जौनपुर। काश्तकारों से खतौनी के नाम पर अवैध वसूली का आरोप
बदलापुर, जौनपुर। अवैध वसूली के खेल को बंद करने के लिए प्रदेश सरकार ने प्राइवेट कर्मचारियो की सरकारी कार्यालय में किसी भी प्रकार का कार्य करने पर लगी पूर्ण रूप से रोक लगा दी है। शासन ने सख्त आदेश है कि सभी राजस्व कार्यालय और थानों के अंदर प्राइवेट कर्मचारियों को कतई भी ना रखा जाएं।
अगर कोई भी प्राइवेट कर्मचारी किसी भी एसडीएम की गाड़ी या थानों में तैनात पाया गया तो कड़ी कार्रवाई होगी। शासन से फरमान जारी हुआ तो अधिकारियों ने आनन-फानन में प्राइवेट लोगों को तहसील के काम से हटा दिया। इसके बावजूद बदलापुर तहसील में अवैध वसूली करने का मामला सामने आया है। आरोप है कि बदलापुर तहसील में एकल विंडो पर खतौनी के नाम पर हजारो रुपए की प्रतिमाह अवैध वसूली की जा रही है, जबकि यहां तहसीलदार और एसडीएम हमेशा मौजूद रहते हैं। इसके अलावा जिला स्तरीय अधिकारी का भी दौरा अक्सर होता रहता है, लेकिन कार्रवाई के लिए अधिकारियों को शिकायत का इंतजार है। विदित हो कि तहसीलों के एकल विंडो पर मिलने वाली खतौनी के लिए निर्धारित शुल्क ₹15 प्रति खतौनी है जबकि बदलापुर तहसील में एकल विंडो पर खतौनी के नाम पर ₹15 प्रति खतौनी की बजाय ₹20 प्रति खतौनी लिया जा रहा है। तहसील में औसतन 200 खतौनी प्रतिदिन निकलती है। इस प्रकार प्रत्येक माह हजारो रुपए की अवैध वसूली काश्तकारों से की जा रही है। बदलापुर तहसील परिसर में पहुंचे राजा बाजार निवासी उमेश चौहान ने एकल विंडो पर दो खतौनी निकलवाया। जिसके लिए उन्होंने ₹40 का भुगतान किया। वहीं सिंहावल निवासी संदीप सिंह ने एकल विंडो पर पांच खतौनी निकलवाया। इसके लिए उन्होंने ₹100 भुगतान किया। इस संबंध में जानकारी लेने के एसडीएम बदलापुर संतवीर सिंह के सीयूजी नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन का जवाब नहीं दिया।
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