मत्स्य विभाग ने महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए पहली बार महिला मत्स्य पालकों को अनुदान देने की योजना शुरू की
प्रदेश में मछली उत्पादन वर्ष 2018-19 में 6.62 लाख मी0टन से बढ़कर वर्ष 2022-23 में
9.15 लाख मी0टन हो गया
वर्तमान समय में 13 प्रतिशत की वार्षिक दर और 9.15 लाख मी0टन मछली उत्पादन के साथ भारत में उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर
-मत्स्य विकास मंत्री, डॉ0 संजय निषाद
लखनऊ: 03 सितम्बर, 2024
मत्स्य विभाग ने महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए पहली बार महिला मत्स्य पालकों को अनुदान देने की योजना शुरू की है। मत्स्य पालकों को आकर्षित करने के लिए आक्सीकरण संयंत्रों के माध्यम से पछली उत्पादन में वृद्धि तथा तालाबों की उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जायेगा। इसके साथ ही मत्स्य उत्पादन के स्तर में बढ़ोत्तरी एवं उपभोक्ताओं को ताजी मछलियां उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह योजना धरातल पर उतारा गया है।
उत्तर प्रदेश के मत्स्य विकास मंत्री डॉ0 संजय निषाद ने यह जानकारी प्रेस प्रतिनिधियों को अपने सरकारी आवास पर देते हुए बताया कि कृ़िष के साथ-साथ मत्स्य पालन एवं जलीय कृषि एक महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि है। जिसके अन्तर्गत तालाबों के ताजे जल संसाधनों के स्थायी संचयन की व्यापक संभावना है। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में मत्स्य विभाग तालाबों एवं टैंकों में कुल उपलब्ध जल में से मात्र 4.96 लाख हेक्टेयर का उपयोग किया जा रहा है। प्रदेश में मछली उत्पादन वर्ष 2018-19 में 6.62 लाख मी0टन से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 9.15 लाख मी0टन हो गया है। मछली उत्पादन में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 7.5 प्रतिशत है।
मत्स्य मंत्री ने बताया कि 1978 में मत्स्य पालन विभाग ने योजनाबद्ध ढंग से जलीय कृषि शुरू की थी, उस समय मछली का उत्पादन 574 कि0ग्रा0 प्रति हेक्टेयर था। पिछले 45 वर्षों में प्रदेश में मछली की उत्पादकता 10 गुना बढ़ी है। प्रदेश में मछली उत्पादन की व्यापक संभावना है, मौजूदा समय में 13 प्रतिशत की वार्षिक दर और 9.15 लाख मी0टन मछली उत्पादन के साथ भारत के अन्तर्देशीय राज्यों में उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर है। उत्तर प्रदेश में मछली उत्पादन के लिए प्रचुर संसाधन तथा व्यापक संभावनाओं के साथ रोजगार के असीमित अवसर है। ग्रामीण अंचलों में अर्थव्यवस्था में मत्स्य उत्पादन सेक्टर का अहम योगदान भी है।
मत्स्य विकास मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश मत्स्य पालन विभाग पुनः देश में सर्वश्रेष्ठ अन्तर्देशीय मत्स्यपालन राज्य का प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया है। अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन डॉलर पहुंचाने में राज्य सरकार से जुड़ी निजी संस्था ‘डेलाइट’ ने यह भी अनुमान लगाया है कि उत्तर प्रदेश 01 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी प्रोजेक्ट के तहत मत्स्य पालन क्षेत्र वर्ष 2024 तक राज्य के जीएसडीपी में 58 हजार करोड़ का योगदान दे सकता है। इस नयी योजना के बारे में डॉ0 निषाद ने जानकारी देते हुए बताया कि मत्स्य पालकों के संसाधन को बढ़ाकर लाभ की स्थिति में लाया है। इसके साथ ही तालाब में पानी की गुणवत्ता को बढ़ाना भी है। एयरेशन सिस्टम की स्थापना से तालाबों के मत्स्य उत्पादकता में वृद्धि होगी।
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