मुख्यमंत्री तथा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने
स्मृति शेष अधिवक्ताओं के आश्रितों को सहायता राशि के चेक वितरित किए

आज 577 अधिवक्ताओं के परिजनों को 28 करोड़ 31 लाख रु0 की धनराशि
प्रदान की जा रही, इन परिवारों के प्रति सरकार की पूरी संवेदना : मुख्यमंत्री

वर्ष 2017-2018 से अब तक कुल 2,754 अधिवक्ताओं के परिजनों
को 134 करोड़ 32 लाख 50 हजार रु0 की धनराशि उपलब्ध कराई गई,

प्रदेश सरकार ने कॉर्पस फण्ड की राशि को
200 करोड़ रु0 से बढ़ाकर 500 करोड़ रु0 किया

अधिवक्ता कल्याण निधि की धनराशि डेढ़ लाख रु0 से बढ़ाकर 05 लाख रु0 की गयी
 
प्रदेश के 10 जनपदों में शीघ्र ही इण्टीग्रेटेड
कोर्ट परिसर बनाए जाने के निर्देश दिए गए

इलाहाबाद उच्च न्यायालय, प्रयागराज में 10 हजार अधिवक्ताओं के बैठने
के लिए चैंबर और मल्टी लेवल पार्किंग बनायी जा रही, इसके लिए
608 करोड़ रु0 की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी

प्रयागराज में डॉ0 राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय का शुभारम्भ हो चुका, इसके लिए 387 करोड़ रु0 की धनराशि राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी

लोकहित और राष्ट्रहित को अलग-अलग नहीं किया जा सकता,
इसकी आधारशिला सुशासन तथा सुशासन की आधारशिला रूल ऑफ लॉ
 
प्रधानमंत्री जी ने 26 नवम्बर की तिथि को संविधान दिवस के रूप में
मनाने का निर्णय लिया और हम सभी को नागरिक कर्तव्यों के प्रति आग्रही बनाया
 
अपने नागरिक कर्तव्यों को पूरा कर ही हम
वर्ष 2047 तक विकसित भारत का निर्माण कर सकते

सामान्य नागरिक को समय से न्याय देने के लिए
राज्य सरकार बार और बेंच का सकारात्मक सहयोग करेगी

अधिवक्ता विधि व्यवस्था के स्तम्भ, लोगों को न्याय प्रदान करने में
अधिवक्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका : मुख्य न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय


