प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलम्बन (एग्रीजंक्शन) योजनान्तर्गत  विकास भवन में स्थित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षण का आयोजन कराया जा रहा । जिसमें 26 कृषि उद्यमियों का चयन जिला चयन समिति द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा ।
कृषि उद्यमियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपनिदेशक कृषि नरेन्द्र कुमार ,  जिला कृषि अधिकारी  पी०सी० विश्वकर्मा, जिला अग्रणी प्रबन्धक अमित कुमार, श्री पंकज वर्मा आर०से०टी० निदेशक, प्रशिक्षक (मास्टर ट्रेनर) राम नवल प्रजापति एवं वरिष्ठ प्राविधिक सहायक ग्रप-ए० श्याम बहादुर योजना सहायक अभिषेक दत्त द्वारा प्रतिभाग किया गया।            उप कृषि निदेशक ने बताया कि इस योजना के माध्यम से कृषकों को उनके फसल उत्पादों के लिए कृषि केन्द्रों (एग्रीजंक्शन) के बैनर तले समस्त सुविधाएं "वन स्टॉप शाप" के माध्यम से उपलब्ध कराया जाना है साथ ही बेरोजगार कृषि स्नातकों को रोजगार का अवसर प्राप्त होना है।

      इस योजनान्तर्गत प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलम्बन (एग्रीजंक्शन) को सुचारू रूप से संचालित करने हेतु सुविधा प्रदान करवायी जाती है।

• निवेशों पर निर्गत किए जाने वाले लाइसेंस शुल्क की प्रतिपूर्ति कृषि निवेशवार लाइसेंस प्रतिपूर्ति का विवरण-
1. बीज लाइसेंन्स हेतु (रूपया 1000/ प्रति केन्द्र)
2. उर्वरक लाइसेंस सामान्य क्षेत्रों में प्रस्तावित शुल्क (रू0 1250 प्रति केन्द्र)
3. कीटनाशी रसायन लाइसेंस ग्रामीण क्षेत्रों में प्रस्तावित केन्द्रों हेतु शुल्क (रू0 1500/ प्रति केन्द्र)
परिसर किराया 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम रू0 12000 (अधिकतम रू० 1000/- प्रतिमाह की दर से केवल प्रथम वर्ष के लिए)
इस योजना के अन्तर्गत प्रति एग्रीजंक्शन जिसकी कुल न्यूनतम लागत रू0 5 लाख है उनको रू0 5 लाख (ऋण सीमा) लाक इन पीरियड 36 माह (75%) अग्रिम ब्याज अनुदान की धनराशि 03 वर्षों के प्रस्तावित कार्य हेतु इन्डेड सब्सिडी के रूप में अधिकतम रू0 60 हजार की सीमा तक दी जाएगी, परन्तु लाभार्थी द्वारा ऋण खाता 03 वर्ष से पूर्व बन्द नहीं किया जायेगा) ऋण स्वीकृति रू0 5 लाख से कम होने की दशा में अग्रिम ब्याज अनुदान (बैंक इन्डेड सब्सिडी) तद्नुसार अनुपातिक रूप से कम होगा।

            हिन्दी संवाद न्यूज़ से
             वी. संघर्ष की रिपोर्ट
                 बलरामपुर। 

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