मीरजापुर में बनेगा जनजातीय संग्रहालय
जिला प्रशासन ने संग्रहालय के लिए उपलब्ध करवाई भूमि
जनजातीय संस्कृति को प्रदर्शित किया जायेगा
लखनऊ: 05 अगस्त 2024
वर्षों से समाज के हाशिये पर जीवन यापन करने वाले जनजातीय समुदाय को ससम्मान मुख्यधारा में जोड़ने के लिए केंद्र व राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही हैं। इसी कड़ी में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा मीरजापुर जनपद में जनजातीय संग्रहालय का निर्माण कराया जा रहा है। संग्रहालय के लिए जिला प्रशासन द्वारा भूमि का चयन भी कर लिया गया है। यह जानकारी समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) श्री असीम अरुण ने दी।
मंत्री श्री असीम अरुण ने बताया कि उत्तर प्रदेश में अभी 15 जनजातियां निवास कर रही हैं। इनकी कला और संस्कृति काफी पुरानी है। इनकी विरासत को सहेजते हुए इसे आम लोगों तक पहुँचाने के लिए संग्रहालय का निर्माण कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि संग्रहालय में जनजातीय समुदाय से जुड़े खान-पान को बढ़ावा देने के लिए फ़ूड कोर्ट का निर्माण कराया जायेगा। इसके साथ ही जनजातीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए आउटलेट भी होगा। जहाँ पर स्थानीय उत्पादों की बिक्री हो सके। इससे समुदाय को आर्थिक स्वावलंबन भी प्राप्त होगा। जनजातीय समुदाय के परंपरागत वाद्ययंत्र और क्रीडा के उपकरण भी संग्रहालय में देखने को मिलेंगे।
मंत्री श्री असीम अरुण ने बताया कि संग्रहालय आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण होगा, ताकि देश-विदेश से आने वाले पर्यटक जनजातीय शैली से रूबरू हो सकें। संग्रहालय में जनजातियां संस्कृति से जुड़ी परम्पराओं खान-पान, वेश-भूषा, लोकजीवन, हस्तकला, अस्त्र-शस्त्र आदि को प्रदर्शित किया जायेगा, ताकि नई पीढ़ी अपनी समृद्ध विरासत से परिचित हो सके।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know