जौनपुर। जाफराबाद नगर पंचायत "कार्य पहले टेंडर बाद में" मामला उजागर

अपर जिलाधिकारी ने मांगा जवाब, दिया चेतावनी, टेंडर निरस्त कर जिम्मेदारों ने पल्ला झाड़ा

जौनपुर। नगर पंचायत में जफराबाद के अध्यक्ष तथा अधिशासी अधिकारी के मनमानी और मिलीभगत से "कार्य पहले, टेंडर बाद में" मामला उजागर हुआ तो जिम्मेदार हरकत में आ गए। अपरजिलाधिकारी ने नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा तो टेंडर निरस्त कर पल्ला झाड़ लिया। 

क्या टेंडर निरस्त कर देने से इन जिम्मेदारों को जांच व करवाई के दायरे से बाहर निकाल दिया जाएगा ?  टेंडर होने से पहले जिम्मेदार अधिकारी कार्य स्थल का सत्यापन करता है। नगर पंचायत का जेई उसका एस्टीमेट बनाता है। कार्य की लागत निकाली जाती है। अध्यक्ष और ईओ की स्वीकृति के बाद टेंडर होता है।यहां कार्य पहले करा दिया गया बाद में टेंडर की औपचारिकता इन जिम्मेदारों के नियत पर गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है। नगर पंचायत में बीते जनवरी माह में 41 सीटी कैमरे लगाए गए। लागत 14 लाख रुपए के करीब बताई जाती है। 11 जुलाई को इसका टेंडर जेम पोर्टल पर किया गया। पहले से कार्य कराए जाने, टेंडर खोलने, मिलीभगत के साथ भुगतान के प्रयास का मामला उजागर हो गया। अपर जिलाधिकारी गणेश कुमार सिंह ने नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी विजय कुमार को पत्र लिखकर स्पष्टीकरण मांगा। अपर जिलाधिकारी से पूछे जाने पर उन्होंने बताया की आधीशासी अधिकारी ने टेंडर को निरस्त कर देने की करवाई का सष्टीकरण से दिया है। इसी तरह मोहल्ला नैपुरा में 5 लाख 22 हजार की लागत से नाली निर्माण व सड़क निर्माण का मामला उजागर हुआ तो उसमें भी जांच से बचने के लिए टेंडर निरस्त कर पल्ला झाड़ लिया। अपर जिलाधिकारी में कहा कि अधिशासी अधिकारी जाफराबाद तथा नगर पंचायत अध्यक्ष को चेतावनी पत्र लिखा गया है। आगे इस संबंध में कार्रवाई की जाएगी।

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