संवेदनशील सूचनाओं को विदेशों तक पहुंचाने वाला युवक श्रावस्ती से गिरफ्तार
टेलीग्राम एप पर डार्क वेब से संवेदनशील डाटा डाउनलोड कर लेता था 
निजी पेड चैनल बताकर देश-विदेश के 70 लोगों को जोड़ रखा था
एटीएस ने टेलीग्राम चैनल व डार्क वेब से संवेदनशील जानकारियों को एक निजी ग्रुप पर साझा कर वसूली करने वाले युवक नूर आलम को श्रावस्ती से गिरफ्तार किया है। इन सूचनाओं के बदले वह क्रिप्टो करेंसी व यूपीआई के जरिये लाखों की रकम वसूली करता था। दो साल से इस फर्जीवाड़े में लिप्त नूर आलम 10 लाख रुपये तक वसूली कर चुका है। आरोपी ने अपना पेड निजी ग्रूप बना रखा था। इसमें देश-विदेश के करीब 70 लोग जुड़े हुए हैं।
       एटीएस यह पता कर रही है कि आरोपी ने देश की सुरक्षा से जुड़ी कोई जानकारी तो नहीं साझा की है। हालांकि एजेन्सी का दावा है कि सेना व देश की कोई भी गोपनीय जानकारी डार्क वेब के जरिये भी नहीं भेदी जा सकती है। एटीएस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी की पहचान बलरामपुर के सादुल्लानगर के भेलया गांव निवासी नूर आलम के रूप में हुई है। उसकी उम्र 23 साल है। नूर आलम ने सिर्फ हाईस्कूल तक पढ़ाई की है। उसके पिता शफाहत अली की गांव में छोटी सी दुकान है। नूर आलम के बारे में एटीएस को कुछ समय पहले सर्विलांस के जरिये पता चला था। एटीएस को जांच में सामने आया कि नूर आलम टेलीग्राम एप के जरिये देश और विदेश के कई लोगों से जुड़ा हुआ है।

टेलीग्राम एप पर कई तरह के लिंक डाउनलोड मिले
एटीएस के मुताबिक, सर्विलांस से पता चला कि नूर आलम के टेलीग्राम एप पर कई तरह के लिंक डाउनलोड किए गए हैं। नूर आलम इन लिंक से वीपीएन, ऑरबोट, टॉर ब्राउजर का इस्तेमाल कर डाटा डाउनलोड कर लेता था। इस डाटा को साझा करने के लिये उसने एक निजी चैनल बना रखा था। इसमें वह रुपये लेकर लोगों को जोड़ता था। इस समय तक उसके चैनल में करीब 70 लोग जुड़े थे।
डाटा के बदले क्रिप्टो करेंसी लेता था
एटीएस के एएसपी आलोक सिंह व उनकी टीम ने नूर आलम से कई घंटे तक पूछताछ की। नूर आलम ने एसटीएफ को बताया कि वह अपने निजी चैनल में साझा किए डाटा के बदले क्रिप्टो करेंसी में रकम लेता था ताकि उसकी पहचान गुप्त रह सके। फिर इस करेंसी को क्रिप्टो एक्सचेंज एप्लीकेशन के माध्यम से अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर लेता था। इस रकम को वह जल्दी ही निकाल लेता था। वह गोपनीय हैंडल पर छद्म नाम से चैट करता था।
मोबाइल में कई एप छिपा रखे थे
एटीएस ने बताया कि नूर आलम ने अपने मोबाइल में कई ऐप छिपा रखे थे। उसने अब तक बैंक डिटेल, आधार कार्ड, संस्थानों व विदेशों से भी आई कई तरह की छोटी-बड़ी जानकारियां जुटा रखी थी। इन सभी को वह ग्रुप पर साझा करता था।
हाईस्कूल पास नूर आलम ने यू टयूब से सीखा एटीएस ने जब नूर आलम से पूछा कि हाईस्कूल तक पढ़ाई के बाद भी कम्पयूटर व इंटरनेट के बारे में इतनी जानकारी कैसे हो गई। इस पर उसने कहा कि यू-टयूब पर सब कुछ सिखाया जाता है। यू-टयूब के जरिये ही उसने डार्क वेब के बारे में जानकारी जुटाई थी। इससे ही उसे पता चला था कि डार्क वेब पर पड़ी कई गोपनीय जानकारियां कई तरह के एप डाउनलोड कर पता की जा सकती है। उसने बताया कि वह दो साल से यह कर रहा है। इससे उसे अब तक आठ से 10 लाख रुपये तक मिल चुके हैं।

           हिन्दी संवाद न्यूज़ से
            रिपोर्टर वी. संघर्ष

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