मुख्यमंत्री ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के
अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित किया

मुख्यमंत्री ने हजरतगंज स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल
की प्रतिमा से लोक भवन तक मौन पदयात्रा की
 
विभाजन की त्रासदी पर आधारित अभिलेख प्रदर्शनी का अवलोकन किया
 
प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप वर्ष 2047 तक भारत को विकसित व
शक्तिशाली बनाने के लिए हमें एकजुट होकर कार्य करना होगा : मुख्यमंत्री
 
16वीं शताब्दी तक भारत का वैभव दुनिया के अंदर अग्रणी था,
सनातन राष्ट्र भारत को विदेशी आक्रान्ताओं द्वारा गुलाम बनाया गया

देश के महान क्रांतिकारियों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने आजादी की
लड़ाई लड़कर विदेशी हुकूमत को उखाड़ फेंकने का कार्य किया
 
कुछ लोगों के स्वार्थ के कारण देश को विभाजन की त्रासदी का सामना करना पड़ा

प्रधानमंत्री जी ने इतिहास के काले अध्यायों से पर्दा उठाकर
देश की जनता की आंखों को खोलने का कार्य किया

दुनिया को मजहबी उन्माद से बचने की आवश्यकता, यह मजहबी उन्माद एकता के माध्यम से ही समाप्त हो सकता, महर्षि अरविन्द का अखण्ड भारत का सपना इसका समाधान

जातीय विभाजन, क्षेत्रीय विभाजन, भाषायी विभाजन से उबर कर
हम सबको राष्ट्र प्रथम के भाव के साथ मिलकर कार्य करना होगा

भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र की जननी भी

हम सबको अपने संविधान पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए,
यह संविधान आज भी हम सब का नेतृत्व और मार्गदर्शन करता

भारत की विगत 10 वर्षां की प्रगति दुनिया को अचम्भित व आकर्षित कर रही
 
दुनिया में कहीं भी कोई संकट आता, तो दुनिया भारत की तरफ देखती

अगले 03 वर्षां में भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा, प्रधानमंत्री जी
के नेतृत्व में नए भारत को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत के रूप में स्थापित करना है


