मुख्यमंत्री ने जनपद कुशीनगर के छितौनी तटबन्ध के पुनर्स्थापना कार्यों का निरीक्षण किया

बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री का वितरण किया

क्षतिग्रस्त फसलों के दृष्टिगत अनुदान सहायता धनराशि के चेक, विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र, विद्यार्थियों को टैबलेट वितरित किए

डबल इंजन सरकार आपदा में 24 घण्टे अपने नागरिकों की सहायता और सुरक्षा के लिए तत्पर : मुख्यमंत्री

प्रदेश सरकार ने विगत 07 वर्षों में बाढ़ बचाव के विभिन्न कार्य किए, बड़े पैमाने पर जन-धन की हानि को रोकने में मदद मिली

जनपद कुशीनगर में बाढ़ बचाव के लिए लगभग 600 करोड़ रु0 की धनराशि खर्च की गयी, परिणामस्वरूप 03 लाख से अधिक आबादी और हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि सुरक्षित हुई

नारायणी नदी पर एक पक्का पुल बनाया जाए, सर्वे का कार्य अभी से प्रारम्भ हो

छितौनी तटबन्ध से भैंसहा ग्राम तक स्पर निर्मित किए गए, जिससे इस क्षेत्र में 83 गांवों की 01 लाख 16 हजार से अधिक आबादी, लगभग 20 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि सुरक्षित हुई

सिंचाई विभाग छितौनी तटबन्ध के पिच के कार्य को प्राथमिकता के आधार पर आगे बढ़ाएं

07 वर्ष पूर्व कुशीनगर में इंसेफेलाइटिस से सबसे अधिक बच्चे प्रभावित होते थे, आज इस बीमारी को पूरी तरह नियंत्रित कर लिया गया

राज्य सरकार ने जनपद कुशीनगर को नया कृषि विश्वविद्यालय उपलब्ध कराया, शीघ्र शिलान्यास होकर कार्य प्रारम्भ होने जा रहा, कुशीनगर सभी ओर से सड़कों से जुड़ चुका


