उ0प्र0 अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग के नवमनोनीत पदाधिकारियों ने शपथ लेकर किया कार्यभार ग्रहण
समाज कल्याण मंत्री, असीम अरुण ने दिलाई शपथउपेक्षितों की पीड़ा के निराकरण में ही आयोग की सफलता है।
-असीम अरूण
लखनऊ:03 अक्टूबर 2024
उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष, श्री बैजनाथ रावत, उपाध्यक्षों, श्री बेचन राम एवं श्री जीत सिंह खरवार सहित आयोग के अन्य सदस्यों ने आज शपथ लेने के बाद कार्यभार ग्रहण किया। समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्री असीम अरूण ने गोमती नगर स्थित भागीदारी भवन में नवमनोनीत पदाधिकारियों को शपथ दिलाई।
इस 19 सदस्यीय आयोग में सदस्य के रूप में श्री हरेन्द्र जाटव, श्री महिपाल वाल्मिकी, संजय सिंह, सुश्री नीरज गौतम, श्री नरेन्द्र सिंह खजूरी, श्री तीजाराम, श्री विनय राम, श्रीमती अनीता गौतम, श्री रमेशचन्द्र, श्री मिठाईलाल, श्री उमेश कठेरिया, श्री जितेन्द्र कुमार एवं श्रीमती अनीता कमल ने शपथ ग्रहण किया। तीन सदस्य जिनमें श्री दिनेश भारत, श्री शिवनारायण सोनकर एवं श्री रमेश कुमार तूफानी शामिल हैं, किन्हीं कारणोंवश शपथ के लिए उपस्थित नहीं हो सके।
शपथ ग्रहण कार्यक्रम के अवसर पर अपने संबोधन में समाज कल्याण मंत्री ने नवमनोनीत पदाधिकारियों को हार्दिक शुभकामनांए देते हुए कहा कि आयोग में पद मिलना एक जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री, श्री योगी आदित्यनाथ जी ने बहुत सोच समझकर सुयोग्य पदाधिकारियों को चुनते हुए नया आयोग गठित किया है। समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि समाज की सेवा करना सौभाग्य हैै। नवमनोनीत पदाधिकारीगणों को महत्वपूर्ण शक्ति दी गई है। उन्हें इन शक्तियों का प्रयोग समाज के उपेक्षित एवं पीड़ित व्यक्तियों को संविधान के अनुसार न्याय दिलाने के लिए करना होगा। उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग हर प्रकार से आयोग के सहयोग के लिए उपलब्ध है। उपेक्षितों की पीड़ा के निराकरण में ही आयोग की सफलता है।
नवमनोनीत आयोग के अध्यक्ष, श्री बैजनाथ रावत ने कहा कि समाज कल्याण मंत्री ने पीड़ितों को न्याय दिलवाने में काफी मेहनत की है। नवगठित आयोग के पदाधिकारीगण इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए जरूरतमंदो को न्याय दिलाने के लिए दिन-रात मेहनत करेंगे। आयोग के सभी पदाधिकारी कदम से कदम मिलाकर आयोग के संज्ञान में आये मामलों का अन्वेषण एवं अनुश्रवण करते हुए न्याय की कार्यवाही करना सुनिश्चित करेंगे। अध्यक्ष ने कहा कि अति गंभीर प्रकृति के मामलों में आयोग द्वारा स्थलीय निरीक्षण के बाद कार्यवाही की जायेगी ताकि पीड़ित को निष्पक्ष न्याय मिल सके।
इस अवसर पर समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव, डॉ0 हरिओम, निदेशक, समाज कल्याण विभाग श्री कुमार प्रशांत सहित विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
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