हर नागरिक की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है सरकार, वन्य जीवों की दृष्टि से संवेदनशील जिले अलर्ट पर रहें: मुख्यमंत्री

 

भेड़ियों और तेंदुए के हमलों की घटना की मुख्यमंत्री ने की समीक्षा, कहा मानव-वन्य जीव संघर्ष को न्यूनतम करने के लिए बनाएं रणनीति

 

मुख्यमंत्री के निर्देश पर वन मंत्री लगातार कर रहे हैं संवेदनशील जिलों का दौरा, मंगलवार को पीलीभीत और खीरी का लेंगे जायजा

 

वन विभाग को मुख्यमंत्री का निर्देश, अतिरिक्त मैनपॉवर लगाएं, उपकरणों की न हो कहीं कमी

 

बचाव के लिए जनजागरूकता पर मुख्यमंत्री का जोर, कहा मीडिया को समय पर दें तथ्यपरक जानकारी, जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लें

 

बहराइच, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, श्रावस्ती, मुरादाबाद, हापुड़, सीतापुर, गोंडा, मेरठ, बिजनौर और बरेली में बढाएं गश्त, करें जॉइंट पेट्रोलिंग

 

लखनऊ, 02 सितंबर:- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मानव और वन्य जीव संघर्ष की दृष्टि से संवेदनशील जनपदों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार हर नागरिक के जीवन की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे जिले जो कि वन्य जीवों की दृष्टि से संवेदनशील हैं वहां सुरक्षा के सभी इंतज़ाम किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे जिलों में प्रशिक्षित टीम की गश्त बढ़ाई जाए। जहां आवश्यकता हो, अतिरिक्त मैनपॉवर लगाएं साथ ही, आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाए।

 

सोमवार शाम मुख्यमंत्री ने बहराइच, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, श्रावस्ती, मुरादाबाद, हापुड़, सीतापुर, गोंडा, मेरठ, बिजनौर और बरेली के जिलाधिकारियों, पुलिस कप्तानों तथा वन अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक कर हाल के दिनों में घटित तेंदुआ व भेड़िया के हमलों से उपजी स्थितियों की समीक्षा की। बैठक में वन मंत्री, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, अपर मुख्य सचिव गृह, अपर मुख्य सचिव वन, सभी एडीजी ज़ोन, मण्डलायुक्तों व जिलाधिकारियों की सहभागिता भी रही।

 

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के दिनों में प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में आदमखोर भेड़िये या तेंदुए द्वारा हमले किए जाने की घटना देखने को मिली है। इससे जनहानि भी हुई है। इस स्थिति को यथाशीघ्र नियंत्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वन्य जीवों को हर हाल में नियंत्रित करने, पकड़ने का प्रयास किया जाए। इसके लिए तकनीकी सहयोग भी लिया जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि हर जिले की पृथक स्थिति को देखते हुए राहत एवं बचाव की अलग-अलग कार्ययोजना बनाई जाए।

 

मुख्यमंत्री ने बिजनौर और मुरादाबाद दौरे से लौटे वन मंत्री से स्थिति की जानकारी ली और मंगलवार को पीलीभीत और लखीमपुर खीरी का दौरा करने के निर्देश दिए।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि वन्य जीवों के हमले की स्थिति में बचाव के लिए प्रशासन, पुलिस, वन विभाग, स्थानीय पंचायत, राजस्व विभाग क्षेत्र में व्यापक जन जागरूकता पैदा किया जाए। लोगों को सुरक्षा के उपायों के बारे में बताएं।

 

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि संवेदनशील क्षेत्रों में वन विभाग के अतिरिक्त कार्मिकों की तैनाती करते हुए उन्हें बहराइच, सीतापुर, लखीमपुर, पीलीभीत, बिजनौर सहित अन्य जिलों में लगाया जाए। उन्होंने ज्वाइंट पेट्रोलिंग बढ़ाए जाने पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी जिलों में कैंप करें। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां लाइट की समस्या हो, वहां पेट्रोमैक्स की व्यवस्था भी की जाए।

 

जनजागरूकता को महत्वपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री ने इसमें मीडिया का सहयोग लेने की भी जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि जब भी कहीं ऐसी घटना हो तो मीडिया को अधिकारियों द्वारा तथ्यपरक जानकारी दी जाए। जनप्रतिनिधियों को भी तथ्यों की सही और समय पर जानकारी दें, कहीं भी अफवाह न फैलने पाए।

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