प्रदेश के 5 और नये मेडिकल कॉलेज को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी मान्यता, कानपुर देहात और ललितपुर की सीटों में हुई बढ़ोत्तरी  

 

- सीएम योगी के वन डिस्ट्रिक्ट, वन मेडिकल कॉलेज के संकल्प को मिली बड़ी उपलब्धि, योगी सरकार का प्रयास लाया रंग 

 

- औरैया, चंदौली, गोंडा, लखीमपुर खीरी और कौशांबी के मेडिकल कॉलेज को मिली मान्यता, 100-100 एमबीबीएस सीटों पर इसी सत्र से होगी पढ़ाई

 

- कानपुर देहात और ललितपुर मेडिकल कॉलेज की 50-50 सीटों को बढ़ाकर 100-100 सीटों पर प्रवेश की दी गई अनुमति

 

- चिकित्सा शिक्षा विभाग ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को मान्यता के लिए की थी दोबारा अपील

 

- पहली अपील में एनएमसी ने 7 नये मेडिकल कॉलेज को दी थी मान्यता

 

- पहली अपील में बिजनौर, बुलंदशहर, कुशीनगर, पीलीभीत, कानपुर देहात, ललितपुर और सुल्तानपुर मेडिकल कॉलेज को दी गई थी मान्यता

 

- बिजनौर, बुलंदशहर, कुशीनगर, पीलीभीत, सुल्तानपुर मेडिकल कॉलेज को 100-100 एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश की दी थी अनुमति

 

- कानपुर देहात और ललितपुर मेडिकल कॉलेज को 50-50 एमबीबीएस सीटों पर ही दाखिले की दी गयी थी अनुमति

 

- वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2024-25 में स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों में एमबीबीएस पाठ्यक्रम की नयी सीटों की संख्या पहुंची 1200 

 

लखनऊ, 19 सितंबर: वन डिस्ट्रिक्ट, वन मेडिकल कॉलेज के संकल्प को पूरा करने में जुटी योगी सरकार के प्रयास रंग ला रहे हैं। सीएम योगी के प्रयासों का ही नतीजा है कि दूसरी अपील में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रदेश 5 और नये मेडिकल कॉलेज को मान्यता देते हुए एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू करने के लिए हरी झंडी दे दी है जबकि कानपुर देहात और ललितपुर में मेडिकल कॉलेज की सीटों को बढ़ाकर 50 से 100 कर दिया गया है। इसी के साथ प्रदेश में एमबीबीएस की 600 और सीटों में बढ़ोत्तरी हुई। इस प्रकार वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2024-25 एमबीबीएस पाठ्यक्रम की नयी सीटों की संख्या 1200 पहुंच गयी है। इससे पहले प्रदेश के 7 नए मेडिकल कॉलेज को मान्यता दे दी गई थी। इसमें पांच मेडिकल कॉलेज में 100-100 एमबीबीएस सीटों और कानपुर देहात और ललितपुर मेडिकल कॉलेज में 50-50 सीटों पर एमबीबीएस की मान्यता दी गयी थी। बता दें कि इसको लेकर सीएम योगी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से भी बात की थी, जिसके बाद कॉलेज के प्रधानाचार्य ने मान्यता के लिए एनएमसी में अपील दायर की थी। इसमें पहली अपील में प्रदेश के 7 मेडिकल कॉलेज को मान्यता दी गयी थी। इसी के साथ प्रदेश में अब कुल एमबीबीएस की 1200 नई सीटें हो गई हैं।

औरैया, चंदौली, गोंडा, लखीमपुर खीरी और कौशांबी के मेडिकल कॉलेज को मिली मान्यता

डीजीएमई किंजल सिंह ने बताया कि विभाग की ओर से प्रदेश के पांच जिले औरैया, चंदौली, गोंडा, लखीमपुर खीरी और कौशांबी के स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों की 100 एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश की अनुमति और कानुपर देहात, ललितपुर की 50-50 सीटों के स्थान पर 100-100 एमबीबीएस पाठ्यक्रम की सीटों पर प्रवेश की अनुमति के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के समक्ष दोबारा अपील की गई थी। इसी क्रम में इन सभी मेडिकल कॉलेज में 100-100 एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश के लिए अनुमति दे दी गयी है। वहीं इससे पहले बिजनौर, बुलंदशहर, कुशीनगर, पीलीभीत, कानपुर देहात, ललितपुर और सुल्तानपुर के स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों की 100-100 एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश के लिए एनएमसी के समक्ष अपील की थी। एेसे में एनएमसी ने पांच जिले बिजनौर, बुलंदशहर, कुशीनगर, पीलीभीत और सुल्तानपुर के स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों की 100-100 सीटों पर एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश की अनुमति दी थी जबकि कानुपर देहात और ललितपुर के स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों की 50-50 सीटों पर एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश की अनुमति दी थी। 

 

डीजीएमई ने बताया कि एनएमसी एक्ट 2019 की धारा 28 (6) के तहत यदि पहली अपील करने के बाद भी एनएमसी द्वारा एलओपी प्रदान नहीं की जाती है तो उक्त धारा के तहत 30 दिन के अंदर दोबारा अपील की जा सकती है। इसी नियम के तहत दोबारा अपील की गई थी।

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