मथुरा।गोविंद नगर स्थित कांतीनारायण चेरीटेबिल ट्रस्ट धर्मशाला (निकट-भगवानश्री कृष्ण जन्मभूमि)में देश की अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्था हिंदी साहित्य संगम (पंजी.) फरीदाबाद के द्वारा हिन्दी साहित्य महोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास एवं धूमधाम के साथ संपन्न हुआ।जिसमें संस्था के द्वारा देश के प्रसिद्ध 37 साहित्यकारों/रचनाकारों को "हिंदी साहित्य भूषण सारस्वत सम्मान" से सम्मानित किया गया।जिसके अंतर्गत मंचासीन गणमान्य विभूतियों ने संस्था के संस्थापक व अध्यक्ष राष्ट्रीय कवि डॉ. सी.एम. गुप्ता "अटल" को 37 पुष्पों से सजे हार को पहनाकर शुभकामनाएं प्रेषित की। साथ ही संस्थाध्यक्ष के हिंदी भाषा एवं साहित्य के संवर्धन हेतु किए गए प्रयासों की भूरि भूरि प्रशंसा की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए देश के सरकारी सम्मान प्राप्त मथुरा के वरिष्ठ साहित्यकार(कवि एवं लेखक) डॉ. दिनेश पाठक "शशि" ने संस्था के उद्देश्यों एवं कार्यकलापों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुये संस्था को अपने एवं संबंधित संस्थाओं के सतत सहयोग देने की घोषणा की।
संस्थाध्यक्ष डॉ. सी.एम. गुप्ता "अटल" द्वारा हिंदी भाषा को राष्ट्र भाषा बनाने,हिंदी को संयुक्त राष्ट्र संघ में मान्यता प्रदान कराने एवं हिंदी भाषा और साहित्य के प्रचार-प्रसार हेतु देश की पंजीकृत साहित्यिक संस्थानों को अनुदान प्रदान करवाने हेतु सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कराकर भारत की राष्ट्रपति महामहिम श्रीमती द्रोपदी मुर्मू को भिजवाया गया।
इसके अलावा संस्थाध्यक्ष द्वारा कार्यक्रम में पधारे सभी महानुभावों का आभार प्रकट कर समारोह समापन की विधिवत घोषणा के साथ 38वां वार्षिक अधिवेशन दिल्ली में आयोजित करने की घोषणा की।
महोत्सव के अंतर्गत आयोजित राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में दिल्ली, गाजियाबाद, आगरा, मथुरा, चित्रकूट, कोटा (राजस्थान), विजयवाड़ा (आंध्रप्रदेश) से पधारे लगभग डेढ़ दर्जन कवियों ने काव्य पाठ कर सभी श्रोताओं का दिल जीत लिया।समारोह का संचालन वसुंधरा(गाजियाबाद)से पधारीं वरिष्ठ कवयित्री डा पुष्पा सिंह विसेन व कविसम्मेलन का संचालन आगरा से पधारे कवि प्रो. गया प्रसाद रजत ने अति मनोहारी ढंग से किया।
इस अवसर पर महोत्सव के प्रभारी सुरेश चंद्र गुप्ता, प्रख्यात साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, वरिष्ठ पत्रकार विनोद चूड़ामणि, प्रख्यात कवि डॉ. रमाशंकर पाण्डेय, डॉ. राधाकांत शर्मा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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