वन माफियाओं की चल रही दादागिरी, प्रतिबंधित पेड़ों को धराशायी कर रहे जंगल के जल्लाद
● हैदरगढ़ रेंज में नहीं थम रहा अवैध कटान का कारोबार, जिम्मेदार मौंन
हैदरगढ़ (बाराबंकी) संवाददाता जहाँ एक तरफ देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री पर्यावरण को शुद्ध और स्वस्थ बनाये रखने के लिये एक पेड़ माँ के नाम कार्यक्रम चला कर वृक्ष बचाओ अभियान चलाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ इसके उलट शाम होते ही जंगल के दुश्मन जंगल को साफ करने के लिये अभियान शुरू कर देते हैं! वन विभाग की सख्ती के दावों के बीच वन माफिया ने दिन - में पांच हरे भरे प्रतिबंधित शीशम व कैथा के पेड़ों को काटकर धराशाही कर दिया है। हैरत कि बात है कि वन विभाग को इसकी भनक तक नहीं लग सकी।
एक तरफ प्रदेश सरकार धरा को हरा भरा बनाए रखने के लिए अभियान चलाकर प्रतिवर्ष करोड़ों पौधे रोपित करवा रही है! परंतु यहां पर वन माफिया इतने बेखौफ है कि मौका मिलते ही तमाम सख्ती के बावजूद भी हरे- भरे प्रतिबंधित पेड़ों को काटकर धाराशाही कर देते है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक वन रेंज हैदरगढ़ के अन्तर्गत पूरे गिरवर सिंह गांव में नौ अगस्त की सुबह को इसी गांव निवासी दीपू सिंह की बाग में चार सीशम और एक कैथा के पेड़ों में पांच प्रतिबंधित पेड़ों को काटकर वन माफिया द्वारा धाराशाई कर दिया गया और ठेकेदार पुत्ती उर्फ ताज द्वारा सुबह-दिन मे चार सीशम और एक कैथा के प्रतिबंधित पेड़ो को कटवाकर लकड़ी गतंव्य स्थान को पहुंचा दी गई।
सबसे हैरत की बात तो यह है एक तरफ ठेकेदार प्रतिबंधित पेड़ों को काट कर लकड़ी उठा ले गए तो दूसरी तरफ जिम्मेदारों को इसकी भनक तक नहीं लग सकीं। एक तरफ वन विभाग द्वारा अवैध कटान पर रोक को लेकर तमाम दावें किए जा रहे है, यहाँ पर वन माफियाओं के हौसले बुलंद है कि जब जहाँ चाहते है प्रतिबंधित पेड़ों को काटकर धाराशाही कर देते है। अब देखना होगा कि जिम्मेदार वन विभाग द्वारा इस मामले में कोई कार्यवाही अमल में लायी जाती है कि नहीं! वन अधिकारियों का कहना है कि यदि अवैध कटान की गई है तो इसकी जाँच कराकर ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। अब देखना है कि हमारी टीम के द्वारा मामला उजागर होने के बाद वन माफियाओं पर वन विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही की जायेगी या फिर ऐसे ही जंगल के दुश्मन पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते रहेंगे!
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