लखनऊ : 18 अगस्त, 2024

     उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि आज एक साथ 577 स्मृति शेष अधिवक्ताओं के परिवारों को अधिवक्ता कल्याण निधि का लाभ दिया जा रहा है। इन परिवारों के प्रति सरकार की पूरी संवेदना है। सरकार उनके साथ है और हर प्रकार का सहयोग करने के लिए तत्पर है। ऐसे अधिवक्ता परिवारों के साथ खड़े होकर हम आजादी की लड़ाई में अपना योगदान देने वाले अधिवक्ताओं के प्रति कृतज्ञता भी व्यक्त करते हैं।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में स्मृति शेष अधिवक्ताओं के आश्रितों को सहायता राशि वितरण हेतु आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। कार्यक्रम में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री अरुण भंसाली भी सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री जी तथा मुख्य न्यायाधीश ने दिवंगत अधिवक्ताओं के आश्रितों को सहायता राशि के डेमो चेक प्रदान किए।
मुख्यमंत्री जी ने उन सभी अधिवक्ताओं को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने आजादी के पूर्व अधिवक्ता व्यवसाय को अपने जीवन का हिस्सा बनाया। उन्होंने लोकतंत्र के एक महत्वपूर्ण स्तम्भ के सामाजिक कल्याण के कार्य को आगे बढ़ाने के लिए योगदान देने वाले सभी लोगों का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017-2018 से अब तक कुल 2,754 अधिवक्ताओं के परिजनों को 134 करोड़ 32 लाख 50 हजार रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई गई है। 577 दिवंगत अधिवक्ताओं के परिजनों को आज 28 करोड़ 31 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जा रही है। इनमें अधिवक्ताओं के आश्रितों को 50-50 हजार रुपये तथा 565 अधिवक्ताओं के आश्रितों को 05-05 लाख रुपये की धनराशि उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कॉर्पस फण्ड की राशि को 200 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये किया है। यदि इसमें वृद्धि करने की आवश्यकता होगी तो वह भी की जाएगी। दिवंगत अधिवक्ताओं के परिजनों को दी जाने वाली अधिवक्ता कल्याण निधि की धनराशि डेढ़ लाख रुपये से बढ़ाकर 05 लाख रुपये की गयी है। अधिकतम आयु सीमा को भी 60 वर्ष से बढ़ाकर 70 वर्ष किया गया है। प्रदेश सरकार युवा अधिवक्ताओं के लिए 03 वर्ष तक पुस्तकों और पत्रिकाआें के लिए धनराशि उपलब्ध कराती है। अब तक 3,758 युवा अधिवक्ताओं को यह राशि उपलब्ध कराई गई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि त्वरित न्याय हर व्यक्ति की आवश्यकता है। इसके लिए अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर चाहिए। तकनीकी का बेहतर उपयोग किया जाना चाहिए। प्रदेश के जिन 10 जनपदों में अब तक न्यायालय भवन नहीं बन पाए थे, इनमें शीघ्र ही इण्टीग्रेटेड कोर्ट परिसर बनाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इनमें सभी प्रकार के कोर्ट, अधिवक्ताओं के लिए चेंबर, कैंटीन, पार्किंग तथा वादकारियों की सुविधा के लिए भी व्यवस्था की जा रही है। इनके लिए धनराशि उपलब्ध कराई गई है। अन्य जनपदों में भी अधिवक्ताओं के चेंबर के लिए धनराशि उपलब्ध कराई गई है। झांसी, सुल्तानपुर, वाराणसी, प्रतापगढ़, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, गोरखपुर, देवरिया, कासगंज, लखनऊ, श्रावस्ती तथा मेरठ जनपदों के लिए धनराशि उपलब्ध कराई जा चुकी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय, प्रयागराज में 10 हजार अधिवक्ताओं के बैठने के लिए चैंबर और मल्टी लेवल पार्किंग बनायी जा रही है। इसके लिए 608 करोड़ रुपये की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। प्रयागराज में डॉ0 राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय का शुभारम्भ हो चुका है। इस विश्वविद्यालय के लिए भी 387 करोड़ रुपये की धनराशि राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी है। इसका शुभारम्भ 16 फरवरी, 2024 को उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ0 डी0वाई0 चंद्रचूड़ द्वारा किया गया था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र समन्वय और आपसी सूझबूझ के साथ चलने का संदेश देता है। यह समन्वय लोकहित और राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानता है। लोकहित और राष्ट्रहित को अलग-अलग नहीं किया जा सकता है। यह दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। इसकी आधारशिला सुशासन है तथा सुशासन की आधारशिला रूल ऑफ लॉ है। रूल ऑफ लॉ से ही समाज के हर व्यक्ति की लक्ष्मण रेखा तय होती है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में नागरिक कर्तव्यों के रूप में रूल ऑफ लॉ की ही बात की है। 