सी.एम.एस. में धार्मिक सद्भाव के साथ मनाया गया ‘अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति दिवस’

एकता व शान्ति का जोरदार उद्घोष किया विभिन्न धर्मावलम्बियों ने

लखनऊ, 21 सितम्बर। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, प्रधान कार्यालय में आज संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित ‘इण्टरनेशल डे ऑफ पीस - 21 सितम्बर’ बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया। इस अवसर पर विभिन्न धर्मावलम्बियों ने अपने सारगर्भित उद्बोधनों से ‘धार्मिक एकता, विश्व एकता एवं विश्व शान्ति’ का प्रभावशाली उद्घोष किया। हिन्दू धर्म से राजयोगिनी बी.के. राधा दीदी, इस्लाम धर्म से मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली एवं मौलाना यासूब अब्बास, सिख धर्म से श्री हरपाल सिंह जग्गी, ईसाई धर्म से फादर डोनाल्ड डिसूजा एवं रेवरेण्ड पास्टर फिरोज मसीह, बौद्ध धर्म से श्री भिक्षु ज्ञानलोक जी, जैन धर्म से श्री शैलेन्द्र जैन एवं बहाई धर्म से डा. मयूरी पारिख समेत कई प्रख्यात हस्तियों ने ओजस्वी वाणी में जनमानस को शान्ति व एकता की महत्ता से अवगत कराया। इससे पहले, सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. भारती गाँधी एवं सी.एम.एस. प्रबन्धक प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने समारोह में पधारे सभी धर्मगुरूओं का हार्दिक स्वागत-अभिनंदन किया। समारोह का शुभारम्भ स्कूल प्रार्थना, सर्वधर्म प्रार्थना एवं सभी धर्मों की शिक्षाओं व उपदेशों से हुआ। विदित हो कि 21 सितम्बर ‘अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति दिवस’ के रूप में मनाया जाता है जिसका उददेश्य शान्ति व एकता के आदर्शों को मजबूत बनाना है। ‘अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति दिवस’ इस वर्ष ‘शान्ति की संस्कृति का विकास’ विषय पर मनाया जा रहा है।

समारोह में पधारे विभिन्न धर्मानुयाइयों का हार्दिक स्वागत करते हुए सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. भारती गाँधी ने कहा कि वर्तमान समय में शान्ति व एकता की सर्वाधिक आवश्यकता है। सी.एम.एस. दुनिया का सबसे अधिक छात्र संख्या वाला विद्यालय है इसलिए यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम भावी पीढ़ी के सुरक्षित भविष्य हेतु सार्थक प्रयास करें। एकता व शान्ति के वातावरण में ही भावी पीढ़ी का उज्जवल भविष्य निहित है। इस अवसर पर बोलते हुए हिन्दु धर्मानुयायी राजयोगिनी बी.के. राधा दीदी ने कहा कि विभिन्नता में एकता ही हमारी पहचान है। जैन धर्मानुयायी श्री शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि आज जब हम अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति दिवस मना रहे हैं तो हमें शान्ति व एकता के उन पुरोधाओं को भी याद करना चाहिए, जिन्होंने भावी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य एवं शान्ति व एकता के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। सी.एम.एस. संस्थापक स्व. डा. जगदीश गाँधी का नाम इनमें सबसे ऊपर है। इस्लाम धर्मानुयायी मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि डा. जगदीश गाँधी जी लखनऊ से लेकर यू.एन.ओ. तक शान्ति का पैगाम लेकर गये। हम तमाम हिन्दुस्तानी डा. जगदीश गाँधी जी के शुक्रगुजार हैं। मौलाना यासूब अब्बास ने अपने अपने संबोधन में कहा कि सभी धर्मों के अवतार व उनकी शिक्षायें सभी के लिए समान रूप से उपयोगी हैं। बौद्ध धर्मानुयायी भिक्षु ज्ञानलोक का कहना था कि मैत्री की भावना जितनी बढ़ेगी, उतना ही शान्ति का विस्तार होगा। ईसाई धर्मानुयायी रेवरेण्ड पास्टर फिरोज मसीह ने कहा कि सभी धर्मों का मूल उद्देश्य शान्ति स्थापना ही है। बहाई धर्मानुयायी डा. मयूरी पारिख का कहना था कि हमें इतिहास से सीखने की आवश्यकता है। हिंसा व युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं है। इसी प्रकार, कई अन्य वक्ताओं ने अपने सारगर्भित संबोधन से एकता व शान्ति का अलख जगाया। 

समारोह के अन्त में, सी.एम.एस. प्रबन्धक प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने सभी विशिष्ट अतिथियों का हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि डा. जगदीश गाँधी जी आजीवन शान्ति व एकता के प्रति समर्पित रहे। आज का दिन हम सभी को यह सोचने के लिए प्रेरित करता है कि कैसे हम व्यक्तिगत रूप से एकता व शान्ति के पुनीत कर्तव्य में अपना योगदान दे सकते हैं। इस अवसर पर सी.एम.एस. के इण्टरनेशनल रिलेशन्स के हेड श्री शिशिर श्रीवास्तव ने भी विश्व एकता व विश्व शान्ति की कामना करते हुए सभी के प्रति हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया।


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