हरियाणा में 1.20 लाख कच्चे कर्मचारियों की नौकरी होगी पक्की, मध्यप्रदेश सरकार कब लेंगी निर्णय ?
हरियाणा की तरह मध्यप्रदेश की मोहन सरकार कब जागेगी, कब करेगी नियमित
इंदौर। हरियाणा में नायब सैनी सरकार ने विधानसभा चुनावों से पहले बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार ने प्रदेश के विभिन्न विभागों में कॉट्रैक्ट पर कार्यरत 1.20 लाख कर्मचरियों को पक्का करने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस फैसले का ऐलान खुद मीडिया में किया है। नायब सैनी सरकार ने कैबिनेट की बैठक में लिया बड़ा फैसला राज्य में 1.20 लाख कर्मचारियों की नौकरी पक्की की जाएगी
केंद्र सरकार से स्पॉन्सर कर्मचारी इसके दायरे में नहीं आएंगे मुख्यमंत्री नायब सैनी ने खुद किया इस फैसले का ऐलान हरियाणा सरकार ने सवा लाख कर्मचारियों को पक्का करने का किया ऐलान। हरियाणा सरकार ने विधानसभा चुनावों से पहले बड़ा फैसला लिया है। राज्य के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 1.20 लाख कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी खुद दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न विभागों में अनुबंध पर कार्यरत 1.20 लाख कर्मचारियों को पक्का करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री ने इस फैसले की जानकारी देते हुए सभी कर्मचारियों का आजीवन भविष्य सुरक्षित होने की बधाई दी। राज्य में लंबे समय से विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारी पक्का किए जाने की मांग कर रहे थे। हरियाणा में अगले ही महीने आचार संहिता लगने की उम्मीद की जा रही है। चुनाव आयोग विधानसभा चुनावों की तैयारी का जायजा लेने के लिए अगले हफ्ते चंडीगढ़ का दौरा करेगा।
हरियाणा सरकार ने बनाई थी कमेटी
मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न विभागों में कार्य करने वाले इन कर्मचारियों को पक्का करने के लिए नौ अधिकारियों की टीम बनाई थी। सरकार ने इन्हीं अधिकारियों की रिपोर्ट के बाद इन्हें पक्का करने का फैसला किया है। राज्य में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और आप इस मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरते आए हैं। ऐसे में राज्य सरकार ने चुनावों में जाने पहले अनुबंध पर काम कर रहे कर्मचारियों की बड़ी मांग को पूरा कर दिया है। इससे पहले राज्य सरकार ने किसानों की फसलें एमएसपी पर खरीदने का फैसला लिया था।
क्या है हरियाणा सरकार का फैसला?
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि कैबिनेट में अनुबंध पर काम कर रहे कर्मचारियों का प्रस्ताव रखा गया था। सरकार ने सभी का भविष्य सुरक्षित करने का फैसला किया है। सरकार एक एक्ट लाकर उनकी सेवा को सुरक्षित करेगी। इससे आउटसोर्स और एचकेआरएन () के तहत काम कर रहे 1.20 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा। सीएम ने कहा कि कच्चे कर्मचारियों को पे स्केल का बेसिक वेतन भी मिलेगा। सालाना वेतन वृद्धि का लाभ भी कच्चे कर्मचारियों को इस फैसले के तहत दिया जाएगा, हालांकि 50 हज़ार रुपये से ज्यादा वेतन लेने वाले कर्मचारी इस पॉलिसी में शामिल नही होंगे। इसके अलावा केंद्र सरकार की योजनाओं से स्पॉन्सर कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल पाएगा।
अनुभव के हिसाब से मिलेगा वेतन
कैबिनेट के फैसले के अनुसार पांच साल या इससे ज्यादा जिन कर्मचारियों का समय हो गया है, उनको इसका फायदा मिलेगा. जिन कर्मचारियों को 5 साल या इससे ज्यादा समय नौकरी में हो चुका है। उन्हें न्यूनतम पे स्केल का 5 प्रतिशत अधिक वेतन मिलेगा। इसी प्रकार आठ साल वाले कर्मचारियों को न्यूनतम पे स्केल का 10 प्रतिशत अधिक वेतन मिलेगा। जिन कर्मचारियों की नौकरी इससे अधिक है उन्हें न्यूनतम पे स्केल का 15 प्रतिशत अधिक वेतन मिलेगा।
मध्यप्रदेश सरकार कब लेंगी ऐसा निर्णय
हरियाणा की तरह ही मध्यप्रदेश में लाखो कर्मचारी है जो अस्थाई तौर पर काम कर रहे है। जिसमे ठेका कर्मचारी, आउटसोर्स, कर्मचारी, कॉट्रैक्ट पर कार्यरत कर्मचारी,
जनभागीदारी के तहत पॉलिटेक्निक और सरकारी महाविद्यालायो में कार्यरत कर्मचारी वर्षो से नियमित होने की राह से रहे है। पता नही मध्यप्रदेश की मोहन सरकार कब इन कर्मचारियों के विषय में सोचेगी और हरियाणा की तरह ही सभी कर्मचारियों को नियमित करेगी। इन्हे नियमित करने पर सरकार पर कोई बोझ भी नही आयेगा क्युकी की इन लोगो की आधी उम्र तो वैसे भी निकल चुकी है इन्हे जिस दिन से नियमित करेगे उसी दिन से वेतन देना होगा। और ये लोग विभागों के काम पहले से कर रहे है तो कोई ट्रेनिग भी देने की जरूरत नहीं होगी। नई नोकरी और परीक्षा की भी जरूरत नहीं होगी। इन हजारों लाखों लोगो की आश है की हरियाणा की तरह भी मध्यप्रदेश की सरकार इन्हे नियमित करे। और सालो से की जा रही इनकी मांगों को सुना जाए। जल्द से जल्द मध्यप्रदेश की सरकार हरियाणा की तरह इन्हे भी तोहफा देंगी। और कर्मचारियों का आजीवन भविष्य सुरक्षित करेगी। और कब कर्मचारियों की नौकरी पक्की की जाएगी।
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