जौनपुर। अपात्रों से धनराशि वसूली का हुआ आदेश,पीएम आवास योजना का मामला
मामला वित्तीय वर्ष 2016-17 का,पात्र के स्थान पर दूसरे खाते में भेजी गयी थी आवास योजना की धनराशि
जौनपुर। सुइथाकला विकास खण्ड स्थित चिलबिली गांव में वर्ष 2016-17 में आवास योजना के अन्तर्गत हुए घोटाले में परियोजना निदेशक ने अपात्र लाभार्थी को आवास की धनराशि आवंटित किये जाने के सम्बन्ध में उत्तरदायी कार्मिक की जांच कर सरकारी धनराशि राजकीय कोष में वापस जमा कराने का आदेश जारी किया है।
जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2016-17 में विकास खण्ड स्थित चिलबिली गांव में सत्ती उर्फ शान्ती पुत्री रामकरन व जुगरी के नाम से आवास स्वीकृत हुआ था। लेकिन ग्राम प्रधान द्वारा अवैध रूप से अपने ग्राम पंचायत की शान्ती देवी नाम की दूसरी महिला का आवास सरकारी धन से बनवा दिया गया। जबकि उसका न तो सूची में नाम था और न ही वह आवास योजना के लिए पात्र थी। मामला संज्ञान में आने पर स्थानीय निवासी सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीण मौर्य द्वारा प्रकरण की शिकायत खण्ड विकास अधिकारी सहित उच्च अधिकारियों से की गयी। शिकायत के दौरान चौंकाने वाले तथ्य प्रकाश में आये। शान्ति देवी के आवास हेतु आवंटित धनराशि का भुगतान गायत्री देवी के खाते में कर दिया गया और आवास की धनराशि का लाभ अपात्र शान्ती देवी को दिया गया। शिकायत पर मामले की जांच रिपोर्ट 20 अगस्त 2019 को प्रस्तुत की गयी। जिसमें तत्कालीन खण्ड विकास अधिकारी, प्रधान लिपिक एवं ग्राम पंचायत अधिकारी की भूमिका संदिग्ध पाय गयी और अपात्र से आवास की धनराशि लौटाने हेतु नोटिस जारी की गयी। 5 वर्ष बीतने के बाद भी जब आवास की सरकारी धनराशि वापस नहीं कराई जा सकी। शिकायतकर्ता प्रवीण मौर्य द्वारा पुनः प्रकरण की शिकायत आयुक्त ग्राम्य विकास लखनऊ से की गयी। जिस पर परियोजना निदेशक जौनपुर ने त्वरित कार्यवाही करते हुये खण्ड विकास अधिकारी को आवास हेतु आवंटित धनराशि राजकीय कोष में जमा कराने का आदेश निर्गत कर 3 अक्टूबर तक प्रकरण का निस्तारण कराने की बात कही गयी है। इस बाबत पूछे जाने पर खण्ड विकास अधिकारी सुइथाकला गौरवेन्द्र सिंह ने बताया कि प्रकरण संज्ञान में है। परियोजना निदेशक के आदेश के अनुक्रम में आवास हेतु दुरूपयोग की गयी धनराशि नियत अवधि के भीतर राजकीय कोष में जमा करा दी जायेगी।
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