औरैया // कृषि उत्पादन मंडी समिति में जगह-जगह गंदगी देखने को मिल रही है। बरसात होने पर होने वाले जलभराव के कारण आढ़तियों व किसानों का हजारों रुपये की फसल नष्ट हो जाती है। जिसको लेकर अधिकारी गंभीर नहीं हैं। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि मंडी की स्वच्छता को लेकर वह गंभीर हैं और समय-समय पर सफाई अभियान चलता है राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे कृषि उत्पादन मंडी समिति स्थित है लाखों रुपये प्रतिदिन का राजस्व देने वाली यह मंडी प्रदेश की मुख्य मंडियों की सूची में शामिल है लेकिन यहां मंडी के हालात बेहद खराब देखने को मिल रही हैं पल्लेदारों के चबूतरे व उसके चारों ओर भीषण गंदगी व्याप्त है जिसके चलते पल्लेदार इधर-उधर बैठने को मजबूर हैं तो वहीं मंडी के मुख्य मार्ग को छोड़ दें तो सभी मार्गों पर गंदगी ही गन्दगी देखने को मिल रही है नालियों में भी गंदगी भरे होने से पानी की निकासी नहीं हो पा रही है जिससे नालिया बज बजा रही है आढ़तियों की मानें तो सफाई के नाम पर मंडी में सालों से सिर्फ खानापूर्ति ही की जा रही है नालियां यदि ठीक से साफ हो जाएं तो जलभराव की 80 प्रतिशत समस्या समाप्त हो जाएगी यूं तो पूरे साल आढ़ती व किसान गंदगी से परेशान रहते हैं लेकिन बरसात के दिनों में हालत अधिक खराब देखने को मिलती है आढ़तियों ने बताया कि शुरुआती बरसात में आढ़तियों और किसानों को नुकसान हो चुका है तब बड़े नालों की सफाई जेसीबी से हुई थी लेकिन वह सिर्फ खानापूर्ति ही हो रही है आज फिर मंडी में भयंकर जलभराव है जिसको लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है मंडी में नालियां जाम होने से निचले हिस्से के आढ़तियों को जलभराव की समस्या से जूझना पड़ता है बरसात होने पर किसानों की फसल जलभराव के कारण नष्ट होती है आढ़ती, मंडी में सफाई को लेकर सिर्फ और सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है।मुख्य मार्गों पर ही कभी-कभी कर्मचारी सफाई करते दिखते हैं लेकिन कूड़े का उठान नहीं होने के कारण समस्या जस की तस बनी हुई है।
"वहीं मंडी सचिव हर विलास सिंह यादव झूठी सच्चाई वया करते हुए किसानों एवं आढ़तियों से कहते है की मंडी में प्रतिदिन सफाई कराई जा रही है" कहीं कोई दिक्कत देखने को मिलती है बरसात के बाद पटिया नालियों पर रखवाई जाएंगी पानी बरसते ही टीम भेजकर जेसीबी से नालियों की सफाई कराई जाती है मंडी की स्वच्छता को लेकर गंभीर हैं जब की किसानों एवं आढ़तियों कुछ और वया कर रहे है सचिव की झूठी कार्यशैली से किसानों एवं आढ़तियों में भारी आक्रोस है।
ब्यूरो रिपोर्ट :- जितेन्द्र कुमार
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