50 वर्ष प्राचीन 3 मंदिर ढहाकर, हो रहा आवास का निर्माण, ग्रामीणों में आक्रोश, जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री से की गयी शिकायत

हैदरगढ़/बाराबंकी
एक तरफ जहाँ प्रदेश सरकार सनातन धर्म के उत्थान के लिये कार्य कर रही है और प्राचीन मंदिरों के संरक्षण पर सरकार का ध्यान पूरी तरह से केंद्रित है वहीं दूसरी ओर ग्राम समाज भूमि पर बने 3 प्राचीन मंदिरों को ढहाने का मामला प्रकाश में आया है! 

मामला बाराबंकी जिले के हैदरगढ़ कोतवाली क्षेत्र के बरांवा ग्राम पंचायत का है! ग्राम प्रधान रंगीला और प्रधान प्रतिनिधि ब्रजेश सिंह के साथ साथ ग्रामीणों में घटना को लेकर काफी आक्रोश है!

 पिछले दिनों तहसील दिवस में जिलाधिकारी से लिखित शिकायत में कहा गया है कि गांव के ही एक व्यक्ति ने पहले तीन प्राचीन मंदिरों को गिराकर एक बड़ा मंदिर बनाने की बात कही थी जिसके बाद सभी मंदिर जेसीबी मशीन लगाकर ढहा दिये गये! 

उसके बाद वहाँ पर निर्माण भी शुरू हो गया, ग्रामीण उस समय आक्रोशित हो गये जब निर्माण कार्य आवास के तरीके से होने लगा! मंगलवार को जब हमारे जिला संवाददाता अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे तो वहाँ जेसीबी मशीन खड़ी थी और प्राचीन मुर्तियाँ जमीन पर अस्त व्यस्त पड़ी थी और कुछ मूर्ति पास में स्थित तालाब के पास पड़ी थी! वहीं मौके पर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण और क्षेत्र के लोग भी उपस्थित थे जो काफी आक्रोशित थे! ग्रामीणों का कहना है कि यथाशीघ्र यदि उसी स्थान पर मंदिर निर्माण नहीं हुआ तो स्थिति बिगड़ सकती है और कोई भी अप्रिय घटना हो सकती है! 


मामले को लेकर जब उपजिलाधिकारी हैदरगढ़ से बात की गयी तो उनका कहना है कि शिकायत मिली है और मामले को लेकर टीम गठित कर दी गयी है और रिपोर्ट आने पर उचित कार्यवाही की बात कही है! जब हल्का लेखपाल अंकुर मिश्रा से बात की गयी तो उनका कहना था कि जिस जगह मंदिर को गिराकर आवास का निर्माण किया जा रहा है वो ग्राम समाज की सरकारी भूमि है जो अभिलेखों में घूर गड्ढा दर्ज है! शिकायतकर्ताओं में आदर्श सिंह, सुमन सिंह, रघुनाथ मौर्य, अजीत, अमित सिंह, गुरूदीन मौर्य, लल्लन सिंह, नितिन सिंह, अंकित सिंह आदि लोग शामिल हैं! मंगलवार को भी ग्रामीणों ने जिलाधिकारी, मुख्यमंत्री और उपजिलाधिकारी और बाराबंकी पुलिस अधीक्षक से शिकायत दर्ज कराई गयी है!

 जब जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ साथ मुख्यमंत्री तक लिखित शिकायत पहुँच गयी है तो अब देखना है कि प्रशासन की तरफ से आखिर कब तक वैधानिक कार्यवाही की जाती है ये तो वक्त ही बतायेगा?

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