लखनऊ : 04 अगस्त, 2024


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद कुशीनगर के छितौनी तटबन्ध के 7.8 कि0मी0 पर निर्मित स्पर के पुनर्स्थापना कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने प्राथमिक विद्यालय तुर्कहा परिसर में बाढ़ प्रभावित लोगों से भेंट की तथा बाढ़ राहत सामग्री का वितरण किया। मुख्यमंत्री जी ने इस दौरान क्षतिग्रस्त फसलों के दृष्टिगत अनुदान सहायता धनराशि के चेक, विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र, विद्यार्थियों को टैबलेट वितरित किए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने विगत 07 वर्षों में बाढ़ बचाव के विभिन्न कार्य किए, जिसके कारण बड़े पैमाने पर जन-धन की हानि को रोकने में मदद मिली है। पिछले 07 वर्षों में जनपद कुशीनगर में नारायणी नदी, गण्डक नदी व अन्य सहायक नदियों पर बाढ़ बचाव के लिए लगभग 600 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की गयी है। बाढ़ से बचाव के विभिन्न प्रबन्ध करने का ही परिणाम है कि जनपद में 03 लाख से अधिक आबादी और हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि सुरक्षित हुई है। राज्य सरकार के प्रयासों का परिणाम है कि लोग यहां पर सुरक्षित व निश्चिंत हैं। इसी प्रकार बाढ़ बचाव के विभिन्न कार्य अन्य जनपदों में भी हुए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत 07 से 09 जुलाई के बीच जब नेपाल में भारी बारिश हुई थी, तब गण्डक नदी और नारायणी नदी में लगभग 4.5 लाख क्यूसेक पानी प्रवाहित हुआ था। जबकि सामान्यतः पानी 12 से 20 हजार क्यूसेक ही रहता है। इतना भारी मात्रा में पानी प्रवाहित होने के बावजूद यहां के तटबन्ध सुरक्षित हैं, जो यह दिखाता है कि कार्य गुणवत्तापूर्ण हुए हैं। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों ने उस पार के गांवों के बारे में चिंता व्यक्त की है कि नारायणी नदी पर एक पक्का पुल बनना चाहिए। उस पार के गांवों में शिवपुर, नारायणपुरा, मरचहवा, हरिहरपुर और महराजगंज के सोहागी बरवा के 05 से 07 गांव हैं, जिनमें 15-20 हजार आबादी निवास करती है।
मुख्यमंत्री जी ने जिला प्रशासन को निर्देशित करते हुए कहा कि पी0एम0 गति शक्ति के माध्यम से इस बात को देखें कि पुल बनाने व लोगों के आवागमन के लिए कौन सा स्थान सुरक्षित होगा। पक्का पुल बनाने के सर्वे का कार्य अभी से प्रारम्भ हो जाए। बरसात के बाद पानी के कम होने पर कार्य प्रारम्भ हो जाए। इसकी तैयारी हमें अभी से करनी होगी। छितौनी तटबन्ध के पिच के कार्य को प्राथमिकता के आधार पर सिंचाई विभाग आगे बढ़ाए। इस पूरे क्षेत्र में बाढ़ का स्थायी समाधान हो और आवागमन के लिए लोगों को सुविधा प्राप्त हो।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कुशीनगर हिमालय की तलहटी में होने के कारण यहां पर नदी का करंट बहुत तेज होता है, फिर भी यहां काफी राहत है। विगत 07 वर्ष पहले छितौनी तटबन्ध पर जो लोग काम करते थे, उनकी निर्मम हत्या हो जाती थी। इस क्षेत्र में माफिया हावी थे। सूर्यास्त के बाद लोग आना-जाना बंद कर देते थे। आज आतंक, अराजकता और गुण्डागर्दी का अंत हो गया है। छितौनी तटबन्ध से भैंसहा ग्राम तक स्पर निर्मित किए गए हैं, जिनसे बाढ़ बचाव में काफी मदद मिली है। परिणामस्वरूप इस क्षेत्र में 83 गांवों की 01 लाख 16 हजार से अधिक आबादी और लगभग 20 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि सुरक्षित हुई है।
कुशीनगर महात्मा बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली है। दुनिया कुशीनगर को शान्ति, मैत्री और करुणा की पवित्र भूमि के रूप में भी देखती है। दुनियाभर के लोग आज कुशीनगर की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। कुशीनगर को दुनिया के आकर्षण का केन्द्र बनाने के लिए सरकार के स्तर पर जो प्रयास प्रारम्भ हुए, आज वह मूर्त रूप लेते हुए दिखायी दे रहे हैं। 07 वर्ष पूर्व कुशीनगर में इंसेफेलाइटिस से सबसे अधिक बच्चे प्रभावित होते थे। आज इस बीमारी को पूरी तरह नियंत्रित कर लिया गया है। कुशीनगर वासियों का अपना मेडिकल कॉलेज भी है। कृषि की आधुनिक तकनीक यहां के लोगों को मिल सके, इसके लिए राज्य सरकार ने नया कृषि विश्वविद्यालय जनपद कुशीनगर को उपलब्ध कराया है। इस कृषि विश्वविद्यालय का शिलान्यास होकर कार्य प्रारम्भ होने जा रहा है। पर्यटकों की सुविधा के लिए कुशीनगर में इण्टरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण कराया जा चुका है। कुशीनगर सभी ओर से सड़कों से जुड़ चुका है और यहां की सड़कें पहले से बेहतर स्थिति में हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार आपदा में 24 घण्टे अपने नागरिकों की सहायता और सुरक्षा के लिए तत्पर है। सरकार आपके सुख में आपके साथ सुखी होना चाहती है। मगर आपको कभी दुःख न उठाना पड़े, इसके लिए सरकार समय-समय पर उपाय करती है। फिर भी आपदा आती है, तो सरकार आपकी मदद के लिए प्रभावी कदम उठाती है। यहां मुसहर जाति की बड़ी आबादी रहती है। राज्य सरकार ने इन्हें जमीन का पट्टा, आवास, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, वृद्धावस्था पेंशन, निराश्रित महिला पेंशन, दिव्यांगजन पेंशन जैसी विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया है।
जल शक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार संकट की घड़ी में लोगों के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री जी के प्रयासों से क्षेत्र में डर का माहौल बिल्कुल खत्म हो गया है। राज्य सरकार बेटियों की शिक्षा के साथ-साथ उनके विवाह की जिम्मेदारी का भी निर्वहन कर रही है।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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