मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जनपद गोरखपुर में गोरखनाथ रोड स्थित मेवालाल गुप्त गुरुकुल विद्यालय में नवनिर्मित सभागार, 05 कक्ष तथा प्रशासनिक भवन का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर कहा कि गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने मेवालाल गुप्त गुरुकुल विद्यालय के पुनरूद्धार हेतु अपने सी0एस0आर0 फण्ड के माध्यम से 01 करोड़ 05 लाख रुपये की लागत से नये कक्ष, प्रशासनिक भवन तथा सभागार का निर्माण किया है। इन भवनों में नये फर्नीचर, स्मार्ट क्लास आदि शैक्षिक आधारभूत संरचना का निर्माण किया गया है। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बड़ा वर्ग अत्याधुनिक शिक्षा से वंचित न रह जाये इसके लिए यह कार्य किया जा रहा है। यह सभी बच्चों का अधिकार है कि उन्हें समय के अनुरूप शिक्षा हेतु स्मार्ट क्लास तथा डिजिटल लाइब्रेरी आदि की सुविधा प्राप्त हो। उन्हें आधुनिक ज्ञान के बारे में जानकारी हो सके। गोरखपुर विकास प्राधिकरण की यह पहल इस गुरुकुल को पुनः अपने पुरातन वैभव को प्राप्त करने में मदद कर रहा है।
गोरखपुर में गुरुकुल विद्यालय की स्थापना वर्ष 1935 में हुई थी। स्वंतत्रता संग्राम आंदोलन के दौरान विद्यालय द्वारा आध्यात्मिक व राजनैतिक जन चेतना का प्रसार करने के कारण ब्रिटिश सरकार ने इसे 05 वर्षों के लिए बंद कर दिया था। इसके उपरान्त पुनः यह गुरूकुल अपने नये रूप में प्रारम्भ हुआ। यहां यह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के रूप में यह संस्था संचालित हो रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जब कोई संस्था या व्यक्ति समय के अनुरूप नहीं चलता, तो वह पिछड़ जाता है। इस गुरुकुल के साथ भी यही हुआ था। आज की आवश्यकता के अनुरूप संसाधनों के अभाव के कारण यह विद्यालय पिछड़ रहा था। यहां छात्रों की संख्या भी कम हुई। संसाधनों की पूर्ति के लिए गोरखपुर विकास प्राधिकण और प्रशासन को इस प्राचीन गुरुकुल के पुनरुद्धार के लिए निर्देशित किया गया था। उसी के फलस्वरूप गोरखपुर विकास प्राधिकरण द्वारा इन भवनों का सी0एस0आर0 निधि के माध्यम से निर्माण हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति इस समाज का हिस्सा है। वह अपने आप को समाज से अलग नहीं कर सकता। समाज में जब भी कोई विषमता आती है, तो उसका खामियाजा पूरे देश को भुगतना पड़ता है। यह विषमता सामाजिक हो या आर्थिक इसको दूर करने के लिए सभी को आगे आना होगा। विषमता व्यक्ति को विभिन्न संकीर्णताओं से ग्रस्त करती है। इन विषमताओं को न्यूनतम करने के लिए हम सभी को अपना योगदान देना होगा तथा इस दिशा में तत्परता से कार्य करना होगा।
प्रदेश सरकार आज हर एक बच्चे को प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है। शासन प्रत्येक नागरिक के उत्तम स्वास्थ्य हेतु बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए भी प्रतिबद्ध है और इस दिशा में लगातार काम किया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्ष 2020 में इस सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना में बेहतरीन प्रबंधन के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश के समक्ष प्रस्तुत की। यह शिक्षा नीति देश की भावी पीढ़ी को समय के अनुरूप तैयार करने के लिए लायी गयी है। यह शिक्षा नीति मात्र औपचारिकता नहीं, बल्कि प्रत्येक छात्र के सर्वांगीण विकास के साथ जुड़ी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित कर भारत को विकसित भारत के रूप में स्थापित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी। बेसिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तथा