया कि वर्तमान में 18108 निबंधित समितियां हैं, जिसके सापेक्ष 7094 कार्यरत समितियां हैं। प्रत्येक दुग्ध संघ द्वारा 02 दुग्ध समितियों का भ्रमण एवं अनुश्रवण किया जा रहा है। गत् एक माह में 775 कार्यरत एवं 459 अकार्यरत दुग्ध समितियां कुल 1234 दुग्ध समितियों में भ्रमण किया गया। 169 अकार्यरत समितियों को कार्यरत किया गया।
बैठक में दुग्ध विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री के0 रवीन्द्र नायक ने मंत्री जी को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनसे प्राप्त दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन दुग्ध संघों द्वारा अभी भी दुग्ध मूल्य भुगतान में उदासीनता बरती जा रही है उनके द्वारा भुगतान कार्य गंभीरता से किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को समितियों की संख्या बढ़ाये जाने के संबंध में तत्परता से कार्य किये जाने के निर्देश दिये। बैठक में गठन/पुनर्गठन के सापेक्ष संचालित दुग्ध समितियां, दुग्ध समितियों द्वारा भ्रमण, डेयरी प्लांट की उपयोगिता क्षमता, दुग्ध उपार्जन, तरल दुग्ध बिक्री, बकाया दुग्ध मूल्य भुगतान आदि की गहन समीक्षा की गयी।
बैठक में पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक श्री आनंद कुमार सिंह, दुग्ध आयुक्त श्री राकेश कुमार मिश्रा, पीसीडीएफ के डा0 मनोज तिवारी, श्रीमती नयन तारा सहित शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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