मथुरा।स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या के अवसर पर बी.एस.ए कॉलेज में स्थापित की गई विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस प्रदर्शनी। जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह एवं मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीना,सांसद प्रतिनिधि जनार्दन शर्मा, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रिंकू सिंह राही सहित विस्थापित परिवार के सदस्यों ने बी.एस.ए कॉलेज में लगी विभाजन विभीषिका प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
जिलाधिकारी ने उपस्थित लोगो को विभाजन के बारे में बताया और लोगो को जागरूक किया। उन्होंने लोगों को अधिकाधिक हर घर तिरंगा कार्यक्रम में प्रतिभाग करने के लिए प्रेरित किया। जिलाधिकारी ने हर घर तिरंगा अभियान को अधिकाधिक लोगों तक पहुंचाने का आग्रह किया तथा 78वे स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें दी। स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए लोगों से हर घर तिरंगा अभियान की सराहना की और लोगों को झंडा फहराने के लिए प्रेरित किया।
जिलाधिकारी ने कहा कि हम लोग अपनी प्रिय मातृभूमि के उन बेटे एवं बेटियों को नमन करते है, जिनको भारत विभाजन के दौरान अपने प्राण न्योछावर करने पड़े थे, ऐसे लोगो की याद में तथा भारत की वर्तमान एवं भावी पीढ़ियों को विभाजन के दौरान लोगों द्वारा सही गयी यातना एवं वेदना का स्मरण दिलाने के लिए 14 अगस्त को *‘‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’’* के रूप में मनाया जाता है।
कार्यक्रम के अन्तर्गत विभाजन की विभीषिका/त्रासदी की दर्दनाक मंजर की याद में जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में भारी संख्या में स्कूल व कॉलेज के बच्चों सहित उपस्थित अधिकारियों/कर्मचारियों एवं अन्य गणमान्य नागरिकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। बीएसए कॉलेज के सभागार में मुख्यमंत्री के उद्बोधन कार्यक्रम को छात्र छात्राओं ने देखा।
आयोजित गोष्ठी में सभी ने विभाजन विभीषिका पर आधारित डाक्यूमेन्ट्री फिल्म को देखा और लाखों लोगों का विस्थापन, मानवीय त्रासदी की घटनाएं, मानवता और सभ्यता पर अत्याचार, ब्रिटिश शासन की दूषित मानसिकता को महसूस किया। कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने विभाजन में विस्थापित परिवारों को सम्मानित किया तथा 2 मिनट का मौन रखा गया।कार्यक्रम में विभाजन के दौरान विस्थापित परिवार के सदस्य मदन मोहन मंगल ने बताया कि जनपद मथुरा के तिलक नगर, गुरु नानक नगर एवं कृष्णा नगर में बहुत बड़ी संख्या में विस्थापित परिवार के लोग रहते है। उन्होंने अपने परिवारजनों द्वारा बताए गए विभाजन के दृश्य एवं एहसास को सांझा किया।
कार्यक्रम में विभाजन में विस्थापित परिवार के सदस्य सरदार सतनाम सिंह ने बताया कि विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाये जाने का मुख्य वजह यही है कि हम सब इस ऐतिहासिक घटना जिसने मानवता के इतिहास में अभूतपूर्ण सर्वनाश किया है को देख कर, समझ कर उसे याद रखे और स्वंय को और अपने आने वाली पीड़ियों को भी बताये जिससे भविष्य में कभी भी इस प्रकार की घटना न दोहरायी जाए। उन्होंने बताया कि जनपद में लगभग 20 हजार परिवार है जो विभाजन के दौरान मथुरा आए है, जिसमे से सिंधी समाज, पंजाबी समाज, सिख समाज आदि सम्मलित है।
विभाजन में विस्थापित परिवार के सदस्य राम चंद्र खत्री ने कहा कि देश का विभाजन किसी विभीषिका से कम नहीं था। भारत के लाखों लोगों ने बलिदान देकर आजादी प्राप्त की थी। ऐसे समय पर देश का दो टुकड़ों में बँट जाने का दर्द लाखों परिवारों में एक गहरे जख्म की तरह घर कर गया। भारत के इस भौगोलिक बंटवारे ने देश के लोगों को सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक तथा मानसिक रूप से झकझोर दिया था। उन्होंने कहा कि सत्य घटनाओं पर आधारित त्रासदी की डाक्यूमेन्ट्री फिल्म देखने के बाद जो अन्तर्मन से पीड़ा निकली है वह बहुत ही दर्दनाक है और विभाजन के समय की त्रासदी को जिस परिवार ने झेला है हम उसकी कल्पना भी नही कर सकते है।विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस हमें न सिर्फ भेद-भाव एवं दुर्भावना को खत्म करने की याद दिलायेगा बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानव सशक्तीकरण की प्रेरणा मिलेगी।
कार्यक्रम में सांसद प्रतिनिधि जनार्दन शर्मा ने कहा कि आज हम सब को संकल्प लेना है कि हम सभी आपसी भाई-चारे की भावना के साथ मानवीय एवं सामाजिक सौहार्द को बनाये रखेंगे। विभाजन के दौरान अपने पूर्वजों द्वारा झेली गयी दर्दनाक मंजर की यादों को सांझा करते हुए कहा कि वह समय बहुत ही पीड़ादायक था जिसे याद रखते हुए भविष्य में इस प्रकार की कोई घटना न हो इसके लिए हम सभी को आज संकल्प लेना है जिससे हम एवं हमारी आने वाली पीढ़िया अमन-चैन एवं शांति के साथ एक दूसरे से मिलकर स्वस्थ्य समाज के निर्माता बनें और अपने जनपद व देश के विकास में अपना योगदान दे सकें।
कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीना, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रिंकू सिंह राही, परियोजना निदेशक अरुण कुमार, डीडीओ गरिमा खरे, बेसिक शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त, जिला विद्यालय निरीक्षक रविन्द्र कुमार सहित बी.एस.ए कॉलेज के प्रधानाचार्य तथा कॉलेज के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
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