राजकुमार गुप्ता
मथुरा।वृंदावन,गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी में रासलीला सीखने और 'गोपीगीत' का मंचन करने वाले बालक-बालिकाओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर उन्हे प्रोत्साहित किया गया। अकादमी में आयोजित सम्मान कार्यक्रम में प्रशिक्षणार्थी बालक-बालिकाओं ने भजन व पद गायन कर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि हनुमान प्रसाद पोद्दार सरस्वती बालिका विद्यालय वृंदावन की प्राचार्य डा अंजू सूद रहीं। गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी के निदेशक प्रो दिनेश खन्ना ने संस्थान में चल रहे प्रशिक्षण व अन्य कार्यकलापों से अवगत कराया। 
संस्थान के कोआर्डीनेटर चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार ने बताया कि समर वेकेशन-2024 में एक माह की रासलीला प्रशिक्षण के लिए विशेष कार्यशाला लगायी गयी। कार्यशाला में वृंदावन के कई स्कूलों के तीन दर्जन बच्चों ने प्रशिक्षण पाया। प्रशिक्षण के उपरांत स्व छैल बिहारी उपाध्याय 'छैल' के लिखे पदों पर आधारित 'गोपीगीत' का मंचन विगत 26जून को ओपन एयर थिएटर पर किया गया। कत्थक प्रशिक्षक डा मीरा दीक्षित लखनऊ ने बच्चों को कत्थक सिखाया।। 
प्राचार्य डा. अंजू से ने कहा कि ब्रज की रासलीला व अन्य विधाओं के संरक्षण का यहां अभूतपूर्व कार्य शुरु हुआ है। बच्चों को यहां निःशुल्क संगीत शिक्षा लेने आना चाहिए।
ब्रज भाषा के कवि सत्य प्रकाश शर्मा सोटा ने रासलीला व गोपीगीत का महात्म समझाया। ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डा.उमेश चन्द्र शर्मा ने आभार जताया। उनकी उपस्थिति में हुए कार्यक्रम में संस्थान की प्रगति से अवगत कराया गया। अंत में ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डा.उमेश चन्द्र शर्मा ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ देव प्रकाश शर्मा, पत्रकार विनोद चूरामणि, अशोक अज्ञ आदि गणमान्य ने विचार रखे।

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