राजकुमार गुप्ता 
मथुरा, 09 अगस्त 2024 ।
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अर्न्तगत स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनपद में 10 अगस्त को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा । अभियान के दौरान एक से 19 वर्ष तक की आयु के मथुरा 14.16 लाख बच्चों और किशोरों,किशोरियों को एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी । अभियान में दवा खाने से छूटे हुए बच्चों को आच्छादित  करने के लिए 14 अगस्त को मॉप अप राउंड चलेगा । इसमें स्कूलों व आंगनवाड़ी केंद्रों पर विद्यार्थियों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय कुमार वर्मा ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से एक से पांच साल तक के बच्चों को दवा दी जाएगी। जबकि स्वास्थ्य विभाग की टीम स्कूलों में छह से 19 साल तक के बच्चों व किशोरों को शिक्षकों की मदद से दवा खिलाएंगे। उन्होंने कहा कि यह दवा चबाकर खानी है। टीम दवा अपने सामने खिलाएगी। किसी भी बच्चे या परिजन को दवा बाद में खाने के लिए नहीं दी जाएगी। मथुरा 14.16 लाख बच्चों और किशोरों,किशोरियों को एल्बेंडाजोल की दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। कृमि मुक्ति दिवस से जुड़े सभी अधिकारियों को शत प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति के लिए निर्देशित भी किया गया हैं ।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत हर साल दो बार पेट के कीड़े निकालने वाली दवा खिलाई जाती है। पेट में कीडे़ होने के चलते बच्चे-किशोरों में खूनी की कमी हो जाती है। दरअसल कीड़े पूरा पोषण खा जाते हैं और बच्चे कुपोषण के साथ ही एनीमिक भी हो जाते हैं। बच्चों और किशोर-किशोरियों में कृमि के कारण मानसिक और शारीरिक विकास बाधित होता है।

जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी पारुल शर्मा ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत एक से पांच साल तक के बच्चों और छह से 19 साल तक स्कूल न जाने वाले बच्चों और घूमंतु व ईंट भट्‌ठों पर काम करने वाले श्रमिकों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। छह से 19 साल तक के स्कूल जाने वाले बच्चों को शिक्षकों के माध्यम से और किशोर जुबेनाइल होम में प्रभारी अधीक्षक के माध्यम से पेट के कीड़े निकालने वाली दवा खिलाई जाएगी।

 
जिला कम्युनिटी प्रक्रिया प्रबंधक पारुल शर्मा ने बताया कि एक से दो साल तक के बच्चों को आधी गोली और दो से 19 साल तक बच्चों व किशोरों को पूरी गोली खिलाई जाएगी। छोटे बच्चों को गोली पीसकर दी जानी है। जबकि बड़े बच्चे गोली चबाकर खा सकेंगे। 

यह हैं कृमि नियंत्रण के फायदे :
-    रोग प्रतिरोधक शक्ति में वृद्धि
-    स्वास्थ्य और पोषण में सुधार
-    एनीमिया नियंत्रण
-    समुदाय में कृमि व्यापकता में कमी
-    सीखने की क्षमता और कक्षा में उपस्थिति में सुधार

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