सुपर-30 के आनंद कुमार से सफलता के गुर सीखे सी.एम.एस. छात्रों ने
लखनऊ, 9 अगस्त। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के आमन्त्रण पर लखनऊ पधारे विश्व प्रसिद्ध ‘सुपर-30’ कोचिंग संस्थान के संस्थापक, पद्मश्री श्री आनंद कुमार ने आज सी.एम.एस. छात्रों से व्यापक चर्चा-परिचर्चा की और उन्हें सफलता के मूलमंत्र बताते हुए जोरदार तरीके से उच्च सफलता हेतु प्रेरित किया। सी.एम.एस. गोमती नगर द्वितीय कैम्पस ऑडिटोरियम में आयोजित इस परिचर्चा में छात्रों का उत्साह देखते ही बनता था। हजारों की संख्या में उपस्थित छात्रों श्री आनंद कुमार को बड़े ध्यान से सुना व उनके विचारों से आगे बढ़ने की प्रेरणा ली। इस अवसर पर श्री आनंद कुमार ने भी छात्रों को निराश नहीं किया और उनके प्रत्येक सवालों के जवाब देकर उनकी जिज्ञासाओं को शान्त किया। विदित हो कि बिहार की राजधानी पटना में स्थित ‘सुपर-30’ कोचिंग संस्थान देश ही नहीं अपितु विश्व का जाना-माना नाम है, जिसने अनेकों गरीब बच्चों को निःशुल्क पढ़ाकर उन्हें विश्व पटल पर प्रतिष्ठित किया है। आर्थिक व सामाजिक तौर पर पिछड़े किन्तु मेधा से भरपूर बच्चों को उच्च सफलता हेतु प्रेरित करने में श्री आनंद कुमार ने अतुलनीय भूमिका निभाई है, जिसके लिए उन्हें पद्मश्री समेत कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है।
इस अवसर पर छात्रों से सवंाद करते हुए श्री आनंद कुमार ने कहा कि उत्साही होना जीवन में आगे बढ़ने का सबसे पहला संकेत है। बच्चे जब कुछ करने की ठान लेते हैं तो वह पूरा होता ही है, इसमें कोई संदेह नहीं है, बस जरूरत है कि बच्चों को सही मार्गदर्शन मिले। उन्होंने छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि आगे चलकर इस देश व समाज की बागडोर आपको ही संभालनी है परन्तु यह समझना भी जरूरी है कि हर बड़े काम की शुरूआत छोटे स्तर पर ही होती है। छात्रों को सफलता का मूलमंत्र बताते हुए श्री आनंद ने कहा कि स्वयं में सीखने की प्रवृत्ति विकसित करें और नई चीजों के प्रति खोजी दृष्टिकोण रखें। जिस दिन आप स्वयं से पढ़ने की क्षमता विकसित कर लेंगे, उस दिन आपको सफलता के मंजिल पर पहुंचने से कोई रोक नहीं सकता। ‘हाउ’ एवं ‘व्हाई’ दो ऐसे शब्द हैं जो आपके पढ़ने की क्षमता को निखारने में महती भूमिका निभाते हैं। छात्रों की हौसलाअफजाई करते हुए उन्होंने कहा कि तमाम संघर्षों व प्रतिकूलताओं के बावजूद अपने लक्ष्य पर टिक रहें। प्रबल प्रयास, पुरुषार्थ और सकारात्मक सोच, यही सफलता का मूलमंत्र है। इस अवसर पर श्री आनंद ने सुपर-30 के छात्र रहे अभिषेक राज, शशि नारायन एवं निधि झा का उदाहरण देते हुए समझाया कि प्रतिकूलताओं के बावजूद भी सफलता की बुलन्दियों पर कैसे हासिल किया जा सकता है।
इससे पहले, सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. भारती गाँधी ने श्री आनंद कुमार का हार्दिक स्वागत किया। डा. गाँधी ने छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि आप सब परमपिता परमात्मा की प्यारी संतान हैं, अतः समाजिक विकास में अपनी प्रतिभा, क्षमता व ऊर्जा का सदुपयोग करें। सी.एम.एस. प्रबन्धक प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने सी.एम.एस. में पधारकर छात्रों से संवाद करने हेतु श्री आनंद कुमार का हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि इस चर्चा-परिचर्चा के माध्यम से छात्र नये विचारों से रूबरू हुए हैं और उनमें आगे बढ़ने व जीवन में उच्च सफलता की ललक जागृत हुई है। प्रो. किंगडन ने कहा कि सी.एम.एस. का सदैव यही प्रयास रहा है कि सभी संभव माध्यमों से भावी पीढ़ी रचनात्मक ऊर्जा को बढ़ावा मिले और उनमें उत्साह का संचार हो। प्रो. किंगडन ने शिक्षकों से भी अपील की कि छात्रों की विषय सम्बन्धी जिज्ञासाओं का उचित समाधान निकालकर उनके मनोबल को बढ़ाने हेतु सदैव तत्पर रहें। इस अवसर पर सुपीरियर प्रिन्सिपल एवं
सी.एम.एस. के क्वालिटी एजुकेशन एवं इनोवेशन विभाग की हेड सुश्री सुष्मिता घोष ने भी अपने सारगर्भित संबोधन से छात्रों को प्रेरित किया।
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