शहरी आवास में तत्कालीन पीओ विजया तिवारी के विरूद्ध भ्रष्टाचार पर चला था अभियान।
बलरामपुर। भगवतीगंज विशुनीपुर में बैठक लेने गये जिला मीडिया प्रभारी डीपी सिंह बैस ने रीता के आवास को देखा काम बन्द था कारण पूछा तो छिटाईलाल ने बताया कि दूसरी किस्त के लिए दस प्रतिशत रिश्वत मांगी जा रही है।जिसकी शिकायत जिला मीडिया प्रभारी डीपी सिंह बैस द्वारा किया गया।इसी दौरान तथ्यों की जानकारी में मिला कि तत्कालीन पीओ डूडा विजया तिवारी सरर्वेयर के माध्यम से दस प्रतिशत वसूली कराकर अपने साथ रखी महिला के खाते में पैसा मंगाती थी और भुगतान का स्क्रीनशॉट अपने मोबाइल पर मंगाती थी पियो डूडा विजय तिवारी के मोबाइल का भी भुगतान मंगाए जाने का साथ स्क्रीन वायरल हो गया। और अपने कर्मचारी को अपना हस्ताक्षर सिखाने का वीडियो भी वायरल हुआ अपना लखनऊ ज्यादातर रहती थी पत्रावली ऊपर कर्मचारी द्वारा हस्ताक्षर बनवाकर प्रस्तुत किया जाता था जिसको शिकायत होने पर अधिकारियों ने पकड़ा चूंकि शिकायतें रीता के आवास को लेकर आरंभ हुआ था इसलिए पीओ डूडा विजया तिवारी ने अपने को फंसते हुए देखकर अपने बचाव में 10 सर्वेयर पर मुकदमा दर्ज करा दिया और अधिकारियों कर्मचारियों से मिलकर रीता तथा लोगों का जिनको प्रथम किस्त मिल चुकी थी को भी अपात्र घोषित करा दिया।
सवाल उठता है कि जिन जिन लोगों को प्रथम किस्त मिली कई प्रकार के जांच के बाद पात्र पाया गया और प्रथम किस्स दिया गया अचानक लोगों को अपात्र घोषित कर दिया गया। आज तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई। भाजपा जिला मीडिया प्रभारी डीपी सिंह बैस ने वर्तमान पीओ डूडा से जानकारी मांगी है जिन लोगों को एक किस्त मिलने के बाद दूसरी किस्त निर्गत करते समय अपात्र घोषित किया गया तो जिन कर्मचारी,अधिकारी द्वारा पात्र घोषित किया गया था उनके विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई। जांच कर कार्रवाई की जाए। अन्यथा नंबर में मुख्यमंत्री जी के बलरामपुर आगमन पर प्रकरण उनके समक्ष रखा जाएगा।
हिन्दी संवाद न्यूज़
रिपोर्टर वी. संघर्ष
बलरामपुर।
रिपोर्टर वी. संघर्ष
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know