तकनीकी शिक्षा से लेकर मेडिकल एवं वोकेशनल शिक्षा में आज की आवश्यकता के अनुरूप पाठ्यक्रम प्रदान किये जा सकें, इसलिए यह शिक्षा नीति लायी गयी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार विभिन्न प्रयास कर रही हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा कार्य प्रारम्भ किये गये हैं। प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, जिला चिकित्सालयों के सुदृढ़ीकरण की कार्यवाही लगातार चल रही है। ‘एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज’ के कार्य को लगातार आगे बढ़ाया जा रहा है। आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रदेश के 10 करोड़ लोगों को 05 लाख रुपये तक की निःशुल्क उपचार की सुविधा प्रदान की जा रही है। आज से कुछ वर्ष पूर्व लोग इलाज के आभाव में दम तोड़ देते थे। किन्तु आज स्वास्थ्य एवं शिक्षा प्राप्त करने में किसी को अभाव का सामना नहीं करना पड़ता।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये जाने वाले यह प्रयास विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने में योगदान दे रहे हैं। प्रदेश सरकार शिक्षा क्षेत्र में बदलाव हेतु सी0एस0आर0 निधि के माध्यम से सभी पुराने राजकीय माध्यमिक विद्यालयों तथा संस्कृत विद्यालयों के पुराने भवनों के पुनरूद्धार हेतु धन उपलब्ध करा रही है, ताकि जर्जर भवनों के नीचे विद्यार्थियों को पढ़ाई न करनी पड़े। विद्यार्थी सुरक्षित व सुरम्य वातावरण में अध्ययन कर एक जिम्मेदार नागरिक बन सकें, इसके लिए विद्यालयों के पुराने भवनों के पुनरुद्धार का कार्य लगातार किया जा रहा है। इसी क्रम में आज सी0एस0आर0 निधि के माध्यम से इस विद्यालय में इन भवनों का निर्माण किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दि गोरखपुर गुरुकुल सोसाइटी एवं विद्यालय प्रबंधन को आज प्राप्त भवनों के माध्यम से इस प्रांगण में शिक्षा का एक बेहतरीन वातावरण बनाने का प्रयास करना चाहिए। आज भी इस विद्यालय में यज्ञ एवं हवन के कार्यक्रम सम्पन्न होते हैं। गुरुकुल की पुरानी परम्परा में हवन आदि के कार्यक्रम होते थे। वहां आध्यात्मिक वातावरण और पठन-पाठन का एक बेहतरीन माहौल रहता था। यह संस्थाएं देश की शिक्षा की सर्वश्रेष्ठ संस्थाएं मानी जाती थीं। जैसे ही हम अपने मूल्यों से हटते हैं, तो समाज में बहुत जगहों पर अराजकता देखने को मिलती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस अराजकता से मुक्ति के लिए एक मात्र माध्यम अध्ययन और विरासत है। अपनी विरासत को बनाये रखने की दिशा में यह एक अनूठा प्रयास है। उन्होंने कहा कि इस गुरुकुल को अगले 10 वर्षां के बाद अपना शताब्दी महोत्सव मनाना है। दि गोरखपुर गुरुकुल सोसायटी यह प्रयास करे, कि वह शताब्दी महोत्सव के समय इस संस्था को गोरखपुर सिटी में एक बेहतरीन संस्था के रूप में पुनः स्थापित कर सके। कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। जो भी यहां आये उसको शिक्षा देना हमारा कार्य हो। संस्था विद्यार्थियों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने के साथ ही स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम के साथ भी जोडे़। क्योंकि नौकरी के साथ-साथ हमें उद्यमिता को प्रोत्साहित करना पड़ेगा, तभी भारत एक विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने में सफल हो पायेगा।
मुख्यमंत्री जी ने विद्यालय प्रांगण में वृक्षारोपण भी किया।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण, गुरुकुल सोसायटी के पदाधिकारी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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