एम एल के पी जी कॉलेज बलरामपुर के हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष व सेवानिवृत्त प्राध्यापक तथा
हिन्दी के प्रख्यात कवि-गद्यकार चंद्रेश्वर को इस बार राष्ट्रीय पुस्तक मेला, बलरामपुर गार्डन, लखनऊ में वर्ष 2024 का 'रेवांत साहित्य गौरव सम्मान' प्रदान किया गया । 'रेवांत' लखनऊ से प्रकाशित होने वाली हिन्दी की आलोचनात्मक त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका है जिसका प्रकाशन डेढ़ दशक से अधिक समय से हो रहा है । इस पत्रिका के प्रधान संपादक हिन्दी के वरिष्ठ कवि -संस्कृतिकर्मी कौशल किशोर हैं और संपादक हैं डॉ.अनीता श्रीवास्तव ।
इस बार 'रेवांत गौरव सम्मान के लिए' चयनित चंद्रेश्वर पिछले पैंतालीस वर्षो से लगातार हिन्दी -भोजपुरी में कविताएं, संस्मरणात्मक गद्य और आलोचनात्मक आलेख आदि लिखते आ रहे हैं । उनकी रचनाओं का प्रकाशन देश की प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं -- हंस,पाखी,वागर्थ,नया ज्ञानोदय,आलोचना, वर्तमान साहित्य,कथाक्रम, परिकथा,परिन्दे,प्रेरणा अंशु,ककसाड़, मंतव्य,रेवांत,छांह,पाती, संझवत, भोजपुरी जंक्शन, भोजपुरिया माटी आदि में होता रहा है । चंद्रेश्वर की कविताओं की तीन पुस्तकें - अब भी, सामने से मेरे, डुमरांव नज़र आएगा प्रकाशित हैं । इसके अलावा उनकी गद्य की चार पुस्तकें प्रकाशित हैं जिनमें 'हमार गांव' पर इसी वर्ष उनको विश्व पुस्तक मेला, दिल्ली में सर्वभाषा सम्मान प्राप्त हुआ है । इस अवसर पर उनको कई साहित्यिक लोगों ने बधाई दी है जिसमें प्रमुख रूप से लखनऊ से कौशल किशोर, असगर मेहंदी, फ़रज़ाना मेहंदी, मुहम्मद कलीम अहमद, प्रतुल जोशी, हरे प्रकाश उपाध्याय, नलिन रंजन सिंह, अजीत प्रियदर्शी, अनिल श्रीवास्तव, वीरेंद्र सारंग, भगवान स्वरूप कटियार, कृष्ण कुमार वत्स,इन्दु पाण्डेय,विमल किशोर,इरा श्रीवास्तव, तस्वीर नकवी आदि मुख्य हैं । चंद्रेश्वर महारानी लाल कुँवरि स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बलरामपुर में हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष और प्रोफ़ेसर भी रह चुके हैं । उनको महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफ़ेसर डॉ जे पी पाण्डेय सहित कई विषयों के विभागाध्यक्षों एवं प्राध्यापकों ने भी बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
हिन्दी संवाद न्यूज से
रिपोर्टर वी. संघर्ष
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