उत्तर प्रदेश सरकार ने ALfA के साथ शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव लाने के DEVI संस्थान के प्रयासों का समर्थन किया है - उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक

DEVI संस्थान ने ALfA पद्धति को सुदृढ़ करने और भारत के शैक्षिक भविष्य को आगे बढ़ाने के लिए ग्लोबल लर्निंग लैब की१४वे एड लीडरशिपमें शुरुआत की

लखनऊ, 23 सितंबर 2024:DEVI संस्थान द्वारा आयोजित १४वे एड लीडरशिपकी आज आधिकारिक शुरुआत हुई। उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह ने पहले ग्लोबल लर्निंग लैब का उद्घाटन किया।यह तीन दिवसीय कार्यक्रम सिटी मोंटेसरी स्कूल, लखनऊ और डॉ. भारती गांधी के साथ-साथ डॉ. सुनीता गांधी द्वारा वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया।इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षक प्रशिक्षण को बेहतर बनाना और ALfA (Accelerated Learning for All) पद्धति के लिए सहयोग बढ़ाना है। ALfA को आज के समय की सबसे प्रभावी शिक्षण पद्धतियों में से एक माना गया है।मालदीव के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. अब्दुल्ला रशीद अहमद जैसे अन्य प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों ने इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

भारत को 2026-27 तक संपूर्ण बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता की दिशा में निपुण भारत मिशन की ओर अग्रसर करने के उद्देश्य से, ग्लोबल लर्निंग लैब ऐसे स्ट्रॅटेजीज़ और प्रशिक्षण पर प्रकाश डालेगा जो शिक्षकों को बच्चों के लिए शिक्षा को अधिक प्रभावी और आकर्षक बनाने में सक्षम बनाते हैं। उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, गोवा, मणिपुर, असम, ओडिशा, छत्तीसगढ़ जैसे 15 भारतीय राज्यों के शिक्षकों के साथ-साथ अमेरिका, मालदीव, केन्या, घाना, मलेशिया, पेरू और नेपाल जैसे 7 देशों के अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक भी इस तीन दिवसीय सशक्तिकरण कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। यह कार्यक्रम शिक्षा में बदलाव लाने के लिए एक वास्तविक सहयोगात्मक और इनोवेटिव मंच बना रहा है।

उत्तर प्रदेश के माननीय उपमुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने डॉ. सुनीता गांधी और DEVI संस्थान की पूरी टीम द्वारा भारत और वैश्विक स्तर पर किए गए उल्लेखनीय प्रयासों की सराहना करते हुए गर्व व्यक्त किया। उन्होंने पूरे राज्य में शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। सरकारी पहलों और ALfA जैसी इनोवेटिव समाधानों के बीच साझेदारी की महत्ता को रेखांकित करते हुए, उन्होंने कहा कि इनका उद्देश्य हर बच्चे को, चाहे वह कहीं भी हो, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सफलता के अवसर प्रदान करना है। "उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा में सुधार के इस मिशन में DEVI संस्थान का पूर्ण समर्थन करती है," उन्होंने साझा किया।

उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह ने किसी भी राष्ट्र के भविष्य को आकार देने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "शिक्षा विकसित और विकासशील दोनों देशों की आधारशिला है। अकेले उत्तर प्रदेश में हमारे पास लगभग 1,38,000 राज्य प्राथमिक विद्यालय हैं, जिनमें लगभग 7 लाख शिक्षक 2 करोड़ से अधिक बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं। राज्य के कुल बजट का 15% हिस्सा शिक्षा पर खर्च होता है, इसलिए यह आकलन करना ज़रूरी है कि क्या हम सही परिणाम प्राप्त कर रहे हैं। क्या राज्य के प्राथमिक विद्यालयों के छात्र अन्य संस्थानों के छात्रों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हैं? हमारे शैक्षिक प्रणाली में बदलाव की अत्यधिक आवश्यकता है। DEVI संस्थान द्वारा प्रस्तुत नई पद्धति इस परिवर्तन में महत्वपूर्ण योगदान देगी और यह पारंपरिक शिक्षा का पूरक तो हो सकती है, लेकिन उसका विकल्प नहीं।"

