मुख्यमंत्री रिजर्व पुलिस लाइन्स में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कार्यक्रम में सम्मिलित हुए

मुख्यमंत्री ने भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया, प्रदेशवासियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दीं

उ0प्र0 पुलिस बल के लिए भगवान श्रीकृष्ण की प्रेरणाएं आवश्यक : मुख्यमंत्री

प्रदेश पुलिस ने कर्म के माध्यम से अपने आपको सिद्ध किया

आज श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के कार्यक्रम सरकारी संस्थानों, विभिन्न संगठनां के साथ घर-घर पर मनाये जा रहे

हर भारतवासी को श्रीमद्भगवद्गीता के उपदेश आज भी नई प्रेरणा प्रदान करते

प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर हम सभी को आगामी 25 वर्षों की कार्ययोजना के साथ कार्य करना है, वर्ष 2047 में हमारा भारत विकसित भारत हो


लखनऊ : 26 अगस्त, 2024


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस बल के लिए भगवान श्रीकृष्ण की प्रेरणाएं आवश्यक हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस ने कर्म के माध्यम से अपने आपको सिद्ध किया है। जिस उत्तर प्रदेश को सबसे फिसड्डी मान लिया गया था, आज वह प्रदेश तेजी के साथ देश के विकास का ग्रोथ इंजन बन रहा है। कानून व्यवस्था का एक मॉडल प्रस्तुत कर रहा है। आज प्रदेश में हर ओर सुख, शांति और सद्भावना है। पर्व और त्यौहार शांतिपूर्ण ढंग से मनाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी आज यहां रिजर्व पुलिस लाइन्स में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री जी ने भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन भी किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने प्रदेशवासियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शास्त्रों की मान्यता के अनुसार यह वर्ष लीलाधारी भगवान श्रीकृष्ण के 5251वें जन्मोत्सव का आयोजन है। आज श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के कार्यक्रम सरकारी संस्थानों, विभिन्न संगठनां के साथ घर-घर पर मनाए जा रहे हैं। यह एकमात्र आयोजन है, जो थानों, पुलिस लाइनों व जेलों में पूरी भव्यता के साथ आयोजित होता है। आज प्रदेश के सभी 1585 थानों, सभी पुलिस लाइनों, प्रदेश की 90 से अधिक जेलों में पूरी सद्भावना के साथ यह आयोजन किए जा रहे हैं। आज से 10 वर्ष पूर्व प्रदेश में ऐसा माहौल नहीं था। हमें अपनी विरासत के प्रति गौरव की अनुभूति होनी चाहिए। प्रदेश सरकार विकास को विरासत के साथ आगे बढ़ा रही है।
भगवान श्रीकृष्ण श्री हरि विष्णु के एक पूर्ण अवतार के रूप में माने जाते हैं। उन्होंने जन्म से ही अपनी लीलाएं प्रारम्भ कीं। यह मान्यता है कि इस धराधाम पर 125 वर्ष 08 महीने व्यतीत करने के बाद उन्होंने अपनी लीला को स्वयं विश्राम दिया। उनकी लीलाओं को हम विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लम्बे समय से सुनते आए हैं और उनका प्रमाण के रूप में उपयोग करते आए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता दुनिया का एकमात्र ऐसा पावन ग्रंथ है, जो धार्मिक दृष्टि से धर्म और कर्म दोनों की प्रेरणा देता है। कर्म के बिना धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की प्राप्ति नहीं हो सकती। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा था कि ‘कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन, मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि’। भारतीय मनीषियों ने हमेशा कर्म को प्रधानता दी है। श्रीमद्भगवद्गीता की घर-घर में पूजा की जाती है। भारत की न्यायपालिका भी इस ग्रंथ के प्रति उतना ही श्रद्धा का भाव रखती है, जितना कोई सनातन धर्मावलम्बी रखता है। श्रीमद्भगवद्गीता को मोक्ष ग्रंथ भी माना गया है। हर भारतवासी को श्रीमद्भगवद्गीता के उपदेश आज भी नई प्रेरणा प्रदान करते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मनुष्य के जीवन के चार महत्वपूर्ण पुरुषार्थ हैं। धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। इनकी आधारशिला धर्म से प्रारम्भ होती है। मनुष्य अपने कर्मों के माध्यम से अर्थ का उपार्जन करता है तथा अपनी कामनाओं की सिद्धि में जब मनुष्य उसका उपभोग करता है, तो उसकी मुक्ति का मार्ग स्वतः प्रशस्त होता है। अक्सर यह होता है कि हम किसी भी काम में लाभ और हानि देखते हैं। ऐसा करके हम उस कार्य के पुण्य से वंचित हो जाते हैं। यदि हम अच्छा कार्य करेंगे, तो हम अच्छा फल प्राप्त करेंगे। यदि हम बुरा करेंगे, तो उसके पाप से कोई भी हमें मुक्त नहीं कर पाएगा। पापकर्म का भुक्तभोगी हमें ही बनना पड़ेगा। वहीं यदि हमने लोक कल्याण का कोई कार्य किया है, तो दुनिया की कोई ताकत हमें उसके पुण्य से वंचित नहीं कर सकती है। हमारी इस मान्यता के प्रमाण भी हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान पर हम सभी को आगामी 25 वर्षों की कार्ययोजना के साथ कार्य करना है कि वर्ष 2047 में हमारा भारत विकसित भारत हो। विकसित भारत में हर चेहरे पर खुशहाली होगी। सभी को अपने देश पर गौरव की अनुभूति होगी। कोई भी दुःखी और गरीब नहीं होगा। कहीं कोई अराजकता और गुण्डागर्दी नहीं होगी। विकसित भारत में हर हाथ को काम और हर खेत को पानी होगा।
वर्ष 2047 के इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रधानमंत्री जी ने हम सभी को पंचप्रण की प्रेरणा दी है। व्यक्ति जो जिस क्षेत्र में कार्य कर रहा है, उस क्षेत्र में अपना योगदान दे। हमारा हर कार्य देश के नाम होना चाहिए तथा देश ही सर्वप्रथम होना चाहिए। पंचप्रण में सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य नागरिक कर्तव्य हैं। अधिकारों की बात तो सभी करते हैं, लेकिन हमें अपने कर्तव्यों के निर्वहन की ओर आगे बढ़ाना होगा। जीवन में सफलता के लिए समाधान का रास्ता अपनाएं। जब लक्ष्य समाधान होगा तो सफलता अवश्य प्राप्त होगी। समस्या का चिंतन करने के अनेक बहाने मिल जाते हैं। समाधान के लिए बहाना नहीं बल्कि पुरुषार्थ चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूरे भारत का सनातन धर्मावलम्बी श्रीकृष्ण जन्मोत्सव आयोजन से जुड़ता है। आज मथुरा-वृन्दावन में लाखों श्रद्धालु श्रद्धाभाव के साथ इस उत्सव में सहभागी हो रहे हैं। यह दृश्य मथुरा-वृन्दावन के साथ पूरे प्रदेश में देखने को मिल रहे हैं। हम सभी लोग प्रभु के बताए मार्ग का अनुसरण करते हुए अपने जीवन को आगे बढ़ने का कार्य करें।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक, सांसद एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा, लखनऊ की महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव गृह श्री दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक श्री प्रशान्त कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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