जौनपुर। भूखे पेट क्रान्ति नहीं होती है साहब...

जौनपुर। विद्युत विभाग के विद्युत वितरण खण्ड 3 पर अपनी पारिश्रमिक अर्थात तनख्वाह को पाने को लेकर पहुंचे लाइनमैनों को सुपरिटेंडेंट इंजीनियर ने दुत्काराते हुये फटकार लगाकर भगा दिया। जब अपनी तनख्वाह की गुहार लगाने संविदाकर्मी तो उनके इस पीड़ा को न सुना गया और न ही अधिकारियों द्वारा इस पर निष्कर्ष ही नहीं निकला, बल्कि सुप्रिटेंडेंट अभियंता ने लगातार कई महीनों से लाइनमैनों से काम तो २४ घण्टे कराया जा रहा है परन्तु उन्हें तनख्वाह के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता रहा है। 

एसई महोदय सहित कुछ विभाग एवं ठेकेदार की मिलीभगत से नई भर्तियां जो कराई गई है, उनकी मेजबानी की जाती है। उन नये लाइनमैन पर यह कहावत चरितार्थ होती है कि बने रहो पगला, काम करे अगला, बने रहो लूल और वेतन पाओ फुल। सूत्रों की मानें तो शहर की विद्युत विभाग की व्यवस्था लगभग 50 लाइनमैन विद्युत निगम के अंदर कार्य कर रहे हैं जिनके द्वारा वितरण का कार्य सुचारु रूप से लगातार चल रही है। धूप, वर्षा, आंधी, तूफान के बीच में उनसे काम लिया जाता है परंतु भुगतान के नाम पर उन्हें कुछ भी नहीं जाता है। लाइनमैन ने बताया कि सरकार और विभागीय अधिकारियों द्वारा लाइनमैन को सुरक्षित रखने के लिए उनकी सुरक्षा उपकरण का हवाला दिया जाता है जबकि सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं दिया जाता है। मात्र एक हाथ का ग्लब्स और एक पिलास के अलावा कुछ भी नहीं। इस पर अधिकारी से उत्तर प्रदेश सरकार तक आखिर मैं क्यों? परंतु जब लगभग 50 की संख्या में लाइनमैन एकत्रित होकर दफ्तर पहुंचकर उन्होंने धरना दिया। उनका कहना है कि 6 महीने से उन्हें मानदेय नहीं दिया कर दिया गया है और उनसे काम काम बराबर लिया जाता है जबकि अधिशासी अभियंता द्वारा अपने कुछ खास लोगों की हाजीरी लगाकर उनके हिस्से का पारिश्रमिक हड़प लिया जा रहा है। इसी मुद्दे को लेकर जब लाइनमैन धरना दे रहे थे तभी मुख्य अधीक्षण अभियंता ने आकर हम सभी को भागने का अथक प्रयास किया है। तनख्वाह के नाम पर उन्होंने कहा कि नहीं मिलेगी। जो भी करना है, तुम लोग कर लो। ऐसी ही धमकी आये दिन दिया जाता है। बताते चलें कि लाइनमैनों का कहना है कि सुरक्षा के नाम पर हम लोगों को एक पिलास एवं एक हाथ का ग्लब्स दिया जाता है। जब कोई 440 वोल्ट से लेकर हजारों वोल्ट के बिजली पर कार्य करेगा तो क्या उसे सुरक्षा उपकरण नहीं मिलना चाहिए। जहां भी ब्रेक डाउन होता, वहां पुराने ही लाइनमैन कार्य करते और साहब द्वारा यह बताया जाता है कि विद्युत विभाग में सर्वप्रथम सुरक्षा ध्यान में रखा जाता है। हम सभी मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हैं कि हमको सुरक्षित करें। हमारी सुरक्षा की व्यवस्था एवं तनखाह पर ध्यान दें। आज लाइनमैन का परिवार भुखमरी की कगार पर है परंतु उस पर हमारे विभाग उच्च अधिकारियों तक की नजर नहीं पड़ रही है, आखिर ऐसा क्यों?

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