राजकुमार गुप्ता
मथुरा।आज सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम पक्ष ने अपनी एक याचिका वापस ले ली है, श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर का कैस लड़ रहे दिनेश शर्मा फलाहारी ने बताया कि हिंदू पक्ष ने तो पहले भी आपत्ति की थी कि मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट क्यों गया , उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष के पास इलाहाबाद हाई कोर्ट की डबल बेंच में जाने का अवसर था लेकिन मुस्लिम पक्ष इलाहाबाद हाई कोर्ट  नहीं गया और सीधा सुप्रीम को चला गया तो सुप्रीम कोर्ट ने भी मुस्लिम पक्ष को कहा था कि आपको पहले हाई कोर्ट की डबल बैच में जाना चाहिए था लेकिन आप आ गए हैं तो हम आपको  को सुनेंगे , मुस्लिम पक्ष को कुछ ऐसा लगा कि यह बात सही है तब वह  अपनी याचिका वापस ली,अब मुस्लिम पक्ष सिंघल बेंच न्यायालय के आदेश के खिलाफ सुनवाई के लिए हाई कोर्ट की डबल बेंच वाली पीठ में जाएगा, दिनेश शर्मा ने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगातार 4 महीने बहस सुनने के बाद में यह आदेश दिया थाऔर एक-एक बिंदु पर कई कई दिन बहस चली, उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष और हिंदू पक्ष की लगातार बहस सुनने के बाद न्यायालय ने यह ऐतिहासिक निर्णय दिया था,माननीय इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी मान लिया था कि श्री कृष्ण जन्म स्थान से संबंधित जितने भी मुकदमे चल रहे हैं वह पोषनीय और सुनवाई योग्य हैं और मेंटेबल हैं, मुस्लिम पक्ष को भी समझना चाहिए कि न्यायालय ने सबूत के आधार पर फैसला दिया है न्यायालय ने प्रत्येक बिंदु पर बहस को सुना है, उन्होंने कहा इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूजा उपासना अधिनियम 1991, लिमिटेशन एक्ट, वक्फ बोर्ड एक्ट आदि सभी बहस को लगातार सुना, तब जाकर न्यायालय ने  अपना आदेश दिया था, उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष के पास में कोई भी ऐसा साक्ष्य नहीं है जिससे वह यह कह सके यह अल्लाह का घर था और हिंदू पक्ष के पास जितने भी प्राचीन साक्ष्य थे वह न्यायालय में जमा कर दिए, उन्होंने कहा कि हिंदू पक्ष ने खसरा खतौनी नकल, पुरानी खेबट की नकल, बिजली का बिल, पानी का बिल, रेलवे का मुआवजा, नगर निगम का असेसमेंट और 13.37 एकड़ की रजिस्ट्री की कॉपी आदि सभी साक्ष्य न्यायालय में जमा कर दिए है, उन्होंने कहा यदि मुस्लिम पक्ष के पास एक भी कागज का टुकड़ा  है तो वह न्यायालय को दिखाएं, बिना सबूतों के यह विवादित बिल्डिंग अवैध अतिक्रमण ही माना जाएगा, उन्होंने कहा मुस्लिम शासको ने तलवार के दम पर हमारी कृष्ण मंदिर पर कब्जा किया था और हम लोग न्यायालय के सहयोग से कलम की ताकत से यह लड़ाई जरूर जीतेंगे।

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