मथुरा। कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में अभियोजन कार्यों तथा एन.सी.ओ.आर.डी. (नेकॉर्ड) के संबंध में समीक्षा बैठक हुई संपन्न। जिलाधिकारी ने कहा कि पीड़ितो को त्वरित न्याय दिलाना हम सभी की जिम्मेदारी है और हम सबकी प्राथमिकता होनी चाहिए कि हम न्याय ससमय दिला सके।
डीएम ने सबसे पहले सभी जिला अभियोजन पदाधिकारी, सहायक अभियोजन पदाधिकारी, लोक अभियोजक और अपर लोक अभियोजक को संबंधित मामलों के निष्पादन में प्रगति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने एक्साइज एक्ट, पॉक्सो एक्ट, एनडीपीएस एक्ट, एससी-एसटी एक्ट, हत्या, डकैती, बलात्कार, शस्त्र अधिनियम से संबंधित महत्वपूर्ण एवं गंभीर मामलों को चिह्नित करते हुए उसके निष्पादन के लिए ससमय कार्यवाही के निर्देश दिए।
बैठक में शामिल लोक अभियोजन अधिकारियों से प्राप्त जानकारी पर पुलिस को दूसरे जिले में पदस्थापित सरकारी गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए एस.पी कार्यालय से समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए। प्रतिवेदन की प्राप्ति के लिए ससमय संपर्क करें। उन्होंने कहा कि न्यायालय में लंबित मामलों के निष्पादन के लिए सभी संबंधित पक्षों में समन्वय का होना आवश्यक है। इसलिए जरूरी है कि सभी पक्ष आवश्यक कागजात या प्रतिवेदन की प्राप्ति के लिए समयंतर्गत संपर्क करें। जिलाधिकारी ने महिला अपराधों से संबंधित मुकदमों पर प्रभावी ढंग से कार्यवाही करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने आपराधिक मामलों में लिप्त अपराधियों को सजा दिलाने को न्यायालयों में मुकदमों की प्रभावी ढंग से पैरवी करने के लिए अभियोजन अधिकारियों को निर्देश दिए।
इसी क्रम में नार्को समन्वय समिति की जिलास्तरीय बैठक में मद्य निषेध के मुद्दे पर चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने नशा मुक्ति केंद्रों के सत्यापन के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि नशा मुक्ति केंद्र समस्त मानकों का अनुपालन करे। भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर छापेमारी करने के निर्देश दिए। आंगनबाड़ी केन्द्रों, कॉलेज और स्कूलों में मद्य निषेध के प्रति जागरूकता अभियान चलाते रहे। साथ ही मादक पदार्थों के अवैध व्यापार पर रोक लगाने के लिए कारगर उपाय करने का कार्य करें।
बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन विजय शंकर दूबे, एस.पी. क्राइम अवनीश कुमार सहित संबंधित विभाग के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know