मुख्यमंत्री ने विभिन्न जनपदों में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की

बाढ़ प्रभावित जनपदों में पूरी तत्परता के साथ राहत एवं बचाव कार्य संचालित करने के निर्देश

बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में आमजन को तत्काल मदद पहुंचाई जाए : मुख्यमंत्री

जिला प्रशासन प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानां एवं शिविरों में पुनर्स्थापित कर राहत सामग्री मुहैया कराए

आपदा कण्ट्रोल रूम को चौबीस घण्टे क्रियाशील रखा जाए, नदियों के जलस्तर तथा तटबन्धों की लगातार पेट्रोलिंग करके निगरानी की जाए

प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य हेतु आवश्यकतानुसार एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0, पी0ए0सी0 यूनिट की तैनाती की जाए

बाढ़ और जल जमाव की आशंका वाले जनपदों के अधिकारी पूरी सतर्कता बरतें और क्षेत्र भ्रमण कर प्रभावित लोगों को हर सम्भव सहायता सुलभ कराएं

आकाशीय बिजली, अतिवृष्टि या अन्य प्राकृतिक आपदा से हुई मृत्यु की दशा में अनुमन्य 04 लाख रु0 की राहत राशि 24 घण्टे के अन्दर प्रभावित परिवार को वितरित की जाए

सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में राजस्व और कृषि विभाग की टीम गहन सर्वेक्षण करते हुए फसल नुकसान का आकलन करें, ताकि प्रभावित किसानों को क्षतिपूर्ति की जा सके

लखनऊ : 29 सितम्बर, 2024

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जनपदों में पूरी तत्परता के साथ राहत एवं बचाव कार्य संचालित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में आमजन को तत्काल मदद पहुंचाई जाए। अतिवृष्टि के कारण जिन गांवों में पानी भर गया है, जिला प्रशासन उन क्षेत्रों में प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानां एवं शिविरों में पुनर्स्थापित कर राहत सामग्री मुहैया कराए।
मुख्यमंत्री जी ने यह निर्देश विभिन्न जनपदों में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करते हुए दिए। मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि वर्तमान में प्रदेश के 11 जनपदों-कुशीनगर, महराजगंज, लखीमपुर खीरी, बलिया, फर्रुखाबाद, गोण्डा, कानपुर नगर, गौतमबुद्धनगर, सीतापुर, हरदोई तथा शाहजहांपुर में बाढ़ की स्थिति की सूचना प्राप्त हुई है। अन्य किसी भी जनपद में बाढ़ की स्थिति अभी तक नहीं है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पैकेट के वितरण में देरी नहीं होनी चाहिए। राहत शिविरों में प्रकाश आदि की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। आपदा कण्ट्रोल रूम को चौबीस घण्टे क्रियाशील रखा जाए। नदियों के जलस्तर तथा तटबन्धों की लगातार पेट्रोलिंग करके निगरानी की जाए। सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य हेतु आवश्यकतानुसार एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0, पी0ए0सी0 यूनिट की तैनाती की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया है कि जिन जनपदों में अतिवृष्टि के कारण सम्भावित बाढ़ और जल जमाव की आशंका है, उन जनपदों के अधिकारी पूरी सतर्कता बरतें और क्षेत्र भ्रमण कर प्रभावित लोगों को हर सम्भव सहायता सुलभ कराएं। आकाशीय बिजली, अतिवृष्टि या अन्य प्राकृतिक आपदा से हुई मृत्यु की दशा में 04 लाख रुपये अनुमन्य है। 24 घण्टे के अन्दर अनुमन्य राहत राशि स्थानीय जनप्रतिनिधि के माध्यम से प्रभावित परिवार को वितरित की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विभिन्न जलजनित बीमारियों के प्रसार की आशंका होती है। साथ ही, सर्पदंश की घटनाएं बढ़ने की भी सम्भावना रहती है। ऐसे में राहत शिविरों के समीप स्वास्थ्य शिविर संचालित किये जाएं। यहां एण्टी स्नेक वेनम की उपलब्धता जरूर रहे। शिविरों में ओ0आर0एस0 पैकेट का वितरण किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि वर्तमान में कतिपय जनपदों के कुछ क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित होने के कारण वहां फसल को नुकसान हुआ है। ऐसे सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में राजस्व और कृषि विभाग की टीम गहन सर्वेक्षण करते हुए फसल नुकसान का आकलन करें, ताकि प्रभावित किसानों को क्षतिपूर्ति की जा सके। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुधन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इन क्षेत्रों में पशुचारे का पर्याप्त प्रबन्ध किया जाए।
मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि बाढ़ प्रभावित जनपदों में शरणालय स्थापित हैं। इन जनपदों में आवश्यकतानुसार एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0, पी0ए0सी0 यूनिट की तैनाती की गई है। राहत एवं बचाव कार्यों के लिए पर्याप्त संख्या में नावें संचालित हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री तथा लंच पैकेट का वितरण किया जा रहा है।  
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