पहला ग्लोबल लर्निंग लैब एक ऐसा शिक्षण मॉडल प्रस्तुत कर रहा है, जिसमें अपने साथियों के साथ सक्रिय रूप से शिक्षण और अधिगम प्रक्रिया में शामिल होते हैं। यह नई पद्धति भारतीय कक्षाओं को सशक्त बनाने की उम्मीद है और छात्रों को उनके पाठ्यक्रम को आधे समय में पूरा करने में मदद करेगी, जिससे एफएलएन (बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता) में तेजी से प्रगति होगी। भारत को अगले तीन वर्षों मं् 11,16,846 नए शिक्षकों की आवश्यकता होगी, ताकि कमी को पूरा किया जा सके और नए छात्रों के नामांकन को संभाला जा सके। शिक्षा प्रणाली एक बड़े बदलाव की कगार पर है। यह बदलाव लाने का सबसे सही समय है।

DEVI संस्थान की संस्थापक डॉ. सुनीता गांधी ने सिनर्जी समिट 3.0 और ग्लोबल लर्निंग लैब के मिशन पर जोर देते हुए कहा, "हमारा ध्यान शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव लाने पर है। हमने उन शैक्षिक लक्ष्यों की पहचान की है जिन्हें प्राप्त करना ज़रूरी है और इसके लिए भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर से प्रमुख शिक्षाविदों का समर्थन जुटाया गया है। उद्देश्य यह है कि शिक्षा के क्षेत्र के विशेषज्ञ और अग्रणी मिलकर प्रणाली में सुधार करें, ताकि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो और वह अपने शिक्षण सफर में उत्कृष्टता प्राप्त कर सके।

उद्घाटन के दिन लखनऊ, उन्नाव और बाराबंकी के स्कूलों के सरकारी प्रतिनिधियों ने अपने क्षेत्रों में ALfA (Accelerated Learning for All) पद्धति पर अपने अनुभव साझा किए। उत्तर प्रदेश की पूर्व शिक्षा निदेशक ललिता प्रदीप ने कहा, "सीखने को बढ़ावा देने वाला कोई भी तरीका एक मूल्यवान पद्धति है। DEVI संस्थान का तेज़ सीखने पर दिया गया ध्यान छात्रों की दक्षता को बढ़ाएगा और एसडीजी लक्ष्यों को प्राप्त करने में योगदान देगा।"

सिनर्जी समिट 3.0 के अंतर्गत टाटा स्टील फाउंडेशन, अडानी फाउंडेशन, हिंडाल्को आदित्य बिड़ला फाउंडेशन, कोटक महिंद्रा फाउंडेशन, द वर्ल्ड बैंक, एचसीएल टेक और एनसीईआरटी जैसी प्रमुख संस्थाओं के नेतृत्व को एक साथ लाया गया है। समिट और 14वें एज्युकेशनल लीडरशिप कॉन्फ्रेंस में आने वाले दिनों में 4,000 से अधिक प्रतिभागी भाग लेंगे। निपुण भारत मिशन की ओर भारत की यात्रा को तेज़ी से आगे बढ़ाने पर पूरा ध्यान रहेगा। यह कार्यक्रम 23 से 25 सितंबर 2024 तक आयोजित किया जा रहा है।

वर्ल्ड बैंक की कनुप्रिया मिश्रा ने कार्यक्रम के दौरान कहा, "हम वर्ल्ड बैंक में भारत और दुनियाभर की सरकारों को बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता (FLN) में सुधार करने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। लर्निंग पॉवर्टी के अनुसार, भारत में बच्चे 10 वर्ष की आयु तक पढ़ने में सक्षम नहीं हो पाते हैं, यह एक आपात स्थिति है जिसका समाधान ज़रूरी है। इसका समाधान तभी संभव है जब सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र और DEVI संस्थान जैसी संस्थाएं मिलकर प्रयास करें और ऐसा समाधान ढूंढें जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि सभी बच्चों को शिक्षा मिले।"


Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने