उतरौला बलरामपुर हाई स्कूल व इण्टर की छात्राओं का शिक्षण कार्य एक माह पहले से बन्द किए जाने से आक्रोशित छात्राओं ने मंगलवार को सड़कों पर उतर कर धरना प्रदर्शन किया। इसकी भनक लगने पर बुधवार को जिला विद्यालय निरीक्षक ने कालेज का दौरा किया। जिला विद्यालय निरीक्षक ने कार्यवाहक प्रधानाचार्य को दूसरी पाली में बन्द कक्षाओं को चलाने का निर्देश दिया।
राजकीय बालिका इण्टर कालेज उतरौला का भवन खण्डहर के हो जाने व उसके भवन की छत से बरसात का पानी कमरों में टपकता रहता है। दीवाल कई जगह पर टूटी हुई है। सैकड़ों वर्ष पुरानी बने विधालय में सबसे पहले तहसील चलता था। लेकिन भवन को राजस्व विभाग ने कंडम घोषित कर दिया था। इसलिए नई तहसील भवन में स्थानांतरित कर दिया गया है, और इसमें राजकीय बालिका इण्टर कालेज उतरौला को संचालित होने लगा था। इसके भवन निर्माण के लिए आए करोड़ों रुपए जमीन विवाद होने के कारण वापस चलें गए। इसके जमीन को राजस्व विभाग से शिक्षा विभाग को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया शासन में विचाराधीन है। अब तक जमीन शिक्षा विभाग को हस्तांतरित न होने के कारण भवन दिन-प्रतिदिन खण्डहर होता जा रहा है। विधालय प्रशासन ने छात्राओं के जीवन की सुरक्षा को देखते हुए आठ अगस्त से हाई स्कूल व इण्टर के कक्षाओं का शिक्षण कार्य बन्द कर दिया गया था, और छात्राओं को आन लाइन शिक्षा ग्रहण करने की हिदायत भी दे दी थी,और इसकी सूचना जिले केअधि कारियों को भेज दी गई थी। विधालय प्रशासन के इस रवैए से आक्रोशित छात्राओं ने सड़कों पर धरना प्रदर्शन कर राज्यपाल को सम्बोधित मांग पत्र उपजिलाधिकारी उतरौला को सौंपा था। छात्राओं के इस प्रर्दशन से प्रशासन में खलबली मच गई। दूसरे दिन जिला विद्यालय निरीक्षक निर्जला आनन्द ने कालेज का दौरा किया, और हालात की जानकारी ली। कालेज प्रभारी प्रधाना चार्य दीपिका ने कालेज के जर्जर भवनों को दिखाया। इस पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने बन्द पड़े कक्षाओं के छात्रों को दूसरी पाली में कालेज खोलकर शिक्षण कार्य कराने का निर्देश दिया। जिला विद्यालय निरीक्षक के इस निर्देश से छात्रों व अभिभावकों में खुशी की लहर दौड़ गई।
राजकीय बालिका इण्टर कालेज उतरौला में बुधवार को निरीक्षण करने की सूचना पर विधायक राम प्रताप वर्मा ने कालेज के हालात पर जिला विद्यालय निरीक्षक से वार्ता की। विधायक ने उन्हें बताया कि जमीन राजस्व विभाग से शिक्षा विभाग को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया शासन स्तर पर विचाराधीन है और कुछ बिन्दुओं पर शासन ने जिलाधिकारी से रिपोर्ट भी मांगी है। शासन से उनकी रिपोर्ट मिलने पर जमीन शीघ्र ही हस्तांतरित कर दी जाएगी।
हिन्दी संवाद न्यूज़ से
असगर अली की रिपोर्ट
उतरौला बलरामपुर।
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