26 नवम्बर, 1949 को भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ था। प्रधानमंत्री जी ने इस तिथि को संविधान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया और हम सभी को नागरिक कर्तव्यों के प्रति आग्रही भी बनाया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हम अपने अधिकारों को प्राथमिकता देते हैं, लेकिन अपने कर्तव्यों को भूल जाते हैं। वहीं पर टकराहट होती है। यदि भारत को वर्ष 2047 में दुनिया की सबसे बड़ी ताकत के रूप में स्थापित करना है, विकसित भारत का निर्माण करना है, हर भारतवासी के चेहरे पर खुशहाली लानी है और ईज ऑफ लिविंग को बेहतर करना है, तो हमें अपने नागरिक कर्तव्यों को उतनी ही प्राथमिकता देनी होगी। अपने नागरिक कर्तव्यों को पूरा कर ही हम वर्ष 2047 तक विकसित भारत का निर्माण कर सकते हैं। ऐसे भारत में समाज का कोई भी व्यक्ति चाहे वह अधिवक्ता, पत्रकार, कर्मचारी, युवा अथवा महिला हो, वह आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करते हुए भारत को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत के रूप में स्थापित करने में अपना योगदान दे सकेगा। इसका एक लघु रूप आज के कार्यक्रम में दिखाई दे रहा है। यहां कार्यपालिका, न्यायपालिका, अधिवक्ता, दिवंगत अधिवक्ताओं के परिजन और पत्रकार भी उपस्थित हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के लगभग एक करोड़ लोगों को प्रतिमाह निराश्रित महिला, दिव्यांगजन तथा वृद्धावस्था पेंशन से जोड़ा गया है। यह कार्य बिना भेदभाव के हो रहा है। इसकी पात्रता तय है। बहुत से अधिवक्ता ऐसे हैं, जिनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है, यदि वह पेंशन के लिए आवेदन करेंगे तो शासन इस पर ध्यान देते हुए उन्हें एक निश्चित पेंशन की राशि उपलब्ध कराने का कार्य करेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 05 करोड़ 11 लाख से अधिक लोगों को गोल्डन कार्ड उपलब्ध कराए गए हैं। इन्हें प्रतिवर्ष 05 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जा रहा है। जरूरतमंद अधिवक्ताओं को भी इस योजना से जोड़ा जाएगा। प्रदेश में विगत 07 वर्षों में हमारी सरकार ने 56 लाख निराश्रित लोगों को एक-एक आवास उपलब्ध कराए हैं। प्रदेश में 54 ऐसी बस्तियां थी, जो 100 वर्ष पहले बसायी गई थी, लेकिन आजादी के बाद भी वर्ष 2017 तक उन्हें वोटिंग के अधिकार नहीं थे। उनके राशन कार्ड नहीं बनते थे। उन्हें किसी सुविधा का लाभ नहीं दिया जाता था। उन्होंने सांसद के रूप में देश की संसद में ऐसे लोगों के लिए लड़ाई लड़ी थी। वर्ष 2007-2008 में संसद से अधिनियम पारित होने के बाद उत्तर प्रदेश में इसे लागू होने में 10 वर्ष लग गए। वर्ष 2017 में हमने ऐसी 54 बस्तियों को राजस्व ग्राम का दर्जा देकर उन्हें सभी प्रकार की सुविधाओं से आच्छादित करने का काम किया।
कोरोना कालखण्ड में सरकार देश के 140 करोड़ लोगों के साथ खड़ी थी। 80 करोड़ लोगों को निःशुल्क राशन की सुविधा का लाभ दिया जा रहा था। सरकार ने लोगों की आजीविका की व्यवस्था की। लोगों को निःशुल्क उपचार, टेस्ट तथा वैक्सीन की व्यवस्था की गई। वृहद स्तर पर यह कार्य हुए और कोरोना जैसी महामारी पर नियंत्रण प्राप्त करने में हमें सफलता प्राप्त हुई।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सामूहिक रूप से हमारी आवाज 140 करोड़ लोगों की आवाज है। जब हम अलग-अलग फ़िरकों में बंटे होते हैं, तो आपस में ही लड़-झगड़कर विकास में बाधा बनते हैं। हमें विकास का अनुगामी बनकर विकास की प्रक्रिया को तेजी के साथ आगे बढ़ाना है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एक सामान्य नागरिक को समय से न्याय देने के लिए राज्य सरकार बार और बेंच का सकारात्मक सहयोग करेगी, जिससे हम हर व्यक्ति की संतुष्टि के स्तर को बढ़ा सके। उसे बेहतरीन जीवन जीने के लिए प्रेरित कर सकें। व्यवस्था के साथ आम नागरिक का विश्वास जुड़ सके, इसके लिए यह जरूरी है। किसी भी शासन के लिए यह महत्वपूर्ण उपलब्धि है कि वह आम जनता की संतुष्टि के स्तर को बढ़ाने में अपना योगदान दे रहा है। हम सब मिलकर विकसित भारत के सपने को साकार करने की दिशा में सामूहिक रूप से प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री जी ने सभी को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं दीं।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री अरुण भंसाली ने कहा कि अधिवक्ता विधि व्यवस्था के स्तम्भ है। लोगों को न्याय प्रदान में अधिवक्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। अधिवक्ता वंचितों की आवाज और संवैधानिक अधिकारों के संरक्षक हैं। अधिवक्ता व्यवसाय समाज का सबसे सम्मानित व्यवसाय है।
इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री ए0आर0 मसूदी, मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह, उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता श्री अजय कुमार मिश्र, अध्यक्ष राज्य विधिज्ञ परिषद उत्तर प्रदेश श्री शिव किशोर गौड़, प्रमुख सचिव न्याय श्री विनोद सिंह रावत, सूचना निदेशक श्री शिशिर तथा अधिवक्तागण उपस्थित थे।
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