मुख्यमंत्री से ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त के नेतृत्व में
ऑस्ट्रेलिया के प्रतिनिधिमण्डल ने भेंट की
कृषि व सहायक सेक्टर में निवेश पर चर्चा
प्रदेश का किसान परिश्रमी और नवाचारों को अपनाने वाला, उ0प्र0
भारत की फूड बास्केट के रूप में विशिष्ट पहचान रखता : मुख्यमंत्री
ऑस्ट्रेलिया की कृषि तकनीकी हमारे किसानों को मिलेगी तो प्रदेश में कृषि,
उद्यान, डेयरी और खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर को बड़ा लाभ मिलेगा
प्रदेश के डेयरी सेक्टर को और बेहतर बनाने में
ऑस्ट्रेलिया अच्छा सहयोगी बन सकता
उ0प्र0 ‘एक जिला-एक डेयरी’ के एक बड़े कार्यक्रम को आगे बढ़ाने
वाला, इसमें ऑस्ट्रेलिया से तकनीकी सहयोग मिलना उत्साहवर्धक होगा
आस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालयों द्वारा प्रदेश में अपने परिसर
स्थापित करने पर भी विचार किया जाना चाहिए
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सुदृढ़ द्विपक्षीय संबंधों का समृद्ध इतिहास, इन सम्बन्धों को और मजबूत बनाने में उ0प्र0 बड़ी भूमिका निभा सकता : आस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त
ऑस्ट्रेलिया की कम्पनियां उ0प्र0 की सम्भावनाओं को विस्तार देने को उत्साहित
यहां के कृषि और खाद्य प्रसंस्करण सेक्टरों को मजबूत
करने में ऑस्ट्रेलिया अच्छा सहयोगी बनना चाहता
लखनऊ : 21 अगस्त, 2024
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से आज यहां उनके सरकारी आवास पर ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त श्री फिलिप ग्रीन के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलिया के प्रतिनिधिमण्डल ने भेंट की। इस अवसर पर कृषि व सहायक सेक्टर में निवेश पर चर्चा की गई।
आस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त ने दूसरी बार उत्तर प्रदेश आने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सुदृढ़ द्विपक्षीय संबंधों का समृद्ध इतिहास है। इन सम्बन्धों को और मजबूत बनाने में उत्तर प्रदेश बड़ी भूमिका निभा सकता है। उत्तर प्रदेश में बहुत सम्भावनाएं हैं। ऑस्ट्रेलिया की कम्पनियां इन सम्भावनाओं को विस्तार देने को उत्साहित हैं। यहां के कृषि और खाद्य प्रसंस्करण सेक्टरों को मजबूत करने में ऑस्ट्रेलिया अच्छा सहयोगी बनना चाहता है। इस अवसर पर आस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त ने प्रतिनिधिमण्डल में शामिल कम्पनियों के प्रतिनिधियों और उनकी विशेषज्ञता से भी मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया।
इसके पूर्व, लखनऊ आगमन पर ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमण्डल का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश में सबसे बड़ी आबादी का यह प्रदेश, भारत की फूड बास्केट के रूप में विशिष्ट पहचान रखता है। हमारे पास देश की कुल कृषि भूमि का 12 प्रतिशत हिस्सा है। देश की खाद्यान्न जरूरतों का 20 प्रतिशत उत्तर प्रदेश में ही पैदा होता है। उत्तर प्रदेश में 85 प्रतिशत कृषि भूमि सिंचित है। इसे आगे विस्तार दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश में स्थापित कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केंद्रों और कृषक उत्पादक संगठनों के बारे में भी जानकारी देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश का किसान परिश्रमी है और नवाचारों को अपनाने वाला है। ऐसे में यदि ऑस्ट्रेलिया की कृषि तकनीकी हमारे किसानों को मिलेगी तो निश्चित ही प्रदेश में कृषि, उद्यान, डेयरी और खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर को बड़ा लाभ मिलेगा। प्रदेश के डेयरी सेक्टर को और बेहतर बनाने में ऑस्ट्रेलिया अच्छा सहयोगी बन सकता है। उत्तर प्रदेश ‘एक जिला-एक डेयरी’ के एक बड़े कार्यक्रम को आगे बढ़ाने वाला है, इसमें ऑस्ट्रेलिया से तकनीकी सहयोग मिलना उत्साहवर्धक होगा।
मुख्यमंत्री जी ने विभिन्न ऑस्ट्रेलियाई शैक्षिक संस्थानों के प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश के युवा उच्च शिक्षा के लिए ऑस्ट्रेलिया जाते हैं। यह उचित होगा ऑस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालय, प्रदेश के शैक्षिक संस्थानों के साथ शोध कार्य और तकनीकी ज्ञान के हस्तांतरण हेतु एम0ओ0यू0 करते हुए आगे बढ़ें। साथ ही, आस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालयों द्वारा प्रदेश में अपने परिसर स्थापित करने पर भी विचार किया जाना चाहिए।
ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त के साथ वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेन्ट की चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में आज जल, थल और नभ की बेहतरीन कनेक्टिविटी है। राज्य की निवेश अनुकूल 27 इण्डस्ट्रियल सेक्टोरल नीतियां हर सेक्टर के निवेशकों की जरूरतों को पूरा करने वाली हैं। उन्होंने प्रदेश की एफ0डी0आई0 और फार्च्यून 500 कम्पनियों के लिए घोषित नीति को ऑस्ट्रेलियाई निवेशकों के लिए उपयोगी बताया।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती मोनिका एस0 गर्ग, आस्ट्रेलिया के वरिष्ठ व्यापार और निवेश आयुक्त श्री जॉन साउथवेल, कृषि सलाहकार श्री किरण करामिल, द्वितीय सचिव श्री टॉम ओवरटान, व्यापार और निवेश निदेशक श्रीमती आशा सुंदरमूर्ति, ऑसन लैब के भारत निदेशक श्री संदीप जायसवाल, ग्रेनकॉर्प के निवेश प्रबंधक श्री जॉर्डन जेफरी, पश्चिमी सिडनी विश्वविद्यालय में अन्तरराष्ट्रीय रणनीति प्रमुख सुश्री निशा राकेश, तस्मानिया विश्वविद्यालय के श्री माइकल रोज सहित विभिन्न ऑस्ट्रेलियाई कम्पनियों और शैक्षिक संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल थे।
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