दिनांक 10 सितम्बर से 19 सितम्बर तक चलने वाला दस दिवसीय महाकुंभ पर आधारित संस्कार गीतों की प्रस्तुती परक कार्यशाला जो की संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश के सहयोग से और प्रतिभा दर्शन सामाजिक, सांस्कृतिक सेवा संस्थान द्वारा आयोजित कार्यशाला के दूसरे दिन मुख्य अतिथि के तौर पर संगीत नाटक अकादमी के सदस्य डा. श्री कांत शुक्ला ने कहा कि परंपरागत सोहर कजरी जैसी विधाओं को नया रूप देकर समाज से जोड़ना बहुत ही सराहनीय कार्य है, मुख्य अतिथि के रूप में बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ से पधारी कैप्टन डा. राजश्री ने बताया कि आज नई पीढ़ी को अपने संस्कारों और संस्कृति से अवगत कराना अत्यंत आवश्यक है। कार्यक्रम के आयोजक और निर्देशक श्री शिव पूजन शुक्ल ने सभी अतिथियों का परिचय कराया और अंगवस्त्र सहित पुष्प गुच्छ दे कर अभिनंदन किया। अध्यक्ष डा. प्रतिभा मिश्रा द्वारा कार्यशाला की आगामी दिवस में होने वाली गतिविधियों से अवगत कराते हुए कार्यक्रम का संचालन किया गया|
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