Sanauwar Khan Journalist (पत्रकार)
 
अंबेडकर नगर , जलालपुर तहसील के अंतर्गत आने वाले करौदी और गौसपुर के बीच एक सड़क किनारे बछड़ा कई दिनों से तड़प रहा है। स्थानीय लोगों द्वारा कई बार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई, लेकिन उनकी ओर से अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। अधिकारियों की इस घोर लापरवाही और पशु के प्रति असंवेदनशीलता ने पूरे इलाके में आक्रोश फैला दिया है।

           स्थानीय निवासियों में आक्रोश

स्थानीय निवासियों का कहना है कि बछड़ा कई दिनों से गंभीर रूप से बीमार है और तड़प रहा है। उसकी हालत इतनी दयनीय हो गई है कि वह उठने-चलने की स्थिति में भी नहीं है। बावजूद इसके, अधिकारियों द्वारा उसकी मदद के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सूचित किया था, लेकिन इसके बाद भी उनकी ओर से कोई चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध नहीं करवाई गई है।
           अधिकारियों की लापरवाही पर सवाल

यह घटना स्वास्थ्य विभाग की गंभीर लापरवाही को उजागर करती है। पशु चिकित्सा सेवाओं के प्रति इस तरह की उदासीनता न केवल विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह मानवीय मूल्यों के भी खिलाफ है। सरकार द्वारा पशु कल्याण के लिए जारी निर्देशों का यह उल्लंघन स्पष्ट रूप से प्रशासनिक उदासीनता को दिखाता है।

                 कानूनी कार्यवाही की मांग

स्थानीय समाजसेवियों और पशु प्रेमियों ने प्रशासन से अपील की है कि स्वास्थ्य विभाग के इन अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए, जो अपनी जिम्मेदारियों से विमुख होकर निरीह पशु की पीड़ा को नजरअंदाज कर रहे हैं। इसके साथ ही, बछड़े की तत्काल चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करने की मांग की गई है।
            
           पशु कल्याण कानूनों का उल्लंघन

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51A (g) के तहत प्रत्येक नागरिक को यह कर्तव्य दिया गया है कि वे जीव-जंतुओं के प्रति करुणा का व्यवहार करें। पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत भी किसी भी पशु को इस प्रकार तड़पने देना अपराध है। बावजूद इसके, स्वास्थ्य विभाग की इस उदासीनता ने पशु कल्याण के नियमों का उल्लंघन किया है।

             तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता

अधिकारियों की इस लापरवाही के कारण एक मासूम पशु का जीवन संकट में पड़ गया है। इसे देखते हुए जिला प्रशासन और उच्च अधिकारियों को तुरंत हस्तक्षेप करते हुए इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए कड़ी निगरानी और दंडात्मक कार्यवाही की जानी चाहिए।

अंबेडकर नगर की जनता और पशु प्रेमियों की मांग है कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो और पीड़ित बछड़े को जल्द से जल्द चिकित्सा सहायता मिले।

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