मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आज जनपद अयोध्या में श्री रामनाथस्वामी मन्दिर में महाकुम्भाभिषेक तथा प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर उन्होंने अयोध्या धाम में श्री रामनाथस्वामी मन्दिर की स्थापना का संकल्प लेने वाले सन्त श्री अय्या जी का स्वागत करते हुए कहा कि वह एक महान आध्यात्मिक सन्त हैं। आज अय्या जी ने अयोध्या धाम में भगवान श्री रामनाथस्वामी मन्दिर के निर्माण के संकल्प को और अधिक सुदृढ़ता प्रदान की है। उनके द्वारा किये जाने वाले किसी भी प्रयास को आध्यात्मिक महत्व के कारण अद्भुत गति व दिशा प्राप्त होती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को और अधिक मजबूती प्रदान करने का अभियान है। यह अभियान हजारों वर्ष पूर्व भारत के चार कोनों में चार पीठों की स्थापना कर सांस्कृतिक भारत की आधारशिला रखने वाले केरल के एक संन्यासी का स्मरण कराता है। अब तमिलनाडु से निकले एक संन्यासी व सन्त द्वारा भारत की एकता, आध्यात्मिक उन्नयन तथा धार्मिक स्थलों के कायाकल्प के लिए किए जा रहे प्रयास अभिनन्दनीय तथा अतुलनीय हैं। मत, सम्प्रदाय तथा पंथों की उपासना विधि की अनेकता के बाद भी हम एकता के भाव के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प को आगे बढ़ा रहे हैं। यह संकल्प एक बार फिर से यहां देखने को मिल रहा है।
उत्तर प्रदेश तथा तमिलनाडु का प्रगाढ़ सम्बन्ध है। यह हजारों वर्षों की परम्परा है। हजारों वर्ष पूर्व श्री हरि विष्णु जी के अवतार मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम जब श्रीलंका में माता सीता की खोज के लिए निकले थे, तो उन्होंने तमिलनाडु के रामेश्वरम नामक पवित्र स्थल पर सेतुबंध के निर्माण के पूर्व अपने आराध्य भगवान शिव की प्रगाढ़ आराधना की थी। भगवान शिव की कृपा से सेतुबंध का निर्माण पूर्ण हुआ था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्री रामनाथस्वामी मन्दिर के बारे में मान्यता है कि जब प्रभु श्रीराम माता सीता को लेकर आ रहे थे, तो माता सीता ने वहां पर आराधना करते हुए इस संकल्प को आगे बढ़ाने का काम किया था। पवित्र आध्यात्मिक सम्बन्धों के साथ जुड़ते हुए, उत्तर से दक्षिण तथा पूर्व से पश्चिम तक सम्पूर्ण भारत की एकता के संकल्प के साथ यह परम्परा इन सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मान बिंदुओं की स्थापना करते हुए आगे बढ़ रही है।
प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से काशी तमिल संगमम के दो महत्वपूर्ण संस्करण काशी में सम्पन्न हो चुके हैं। काशी और तमिलनाडु के परस्पर सम्बन्धों को वहां से आए पूज्य सन्तों व विद्वानों ने नई मजबूती प्रदान की है। काशी के पश्चात आज श्री अय्या जी के कारण अयोध्या धाम भी तमिलनाडु के साथ जुड़ चुका है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अब प्रभु श्रीराम का पूरा मन्दिर बनने में बहुत अधिक देर नहीं लगेगी। यह कार्य अत्यन्त तीव्र गति से चल रहा है। मन्दिर ट्रस्ट इस कार्य को बहुत अच्छे ढंग से आगे बढ़ा रहा है। प्रधानमंत्री जी ने 22 जनवरी, 2024 को प्रभु श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को अपने कर-कमलों द्वारा सम्पन्न किया था। उस अवसर पर समाज का पूरा नेतृत्व वर्ग अयोध्या धाम में था। अब तक 03 करोड़ से अधिक श्रद्धालुजन ने पांच सदी के बाद पुनः विराजमान हुए प्रभु श्रीराम के दर्शन करके उनका आशीर्वाद प्राप्त किया है। अयोध्या धाम नई गति के साथ दुनिया की सबसे आध्यात्मिक और सुंदरतम नगरी के रूप में स्थापित होकर सनातन धर्मावलम्बियों के लिए नई प्रेरणा और प्रकाश का केन्द्र बिंदु बनकर उभरेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह कार्यक्रम हमारे लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। श्री रामनाथस्वामी मन्दिर तथा आज का समारोह हमें नई प्रेरणा व दिशा प्रदान कर रहा है। इससे प्रेरित होकर हम लोग ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्राणपण से अपना योगदान देंगे। भारत प्रत्येक कालखण्ड तथा चारों दिशाओं में सांस्कृतिक रूप से एक रहा है। हमारे वैदिक साहित्य तथा शास्त्र इस बात का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। हमारे धर्मस्थल तथा सन्तों की परम्परा इस बात के प्रमाण हैं। हमने कभी भी किसी भी कालखण्ड में भारत की सांस्कृतिक एकता और आध्यात्मिकता को खण्डित नहीं होने दिया। यह इसलिए सम्भव हो सका, क्योंकि भारत की ऋषि तथा सन्तों की परम्परा ने इसे पूरी मजबूती प्रदान की है।
इसके पश्चात मुख्यमंत्री जी ने श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर तथा श्री हनुमानगढ़ी में दर्शन-पूजन किया। उन्होंने कारसेवकपुरम परिक्रमा मार्ग में वृक्षारोपण किया तथा गौशाला में गाय को गुड़ खिलाया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह श्री सुरेश भैया जी जोशी, आध्यात्मिक सन्त श्री अय्या जी, साधु-सन्त व धर्माचार्य, कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, श्रद्धालुजन आदि उपस्थित थे।
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