राजकुमार गुप्ता 
मथुरा। श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर का केस लड़ रहे पक्षकार दिनेश शर्मा फलाहारी ने बताया कि आज हाईकोर्ट में श्री कृष्णा स्थान से संबंधित मुकदमोनों की सुनवाई हुई, उन्होंने बताया कि पिछली डेट पर माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सभी मुक़दमों को मेंटेबल मान लिया है, न्यायालय द्वारा एक ऐतिहासिक फैसला दिया गया था जिसमें न्यायालय ने कहा था कि यहां पर वरशिप 1991, लिमिटेशन एक्ट और वर्क बोर्ड एक्ट प्रभावी नहीं है, मुस्लिम पक्ष और हिंदू पक्ष की अधिवक्ताओं के मध्य में लंबी बहस सुनने के बाद में न्यायालय ने यह स्वीकार किया था कि यह सभी मुकदमे सुनने योग्य हैं, मुस्लिम पक्ष में बरसे 1991 लिमिटेशन एक्ट और वर्क बोर्ड एक्ट के बहाने इन मुकदमों को खारिज करने का अनुरोध किया था, हिंदू पक्ष ने भी अपनी-अपनी दलीलें रखी, लंबी बहस सुनने के बाद न्यायालय ने स्वीकार किया कि यह सभी मुकदमे सुने जायेंगे. हिंदूवादी नेता दिनेश शर्मा ने कहा कि मुस्लिम पक्ष यही चाहता है कि यह सभी मुकदमे ख़ारिज हो जाएं लेकिन न्यायालय सबूत के आधार पर फैसला करता है, उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने देश में ऐसा काला कानून पूजा उपासना अधिनियम 1991 बनाया जिसकी वजह से मंदिरों की लड़ाई लड़ना बहुत ही कठिन हो गया है, दिनेश शर्मा फलाहारी ने बताया कि अब हम आधी लड़ाई जीत चुके हैं, अब हमको इंतजार है सर्वे का, जब भी माननीय न्यायालय सर्वे का आदेश देगी तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. मुस्लिम पक्ष ने कहा कि अभी मामला सुप्रीम कोर्ट में विचारा धीन है, इसलिए इसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होनी चाहिए, हिंदू पक्ष की तरफ से कुछ पक्षकार ने अपने कागज जमा किए. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अगली सुनवाई के लिए माननीय न्यायालय ने 23 सितंबर की डेट लगा दी है.इस मौके पर राष्ट्रीय मंत्री गंगा रानी चतुर्वेदी,राष्ट्रीय मंत्री डॉक्टर जमुना शर्मा, राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेश पाठक,महानगर अध्यक्ष नरेश ठाकुर,राहुल गौतम, महंत हरिदास बाबा, विश्व हिंदू परिषद के नेता जयराम शर्मा, बलराम चौधरी, मीडिया प्रभारी ऋचा शर्मा, प्रदेश मंत्री विनीता शर्मा आदि मौजूद रहे.

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