*तुम्हारे जाने के बाद*

तुम्हारे जाने के बाद भी, मेरा दिल तुम्हें पुकारता है,
परेशानियाँ तो हैं बहुत, पर हर लम्हा सिर्फ इंतज़ार से ही नाता है।

ये राहें अब सुनसान हैं, कदम भी थमे-से जाते हैं,
पर उम्मीद के दिये हर पल, बस तुम्हारा नाम दोहराते है।

दर्द है दिल में कहीं गहरा, आँसू भी छिपे हुए हैं,
मगर फिर भी एक आस है, कि लौटोगी तुम,
तुमसे ही तो मेरे सपने बंधे हुए हैं।

वक़्त ने दी हैं ठोकरें कई, पर दिल अब भी नहीं हारा,
तुम्हारे बिना अधूरा हूँ, अब सिर्फ इंतज़ार है मेरा सहारा।

तेरी हंसी की आस अब भी, मेरे होंठों पर थमी है,
तुम लौट आओ तो ये ज़िन्दगी,
फिर से सिर्फ मेरे लिए बनी है।

मुश्किलें तो हैं बहुत राहों में, पर हिम्मत अब भी टूटी नहीं,
लौट आओ, ओ मेरी दिकु,
तुम्हारे बिना तो ये सांसें भी ठीक से चलती नहीं।

*प्रेम का इंतज़ार अपनी दिकु के लिए*

प्रेम ठक्कर "दिकुप्रेमी"
9023864367
सूरत, गुजरात

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