जल संचयन में उपयोगी हैं माइक्रोइरीगेशन संयत्र: डीएचओ 


बहराइच/ब्यूरो। जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि जनपद बहराइच में विगत वर्षों की भांति वर्ष 2024-25 में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के उपघटक ‘ड्रॉप मोर क्रॉप’ के अन्तर्गत भौतिक लक्ष्य प्राप्त हुए हैं। जनपद में बागवानी, कृषि एवं गन्ना विकास की प्रबल सम्भावनायें हैं। किसान भाई अपनी भू-भागों/जमीन पर माइक्रोइरीगेशन संयत्रों का उपयोग कर भू-जल का संचयन कर सकेंगे वहीं दूसरी तरफ पौधों की सिंचाई पर उपयोग होने वाली जल मात्रा को सदुपयोग कर गुणवत्तायुक्त उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि कर सकते हैं, और लागत में कमी लाकर कृषक/बागवान अपनी उपज से अधिक आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। 
उन्होनें बताया कि लाभार्थी कृषक यदि अपनी फसल की सिंचाई सूक्ष्म तकनीकियों, संयत्रों को अपना कर करते हैं तो लागत में कमी ला कर आय में वृद्धि की जा सकती है और जनपद के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। ड्रिप एवं मिनी स्प्रिंलकर संयत्र पर इकाई लागत का लघु सीमान्त कृषकों को 90 प्रतिशत अनुदान तथा अन्य श्रेणी के कृषकों को 80 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। पोर्टेबल स्प्रिंकलर एवं लार्ज वाल्यूम (रेनगन) में लघु सीमान्त कृषकों को 75 प्रतिशत एवं अन्य श्रेणी के कृषकों को 65 प्रतिशत अनुदान अनुमन्य है। एक कृषक अधिकतम 5 हेक्टेयर भूमि पर लाभ ले सकता है। अधिक जानकारी हेतु इच्छुक कृषक कार्यालय जिला उद्यान अधिकारी, बहराइच किसी भी कार्य दिवस में आकर योजना सम्बन्धी समस्त जानकारी प्राप्त कर सकते हैं तथा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना माइक्रोइरीगेशन योजनान्तर्गत लाभ लेने हेतु यूपीएमआईपी डाट इन पर अपना पंजीकरण करा सकते हैं।


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