लखनऊ : 14 अगस्त, 2024

     उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विजन के अनुरूप वर्ष 2047 तक भारत को विकसित व शक्तिशाली बनाने के लिए हमें एकजुट होकर कार्य करना होगा। इसके लिए भारतवासियों को आपसी मतभेदों को समाप्त कर जाति, क्षेत्र, भाषा के नाम पर विभाजन करने वाली ताकतों से सतर्क रहते हुए ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के बारे में सोचना होगा। विभाजन की त्रासदी का सामना वर्तमान और भावी पीढ़ी को फिर से न करना पड़े यह हम सभी का संकल्प होना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी आज विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर लोक भवन में आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्हांने विभाजन की त्रासदी पर आधारित अभिलेख प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने हजरतगंज स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा से लोक भवन तक मौन पदयात्रा की।
मुख्यमंत्री जी ने विभाजन की त्रासदी के शिकार परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी के हम सभी आभारी हैं जिन्होंने इतिहास के उन काले अध्यायों से पर्दा उठाकर देश की जनता की आंखों को खोलने का कार्य किया। विभाजन की विभीषिका के प्रति देश का ध्यान आकर्षित किया है। आज पूरा देश विभाजन की त्रासदी के स्मृति दिवस पर एकत्र होकर इतिहास के उन काले अध्यायों को स्मरण कर रहा है। इतिहास केवल अध्ययन का विषय नहीं होता है, वह एक प्रेरणा होती है। गलतियों का परिमार्जन करने और गौरवशाली क्षणों से प्रेरणा ग्रहण करने का एक संकल्प होता है। विभाजन की त्रासदी इन्हीं बातों की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करती है।
भारत बल, बुद्धि, विद्या सभी में दुनिया का नेतृत्व करने की सामर्थ्य रखता था। 16वीं शताब्दी तक भारत का वैभव दुनिया के अंदर अग्रणी था। 16वीं शताब्दी में अकेले भारत दुनिया की अर्थव्यवस्था के आधे भाग का नेतृत्व करता था। सनातन राष्ट्र भारत को विदेशी आक्रान्ताओं द्वारा गुलाम बनाया गया। भारत की परम्परा व संस्कृति को तोड़ने व अपवित्र करने का कार्य किया गया। देश के महान क्रांतिकारियों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने आजादी की लड़ाई लड़कर विदेशी हुकूमत को उखाड़ फेंकने का कार्य किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जब आजादी की लड़ाई के पूर्णता का समय आया तो विभाजन की त्रासदी का सामना इस सनातन राष्ट्र को करना पड़ा। कुछ लोगों के स्वार्थ के कारण देश को विभाजन की त्रासदी का सामना करना पड़ा। स्वाधीन भारत को एक ऐसा नासूर दे दिया गया, जो आज भी आतंकवाद, उग्रवाद, अलगाववाद के रूप में लगातार दंश दे रहा है। यदि उस समय राजनीतिक नेतृत्व दृढ़ता का परिचय देता तो दुनिया की कोई ताकत इस अप्राकृतिक विभाजन को मूर्त रूप नहीं दे पाती। विभाजन की दुर्भाग्यपूर्ण त्रासदी हम सबको हमारी गलतियों के परिमार्जन की तरफ हमारा ध्यान आकर्षित करती है।
देश के विभाजन की त्रासदी की क्रूर घटनाएं, मानवीय अत्याचार के चित्र बहुत कुछ बयां करते हैं कि किस प्रकार लाखों लोगों को अपने पुरखों की विरासत और परिवारां को मजबूर होकर छोड़ना पड़ा। विभाजन से पीड़ित लोगों ने अनगिनत यातनाएं सहीं। जो दृश्य वर्ष 1947 में हुआ था वही दृश्य आज बांग्लादेश में देखने को मिल रहा है। लगभग डेढ़ करोड़ हिन्दू किस तरीके से बांग्लादेश में आज अपनी अस्मिता को बचाने की गुहार लगा रहे हैं। सभी लोगों को मिलकर मानवता की रक्षा के लिए प्रयास करने होंगे। हम सभी की संवेदनाएं उन पीड़ित लोगों के साथ हैं, जो बांग्लादेश में अत्याचार के शिकार हो रहे हैं। दुनिया को मजहबी उन्माद से बचने की आवश्यकता है। यह मजहबी उन्माद एकता के माध्यम से ही समाप्त हो सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महर्षि अरविन्द का अखण्ड भारत का सपना इसका समाधान हो सकता है। महर्षि अरविन्द ने कहा था कि आध्यात्मिक जगत में पाकिस्तान कोई वास्तविकता नहीं है, या तो उसका भारत में विलय होगा या पाकिस्तान इतिहास से हमेशा के लिए समाप्त होगा। क्योंकि आध्यात्मिक जगत में जिसका कोई वास्तविक अस्तित्व नहीं है, उसको नष्ट ही होना है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की नश्वरता को हमें संदेह की निगाहों से नहीं देखना चाहिए। हमें यह मानना चाहिए कि यह होगा ही। लेकिन इसके लिए हमें अपने आपको तैयार होना होगा। हमें अपनी उन गलतियों का परिमार्जन करना पड़ेगा, जिन गलतियों के कारण विदेशी आक्रांताओं को भारत के अंदर घुसने, भारत के पवित्र तीर्थ स्थलों को अपवित्र करने, भारत की परम्परा और संस्कृति को नष्ट करने का एक अवसर प्राप्त हुआ था। ऐसी गलतियों ने हमें विभाजन की त्रासदी तक पहुंचाया। जातीय विभाजन, क्षेत्रीय विभाजन, भाषायी विभाजन के रूप में इन सभी से उबर कर हम सबको राष्ट्र प्रथम के भाव के साथ मिलकर कार्य करना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत केवल दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र ही नहीं है, बल्कि लोकतंत्र की जननी भी है। जितनी स्वतंत्रता भारत ने अपने नागरिकों को दी है, दुनिया के अंदर इस प्रकार की स्वतंत्रता किसी भी अन्य देश ने अपने नागरिकों को नहीं दी है। हम सबको अपने संविधान पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए। भारत के संविधान निर्माताओं के प्रति सम्मान का भाव व्यक्त करना चाहिए। हमें सरदार वल्लभभाई पटेल की दृढ़ता का सम्मान करना चाहिए और बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर के प्रति शत-शत नमन करना चाहिए, जिन्होंने हमें भारत का संविधान प्रदान किया। यह संविधान आज भी हम सब का नेतृत्व और मार्गदर्शन करता है। हम सभी को अपने लोकतंत्र पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए तथा भारत की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले नायकों के प्रति श्रद्धा का भाव व्यक्त करना चाहिए। महर्षि अरविन्द के अखण्ड भारत की भविष्यवाणी को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
भारत की विगत 10 वर्षां की प्रगति दुनिया को अचम्भित व आकर्षित कर रही है। दुनिया अभिभूत है और भारत की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रही है। उसे विश्वास है कि भारत अगर सुरक्षित है तो विश्व मानवता भी सुरक्षित है। दुनिया में कहीं भी कोई संकट आता है, तो दुनिया भारत की तरफ देखती है। भारत की तरफ दुनिया का आकर्षण हमें एक नए भारत का दर्शन कराता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में इस नए भारत को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत के रूप में स्थापित करना है। आज भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। अगले तीन वर्षां में भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। प्रधानमंत्री जी के पंच प्रणों में सबसे महत्वपूर्ण नागरिक कर्तव्यां का पालन है। हम किसी भी क्षेत्र में कार्य कर रहे हों, उसमें राष्ट्र प्रथम का भाव अवश्य हो। राष्ट्र प्रथम का भाव जब हमारे जीवन का संकल्प बनेगा, तो भारत को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनने में कोई देर नहीं लगेगी।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य व श्री ब्रजेश पाठक तथा पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम में विभाजन की विभीषिका से प्रभावित और विस्थापित परिवारों के 03 सदस्यों ने अपने अनुभव साझा किये। इस अवसर पर विभाजन की विभीषिका पर आधारित सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की एक लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।  
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