मथुरा हिंदी दिवस पर अमरनाथ गर्ल्स डिग्री कॉलेज में काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। कवि की वाणी कवि के मुख से काव्य गोष्ठी में झांसी के प्रसिद्ध कवि रवि पांडे जी एवं मथुरा से उमाशंकर राही ने अपनी कविताएं प्रस्तुत की।
कार्यक्रम के आरंभ में दोनों ही कवियों का उत्तरीय ओढ़ा कर एवं स्मृति चिन्ह देकर प्राचार्य डॉ अनिल वाजपेई ने सम्मान किया ।डॉ वाजपेई ने कहा कि शब्दों का प्रयोग व्यक्तित्व की पहचान है। अच्छा व्यक्तित्व बनाने के लिए अच्छे शब्दों का चयन भी आवश्यक है।इस अवसर पर झांसी के कवि ,साहित्यकार रवि पांडे का अभिनंदन किया गया ।श्री रवि पांडे ने सीता मंदोदरी संवाद के ऊपर अपनी बड़ी सुंदर रचना प्रस्तुत की जिसमें श्री राम ने सीता को वनवास क्यों दिया इस पर एक नई दृष्टि डाली गई। सीता - मंदोदरी के मार्मिक संवाद को सुनकर छात्राओं की आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने इस अवसर पर अपनी हास्य क्षणिकाएं भी सुनाई।
मैं तुझको शाहजहां जैसी मोहब्बत दूंगा।
तू नाज़ नखरे मुमताज जैसे दिखा।।
हजारों ताज महल वार दूंगा तुझ पर ।
बस किसी तरह तू मर के तो दिखा।।
इसी प्रकार दूसरी रचना -
शौक मेकअप का डायट फिटनेस की।
मेरी पत्नी कोई कसर नहीं रखती।।
मैं तो सूरत से बाप लगता हूं।
पत्नी बच्चों की मां नहीं लगती।।
जैसी हास्य रचना सुनकर छात्राएं हंसी से लोटपोट हो गई। वीर रस के कवि उमाशंकर राही ने अपनी देशभक्ति रचनाओं से श्रोताओं को रोमांचित कर दिया। मेरे देश की कीर्ति पताका जग भर में फहराती।
मेरे देश के राजा की 56 इंची की छाती।।
अन्य रचना सचमुच बहुत महान है भारत की बेटियां।
भरने लगी उड़ान है भारत की बेटियां।।
आसान न होगा किसी सीमा को लांघना।
चट्टान बनकर खड़ी है भारत की बेटियां।।
जैसी वीर रस की कविताओं पर श्रोताओं ने खूब तालियां बजाई।
इस अवसर पर हिंदी विभाग की विभाग अध्यक्ष डॉ मनोरमा कौशिक ने उपस्थित कवियों का सम्मान किया ।महाविद्यालय की छात्राओं ने "हिंदी है भारत की बिंदी" गीत पर बहुत सुंदर नृत्य नाटिका प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन चंचल अग्रवाल ने किया एवं धन्यवाद डॉ आरती पाठक ने दिया। कार्यक्रम का संयोजन डॉ मनोरमा कौशिक एवं मांडवी राठौर ने किया। प्रवक्ता शायमा मुस्तफा कनिका अग्रवाल मोनिका सिंह एवम छात्रा हिमांशी, गुंजन, अनुष्का,डोली, खुशबू एवम मुस्कान का प्रदर्शन सराहनीय रहा।
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