उतरौला नगर व ग्रामीण अंचलों में श्री कृष्ण जन्मोत्सव का पर्व बड़े ही धूमधाम व हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। नगर के सभी मन्दिरो में विशेष पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन का आयोजन भी होता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने अपना अपना भाग लिया। इस पावन अवसर पर भक्तों ने अपने-अपने मन्दिरो से शोभा यात्राएं निकालकर पूरे नगर में धार्मिक माहौल को बना दिया। इन शोभा यात्रा ओं में भक्तों ने भगवान श्री कृष्ण के भजन गाते हुए, मृदंग और ढोल की धुनों पर नृत्य करते हुए पूरे नगर का भ्रमण किया। शोभा यात्रा में भगवान की झांकियां भी सजाई गईं, जिनमें श्री कृष्ण के बाल रूप से लेकर माखन चोर के रूप तक के दृश्य प्रदर्शित किए गए। इन झांकियों ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया।
शोभा यात्रा का विशेष आकर्षण श्री दुखहरण नाथ मन्दिर रहा, जहां ठाकुर महाराज के मन्दिर से सालिक राम ने भगवान को लाकर नगर के अन्य मन्दिरों में स्थापित किया गया। इस अनुष्ठान के दौरान भक्तों का जोश और उत्साह देखने लायक था। श्री दुःख हरण नाथ मन्दिर में भगवान श्री कृष्ण की विशेष आरती और पूजा अर्चना संपन्न की गई, जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने भागलिया।
मन्दिरों में देर रात तक भजन-कीर्तन का दौर चलता रहा हैं। भक्तों ने भगवान श्री कृष्ण के जन्म के समय को ध्यान में रखते हुए आधी रात को विशेष आरती की और प्रसाद वितरण का आयोजन किया जा रहा है। भक्तों ने व्रत रखकर भगवान की आराधना की, और उनके आशी र्वाद के लिए प्रार्थना की। इस उत्सव ने उतरौला नगर के लोगों के बीच धार्मिक उत्साह और भाई चारे की भावना को और प्रबल किया। हर मन्दिर में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ इस बात का प्रमाण देता है कि श्री कृष्ण जन्मोत्सव का पर्व यहां के लोगों के लिए कितनी अहमियत रखता है। इस धार्मिक आयोजन में न केवल भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान की बल्कि समाज में एकता और प्रेम का संदेश भी फैलाया है।
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